सोते समय अनजाने में यूरीन निकल जाने को बेड वेटिंग या बिस्तर गीला (bed wetting) करना कहते हैं। ज्यादातर बच्चे बड़े होने पर धीरे-धीरे बिस्तर गीला करना बंद कर देते हैं। आमतौर पर 4 से 6 साल की उम्र के बीच ज्यादातर बच्चे अपने शरीर के प्राकृतिक तंत्र को समझ जाते हैं और पेशाब लगने पर बिस्तर से उठने के लिए कहने लगते हैं। मगर इस उम्र के बाद भी कुछ बच्चे गहरी नींद या थकावट में ऐसा नहीं कर पाते। डॉक्टर इसे भी सामान्य मानते हैं। पर अगर कोई बच्चा 12 वर्ष की उम्र के बाद भी सप्ताह में दो बार भी बिस्तर गीला करता है, तो उसे समस्या (How to stop bed wetting) माना जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में आपको अपने बच्चे के लिए डॉक्टर से परामर्श करने की जरूरत होती है।
नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. बिलाल खान कहते हैं, “ हालांकि बिस्तर गीला करना गंभीर समस्या नहीं है। पर यह आपके बच्चे और परिवार के लिए तनाव का कारण बन सकता है। जो बच्चे बिस्तर गीला करते हैं, वे शर्मिंदगी महसूस कर सकते हैं। वे कई गतिविधियों में भाग लेने से बचने लगते हैं, जैसे कि स्लीपओवर। रिश्तेदारों के घर रुकते हुए भी उन्हें डर होता है कि वे बिस्तर गीला कर देंगे। यह समझना जरूरी है कि बिस्तर गीला करना खराब टॉयलेट ट्रेनिंग या आलस्य का परिणाम नहीं है।
डाॅ. बिलाल कहते हैं,बिस्तर गीला करने (Bed wetting) के कारणों का निश्चित रूप से पता नहीं है, लेकिन कई कारक इसमें भूमिका निभा सकते हैं, जैसे:
आपके बच्चे का ब्लैडर इतना विकसित नहीं हो सकता कि वह रात में बने यूरीन को संभाल सके।
यदि यूरीन को कंट्रोल करने वाली नसें धीमी गति से विकसित हो रही हैं, तो पूरा यूरीन होने पर आपके बच्चे की नींद नहीं टूटती। यह खासतौर पर गहरी नींद में रहने वाले बच्चों के लिए सही हो सकता है।
बचपन में, कुछ बच्चों में एंटी-डाय्यूरेटिक हार्मोन (ADH) का उत्पादन पर्याप्त नहीं होता है, जो रात में यूरीन के उत्पादन को कम करता है।
यूटीआई (UTI) बच्चे के यूरीन को कंट्रोल करने में मुश्किल पैदा कर सकता है। इसके लक्षणों में बिस्तर गीला करना, दिन में अचानक यूरीन महसूस होना, बार-बार जाना, लाल या गुलाबी यूरीन, और यूरीन करते समय दर्द शामिल हैं। ये पढेंhttps://www.healthshots.com/hindi/intimate-health/here-are-the-tips-to-deal-with-urinary-tract-infection/
कभी-कभी बिस्तर गीला करना ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का संकेत हो सकता है, जहां बच्चे की नींद के दौरान सांस लेने मे दिक्कत होती है। इसके अन्य लक्षणों में खर्राटे और दिन में नींद आना शामिल हो सकता है।
अगर कोई बच्चा सामान्यत: रात में सूखा रहता है, तो बिस्तर गीला करना डायबिटीज का पहला संकेत हो सकता है। इसके अन्य लक्षणों में एक साथ बड़ी मात्रा में यूरीन आना, ज्यादा प्यास या थकान और अच्छे खाने के बावजूद वजन का घटना शामिल हैं।
अगर बच्चा को लगातार कब्ज की समस्या रहती है, तो यह आतों के समुचित कार्य में बाधा डाल सकता है, जो बिस्तर गीला करने से जुड़ा हो सकता है।
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कभी-कभी, बिस्तर गीला करने का कारण शरीर में ये हिस्से अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग तरीके से विकसित हो सकते हैं।
तनावपूर्ण घटनाएं बिस्तर गीला करने का कारण हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, परिवार में नए बच्चे का आना, नए स्कूल में जाना, या घर से दूर सोना।यह भी देखें बच्चों में आत्मघाती विचार बढ़ा रहे हैं बॉडी शेमिंग और तनाव, जानें इस स्थिति से कैसे निपटना है
अगर एक या दोनों माता-पिता बचपन में बिस्तर गीला करते थे, तो उनके बच्चे में भी बिस्तर गीला करने की संभावना अधिक होती है।
बिस्तर गीला करना उन बच्चों में अधिक सामान्य है, जो ADHD से प्रभावित होते हैं।
लाइफस्टाइल में परिवर्तन :
शाम को लिक्विड्स का सेवन सीमित करें, विशेष रूप से कैफीन का। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा सोने से पहले बाथरूम जाए। अपने बच्चे को दिन में हर 2-3 घंटे में बाथरूम ले कर जाएं। अपने बच्चे को सुबह जल्दी उठकर खूब पानी पीने के लिए प्रेरित करें।
यह एक अभिभावक का दायित्व है कि वह अपने बच्चे को बाथरूम जाने के लिए एक निश्चित समय पर जगाए। बिस्तर पर जाने से पहले और सुबह उठने पर तो बाथरूम जाना जरूरी है ही। अगर आपका बच्चा बिस्तर गीला करता है, तो रात के समय उसे उठाकर बाथरूम ले जाना भी जरूरी है।
छाेटे-छोटे जेस्चर महत्वपूर्ण बदलाव कर सकते हैं। जब आपका बच्चा अच्छा व्यवहार करे, अपनी टॉयलेट ट्रेनिंग को फाॅलो करे और बिस्तर गीला न करे, तो उसे शाबाशी दें। पुरस्कृत करें।
ये उपकरण रात में पहने जाते हैं और इनमें एक अलार्म होता है जो आपके बच्चे के यूरीन करने पर बजता है। आप अपने डॉक्टर से बात करके, अगर इसकी जरूरत हो तो उसे जरूर इस्तेमाल करें।
अगर आप ये सब कर के भी समस्या से निजात नहीं पा रहे, तो डाॅक्टर की सलाह पर कुछ दवाइयां बच्चों में बिस्तर गीला करने की समस्या को रोकने में मदद कर सकती है।
बिस्तर गीला करने वाले किसी भी व्यक्ति का मजाक न उड़ाएं या उसे शर्मिंदा न करें। इससे तनाव और अधिक बढ़ता है और इस आदत का छूटना मुश्किल हो सकता है। यह इतनी गंभीर समस्या नहीं है जिससे निजात न पाई जा सके। इसलिए इसे किसी बच्चे का संपूर्ण व्यक्तित्व पर हावी न होने दें।