शुद्धता का प्रतीक कपूर मंदिर में और घर में कई तरह से प्रयोग की जाती है। रसोई में मौजूद कपूर की क्यूब्स अन्य कार्यों के अलावा त्वचा की देखरेख में भी मुख्य भूमिका निभाती है। स्किन पर होने वाली जलन से लेकर एक्ने तक ही समस्या को दूर करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तरह तरह के प्रोडक्टस को कपूर से रिप्लेस किया जा सकता है। इससे स्किन क्लीन और हेल्दी बनी रहती है। साथ ही केमिकल्स के कारण स्किन के टैक्सचर में आने वाले बदलाव को भी संतुलित किया जा सकता है। जानते हैं कपूर के फायदे और इसे अप्लाई करने का तरीका भी (how to use camphor for skin)।
साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार इसमें एंटी इंफ्लामेटरी और हीलिंग प्रॉपर्टीज़ पाई जाती है। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली खुजली, जलन और इरिटेशन की समस्या हल हो जाती है। इसके अलावा एग्ज़िमा और एक्ने प्रोन स्किन की समस्या को भी हल कर देता है। एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर कपूर को त्वचा के ग्लो को बढ़ाने और त्वचा के रूखेपन को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार इसमें पिनीन, कैम्फीन, बी.पिनीन, लिमोनीन, 1-8 सिनेओल और पी.साइमीन पाया जाता हैं। साथ ही एंटी इंफ्लामेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, जीवाणुरोधी, एंटीफंगल और एंटीस्पास्मोडिक गुण पाए जाते हैं।
इस बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि त्वचा संबधी समस्याओं को दूर करने के लिए कपूर बेहद कारगर है। इसे घाव पर लगाने से बर्निंग प्रॉबल्म कम होने लगती है और हीलिंग में मदद मिलती है। इसके अलावा चेहरे पर निकलने वाली मुहांसों को दूर करने के लिए गुलाब जल में मिलाकर लगाने से फायदा मिलता है। इसके अलावा फटी एड़ियों की समस्या से राहत पाने के लिए भी इसे पीसकर नारियल के तेल में मिलाकर लगाना फायदा पहुंचाता है। इसे त्वचा पर अपलाई करने से डेड स्किन सेल्स की समस्या हल होने लगती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार इसमें एंटी एजिंग गुण पाए जाते हैं। इसे चेहरे पर लगाने से कोलेजन की मात्रा बढ़ती है, जिससे त्वचा पर दिखने वाली फाइन लाइंस की समस्या हल होने लगती है। सप्ताह में दो बार इसे चेहरे पर अप्लाई करने से त्वचा पर नेचुरल ऑयल की मात्रा बनी रहती है, जिससे स्किन के टैक्सचर में सुधार आने लगता है।
कील मुहांसों की बढ़ती समस्या के चलते चेहरे पर दाग धब्बों की समस्या भी बनी रहती है। त्वचा पर बढ़ने वाले सीबम सिक्रीशन को नियंत्रित करके स्किन की डीप क्लींजिंग करके स्किन को ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स से बचाया जा सकता है। इससे स्किन सेल्स को रिपेयर करके त्वचा के निखार को बढ़ाया जा सकता है।
एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज़ से भरपूर कपूर को चेहरे पर लगाने से स्किन की मिडल लेयर डर्मिस में फाइब्रोब्लास्ट की मात्रा बढ़ने लगती है। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली एलर्जी से बचा जा सकता है और सन बर्न के कारण बढ़ने वाली जलन से भी राहत मिल जाती है।
त्वचा पर बढ़ने वाले रूखेपन को कम करने क लिए कपूर एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें मौजूद नेचुरल आयल की मात्रा त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करती है। इससे स्किन क्लीन और हेल्दी बनी रहती है। साथ ही मौसम में आने वाले बदलाव के कारण बढ़ने वाले रूखेपन से भी बचा जा सकता है।
चेहरे पर बनने वाले डार्क स्पॉटस को कम करने के लिए कपूर की क्यूब का एक चौथाई हिस्सा लेकर उसमें बादाम को तेल मिलाएं और रात को सोने से पहले चेहरे पर लगा ले। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली डेड स्किन सेल्स की समस्या हल होने लगती है।
ड्राई स्किन झुर्रियों का कारण बनने लगती है। ऐसे में स्किन को हाईड्रेट रखने के लिए एक चौथाई कपूर को पीसकर पाउडर बना लें और उसमें नारियल के तेल को मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इससे त्वचा नर्म और मुलायम रहती है। इससे झुर्रियों की समस्या हल होने लगती है।
बर्निंग सेंसेशन को कम करने के लिए कूलिंग प्रॉपर्टीज़ से भरपूर एलोवेरा जेल को पाउडर में मिलाकर चेहरे, बाजूओं और गर्दन पर लगाएं। इससे त्वचा को ठंडक मिलती है और त्वचा पर बढ़ने वाले रैशेज़ को कम किया जा सकता है। इसके अलावा त्वचा पर बढ़ने वाली खुजली से राहत मिलती है।
टैनिंग को रिमूव करने और अनईवन स्किन टोन को निखारने के लिए कपूर में शहद को मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इससे स्किन क्लीन और नमी युक्त बनी रहती है। इससे स्किन की लेयर्स में कोलेजन की मात्रा बढ़ती है, जिससे पिगमेंटेशन से राहत मिल जाती है।
किसी प्रकार के घाव या संवेदनशील त्वचा पर सीधे कपूर को अप्लाई करने बचें। इसके अलावा अगर जलन पर कपूर को लगाने के बाद जलन बढ़ने लगी है और स्किन पर रेडनेस दिख रही है, तो कपूर तुरंत रिमूव कर दें। नियमित रूप से कपूर के इस्तेमाल से बचें। कपूर को सप्ताह में दो से तीन बार इस्तेमाल करें।
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