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फूलगोभी खाने के बाद पेट में बनने लगती है गैस, तो जानिए इसे पकाने का सही तरीका

पोषक तत्वों से भरपूर होने के बावजूद गोभी का अधिक सेवन शरीर में गैस बनने की समस्या का कारण बन जाता है। कुछ लोग इसे डीप फ्राई करके खाते हैं, तो कुछ मसालों का प्रयोग करते है। इससे पेट में गैस बनने की समस्या का सामना करना पड़ता है।
फूलगोभी में ग्लूकोसाइनोलेट्स और हाइड्रोजन सल्फ़ाइड जैसे कंपाउड की अधिकता पेट में गैस बनने का कारण बनते है। चित्र- अडोबीस्टाॅक
Updated On: 21 Oct 2024, 04:44 pm IST
मेडिकली रिव्यूड

त्योहारों के मौके पर कभी परांठे, कभी सब्जी, तो कभी पकौड़ों के रूप में फूलगोभी का सेवन बढ़ जाता है। इसमें कोई दोराय नहीं कि इस सुपरफूड में फाइटोन्यूट्रिएंट्स, फाइबर और विटमामिन बी समेत कई पोषक तत्वों प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। मगर बावजूद इसके गोभी का अधिक सेवन शरीर में गैस बनने की समस्या का कारण बन जाता है। हो भी क्यों न कुछ लोग इसे डीप फ्राई करके खाते हैं, तो कुछ इसके स्वाद को अचारी बनाने के लिए ढ़ेर सारे मसालों का प्रयोग करते है। इससे गोभी से पेट में गैस का सामना करना पड़ता है। जानते है गोभी से शरीर में क्यों बनती है गैस और इसे पकाने का उचित तरीका भी।

पहले जान लेते हैं फूलगोभी के फायदे (Benefits of cauliflower)

1. एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार गोभी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा से शरीर में फ्री रेडिकल्स और इंफ्लामेशन का खतरा कम होने लगता है। इसमें मौजूद ग्लूकोसाइनोलेट्स और आइसोथियोसाइनेट्स की मात्रा शरीर में कैंसर सेल्स की ग्रोथ को स्लो करता है। इसके अलावा विटामिन सी की मात्रा शरीर में संक्रमण के खतरे को कम कर देती है।

एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर फूलगोभी में विटामिन के, फोलेट और फाइबर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। चित्र शटरस्टॉक।

2. वेटलॉस में मददगार

यूएसडीए के अनुसार ये एक लो कैलोरी फूड और 1 कप गोभी के सेवन से 27 कैलोरीज़ की प्राप्ति होती है। इसमें मौजूद फाइबर का उच्च स्तर भूख को नियंत्रित कके मेटाबाफलिज्म को बढ़ाता है। एनआईएच के अनुसार गोभी में 92 फीसदी पानी की मात्रा पाई जाती है। इससे मोटापे से बचने में मदद मिलती है।

3.हाई ब्लड प्रेशर को करें कम

इसमें विटामिन और मिनरल के अलावा सल्फोराफेन की मात्रा पाई जाती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार इसमें मौजूद सल्फोराफेन तत्व उच्च रक्तचाप को कम करके आर्टरीज़ के स्वास्थ्य को उचित बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में भी मदद करती है।

इसमें मौजूद सल्फोराफेन तत्व उच्च रक्तचाप को कम करके आर्टरीज़ के स्वास्थ्य को उचित बनाए रखने में मदद करता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

4. मस्तिष्क का करे विकास

मस्तिष्क के विकास में कोलीन बेहद कारगर तत्व है। फूलगोभी का सेवन करने से शरीर में इसकी कमी पूरी होती है। इसके सेवन से मूड स्विंग, याददाश्त की कमी और फोक्स न पाने की समस्या हल होने लगती है। कोलीन न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन को बढ़ाता है, जो नर्वस सिस्टम को हेल्दी बनाता है।

फूलगोभी से क्यों बनने लगती है गैस (Why does cauliflower cause gas?)

मेकग्रिल युनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार फूलगोभी की गिनती क्रूसिफेरस सब्जी में की जाती है। इसे पकाने से इसकी गैस बनाने की क्षमता को कम करने में मदद मिल सकती है। फूलगोभी में फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसका अधिक सेवन करने से ब्लोटिंग और गैस बनने का जोखिम बढ़ जाता है। फूलगोभी में मौजूद फ़ाइबर की उच्च मात्रा शरीर उचित प्रकार से पचा नहीं पाता है, जिससे गैस और ब्लोटिंग का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा ग्लूकोसाइनोलेट्स और हाइड्रोजन सल्फ़ाइड जैसे कंपाउड की अधिकता भी गैस का कारण बनते है।

फूलगोभी में कॉम्प्लेक्स शुगर रैफिनोज पाई जाती है, जिसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। पाचन के दौरान शरीर इसे ठीक से नहीं तोड़ पाता, जिससे बिना डाइजेस्ट हुए लार्ज इंटेस्टाइन में पहुंच जाता है। जहां मौजूद बैक्टीरिया उसे फरमेंट कर देते हैं। इसके चलते एसिडिटी बढ़ने लगती है।

इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती है कि फूलगोभी एक लो कैलेरी फूड है, जिसे विटामिन और मिनरल की उच्च मात्रा पाई जाती है। अक्सर लोग इसे पकाकर या स्टीम करके खाना पसंद करते हैं। इसमें फोलेट, पोटेशियम और मैंगनीज की मात्रा पाई जाती हैं। साथ ही एंटीऑक्सीडेंटस शरीर को संक्रमण से बचाते हैं। फूलगोभी में मौजूद सल्फोराफेन की मात्रा हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को नियंत्रित करके हार्ट को हेल्दी रखती है। गर्मियों में अधिकतर लोग प्रीजर्वड गोभी खाते हैं। इस बात का ख्याल रखें कि गैस से बचने के लिए ताज़ी गोभी खाएं।

फूलगोभी में मौजूद फ़ाइबर की उच्च मात्रा शरीर उचित प्रकार से पचा नहीं पाता है, जिससे गैस और ब्लोटिंग का सामना करना पड़ता है। चित्र-शटरस्टॉक।

गैस की समस्या से बचने के लिए इस तरह बनाएं फूलगोभी

1. नमक के पानी में भिगोएं

फूलगोभी को काटने के बाद 2 से 3 बार धोएं। फिर गुनगुने पानी में नमक डालकर कुछ देर के लिए भिगोकर रख दें। इससे गोभी नर्म हो जाती है, जिससे पाचन में मदद मिलती है। 10 से 15 मिनट तक पानी में भिगोकर रखने से सब्जी में मौजूद एंटी न्यूट्रीएंट व पेस्टीसाइड अपने आप निकल जाते हैं। साथ ही गोभी में मौजूद महीन कीड़े मकौड़ों से भी मुक्त किया जा सकता है।

2 पहलें उबालें फिर पकाएं

सब्जी को उबालने के बाद डीप फ्राई करने से बचें। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कम मसालों का इस्तेमाल करें और पकाएं। इससे एसिडिटी और अपच से बचा जा सकता है। फूलगोभी को उबालने के बाद छान लें और फिर तैयार किए गए मसाले में डाल दे। अगर ग्रेवी वाली सब्जी बना रही हैं, तो उसमें अलग से पानी एड कर सकते हैं।

3 पाचन बढ़ाने वाले मसालों का करें इस्तेमाल

पानी अलग करने के बाद पैन में कुकिंग ऑयल डालकर हींग, अदरक, लहसुन और अजवाइन डालकर पकाएं। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, फाइटो केमिकल्स और एंटी इंफ्लामेटरी गुण गोभी खाने के बाद बढ़ने वाली ब्लोटिंग से बचाने में मदद करते हैं। इससे शरीर में बढ़ने वाले मौसमी संक्रमण से भी राहत मिल जाती है। सब्जी तैयार होने के बाद उसके स्वाद और पोषण को बढ़ाने के लिए सौंफ का पाउडर डाल दें। इसमें मौजूद एंटी एसिडिक प्रभाव गैस की समस्या दूर करता है। साथ ही स्वाद को भी बढ़ा देता है।

प्रोबायोटिक्स यानि दही और छाछ के साथ सर्व करें। इससे शरीर में डाइजेस्टिव एंजाइम की मात्रा बढ़ जाती है।

4 प्रोबायोटिक्स के साथ सर्व करें

गोभी की सब्जी को प्रोबायोटिक्स यानि दही और छाछ के साथ सर्व करें। इससे शरीर में डाइजेस्टिव एंजाइम की मात्रा बढ़ जाती है और पाचन में मदद मिलती है। इसके अलावा शरीर को अल्फा-गैलेक्टोसिडेज़ एंजाइम मिलता है जो ओलिगोसेकेराइड को पचाने में मदद करता है। इससे ब्लोटिंग और सूजन को कम किया जा सकता है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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