पर्सनलाइज्ड कंटेंट, डेली न्यूजलैटरससाइन अप

बालतोड़ है दर्दनाक और इरिटेट करने वाली समस्या, जानिए क्यों होते हैं ये और इनसे कैसे बचना है

स्किन हाइजीन का ख्याल न रख पाने के कारण बालतोड़ की समस्या का सामना करना पड़ता है। बाल टूटने से बनने वाली गांठ कई दिनों तक दर्द का कारण बनी रहती है। सबसे पहले जानते हैं बालतोड़ के कारण
Updated On: 14 Oct 2024, 07:08 pm IST
ये त्वचा संक्रमण है, जो बालों के रोम या ऑयल ग्लैंड के नज़दीक बनता है। इसे फुरुनकल भी कहा जाता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

अंदर क्या है

  • क्या है बालतोड़
  • बाल तोड़ के सबसे आम कारण
  • बालतोड़ से बचने के उपाय
  • नुस्खों से बालतोड़ से पाएं राहत

त्वचा पर बनने वाले दाने न केवल खूबसूरती को कम करते है बल्कि दर्द का कारण भी साबित होते हैं। स्किन हाइजीन (skin hygiene) का ख्याल न रख पाने के कारण त्वचा संक्रमण का शिकार होने लगती है। इससे बालतोड़ की समस्या का सामना करना पड़ता है। पुराने दौर में लोग घरेलू नुस्खों (home remedies for baltod) से बालतोड़ का इलाज कर लिया करते थे। मगर बाल टूटने से बनने वाली गांठ कई दिनों तक दर्द का कारण बनी रहती है। सबसे पहले जानते हैं कि बालतोड़ क्या है और किन कारणों से इस समस्या का सामना करना पड़ता है (How to deal with Baltod)।

क्या है बालतोड़ और यह क्यों होता है (Baltod and its causes)

इस बारे में बातचीत करते हुए आर्टिमिस अस्पताल गुरूग्राम में सीनियर फीज़िशियन डॉ पी वेंकट कृष्णन का कहना है कि असल में बाल तोड़ एक तरह का फोड़ा यानि बॉयल मवाद से भरा एक संक्रमण होता है। ये त्वचा संक्रमण है, जो बालों के रोम या ऑयल ग्लैंड के नज़दीक बनता है। इसे फुरुनकल भी कहा जाता है। वे जगह जहां शरीर पर बाल होते हैं, किसी कारण से आने वाले अत्यधिक पसीने से जीवाणु संक्रमण बढ़ने लगता है। आमतौर पर शेविंग या वैक्सिंग के समय या फिर बरसात के मौसम में उमस बढ़ने से भी हेयर फॉलिकल इंफेक्शन बढ़ने लगता है। ये संकमण गर्दन, ब्रेस्ट के नीचे, चेहरे, थाइज़ और नितंबों पर बनने लगते हैं।

स्किन पर बनने वाला ये बैक्टीरिया बालों के रोम और उसके आस-पास के स्किन टिशूज को संक्रमित कर देता है। इसके बाद व्हाइट ब्ल्ड सेल्स उस जगह पर एकत्रित होकर मवाद बनाते हैं जो त्वचा के नीचे जमा हो जाती हैं। ये गांठ का रूप ले लेता है और दर्द का कारण बन जाता है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार ऐसे 10 फीसदी लोग जो पहले भी बालतोड़ का शिकार हुए हों, वे साल भर में दोबारा इस संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं। वे लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है, उनमें बॉइल का जोखिम बना रहता है।

10 फीसदी लोग जो पहले भी बालतोड़ का शिकार हुए हों, वे साल भर में दोबारा इस संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं।

क्या हैं बाल तोड़ के सबसे आम कारण (Common cause of baltod)

1. बैक्टीरिया की ग्रोथ

स्टैफिलोकोकस ऑरियस संक्रमण बॉयल का कारण बनते हैं। इस संक्रमण के चलते त्वचा के नीचे मवाद एकत्रित होकर एक दर्दनाक गांठ का रूप ले लेती है। इससे आसपास की त्वचा का रंग लाल होने लगता है। अतिरिक्त पसीना आने वाली जगह पर फोड़े की संभावना बनी रहती है। इससे पसीने वाली जगह पर बैक्टीरिया की ग्रोथ तेज़ी से बढ़ने लगती है।

2. मोटापे का बढ़ना

वज़न बढ़ने से त्वचा पर सिलवटें बढ़ने लगती है। इसके चलते स्वैट ग्लैण्ड बंद होने लगते हैं, जिससे बॉयल का जोखिम बढ़ने लगता है। इससे शरीर पर बालतोड़ की समस्या, पेनफुल गांठ, ब्लैकहेड्स और सिस्ट का खतरा बना रहता हैं। बॉयल के चलते त्वचा पर सूजन की समस्या बनी रहती है और दर्द व इरिटेशन का सामना करना पड़ता है। बॉयल से त्वचा पर खुजली बढ़ने लगती है।

3. कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता

वे लोग जिनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है, उन्हें एक ही जगह पर कई बार बॉइल का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा वे लोग जो इस समस्या से ग्रस्त है, उनके संपर्क में आने से भी बालतोड़ का सामना करना पड़ता है। बॉयल के कारण आसपास की त्वचा पर रूखापन बढ़ जाता है। किसी तरह के कट लगने या हेयर फॉलिकल के चलते बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। मज़बूत इम्यून सिस्टम वाले लोग लोगों के शरीर पर व्हाइट ब्लड सेल्स एकत्रित होने लगते हैं। क्षतिग्रस्त त्वचा पर जमा होकर मवाद बनाती हैं।

शेविंग के दौरान हाइजीन का ख्याल न रखने से बालतोड़ की समस्या बढ़ने लगती है।

4. अनसेफ शेविंग

शेविंग के दौरान हाइजीन का ख्याल न रखने से बालतोड़ की समस्या बढ़ने लगती है। शुरूआत में मुहासों के समान दिखने वाले बॉयल बढ़कर गांठ के समान दिखते हैं। फिर बालतोड़ दर्द का कारण बनने लगते हैं। फोड़े से छेड़छाड़ करने से दर्द की समस्या लंबे वक्त तक बनी रहती है।

बालतोड़ से बचने के लिए इन बातों का रखें ख्याल (How to avoid baltod risk)

1. साफ कपड़े पहनें

देर तक गीले और पसीने से लथपथ कपड़े त्वचा पर संकमण के कारण बनने लगता है। ऐसे में ढ़ीले और हल्के कपड़े पहनें। साथ ही साफ और सूखे कपड़े पहनकर रखें। इससे त्वचा पर मॉइश्चर को एकत्रित होने से रोका जा सकता है। स्किन हाइजीन का ख्याल रखें ।

2. वॉर्म कंप्रेस है मददगार

बालतोड़ वाली जगह पर वॉर्म कंप्रेस से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित बना रहता है और त्वचा पर बढ़ने वाली लालिमा कम हो जाती है। इसके लिए कपड़े को हल्के गुनगुने पानी में डालकर भिगो लें और फिर फोड़े पर लगाएं।

बालतोड़ वाली जगह पर वॉर्म कंप्रेस से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित बना रहता है और त्वचा पर बढ़ने वाली लालिमा कम हो जाती है।

3. बालतोड़ के संपर्क में आने के बाद हाथ धोएं

बालतोड़ शरीर के किसी भी अंग पर बनने लगता है, जो दर्द औश्र इरिटेशन का बढ़ाता है। ऐेसा व्यक्ति, जो बालतोड़ से ग्रस्त है, उसके संपर्क में आने से बचें। अगर आप बॉयल को छूती है, तो तुरंत हाथों को धोएं। इससे त्वचा पर बालतोड़ की संभावना बढ़ जाती है।

इन नुस्खों से बालतोड़ से पाएं राहत (baltod treatment)

1. हल्दी और एलोवेरा लगाएं

एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर हल्दी में एलोवेरा जेल को मिलाकर बालतोड़ पर लगाने से सूजन से बचा जा सकता है। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली लालिमा को कम करके स्किन पर बॉयल को बनने से रोका जा सकता है। चुटकी भर हल्दी को एलोवेरा जेल में मिलाकर 10 से 15 मिनट के लिए लगाने से त्वचा को राहत मिलती है।

2. टी ट्री तेल

टी ट्री तेल स्किन के बैक्टीरिया के प्रभाव से मुक्त रखता है। ऐसे में बालतोड़ से राहत पाने के लिए कुछ बूंद टी ट्री तेल को पानी में मिलाएं और फिर कपड़े को गीला करके प्रभावित स्थान पर लगाएं। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली इरिटेशन और खुजली से राहत मिल जाती है। दिन में दो बार इसे अप्लाई करने से त्वचा को बॉयल से बचाया जा सकता है।

इससे त्वचा पर बढ़ने वाली इरिटेशन और खुजली से राहत मिल जाती है। दिन में दो बार इसे अप्लाई करने से त्वचा को बॉयल से बचाया जा सकता है।

3. नीम की पत्तियों का लेप

त्वचा को बैक्टीरिया के प्रभाव से मुक्त करने के लिए नीम के पत्तों को पीसकर उसमें आवश्यकतानुसार पानी मिलाएं और बालतोड़ पर कुछ देर लगाकर छोड़ दें। इससे त्वचा को राहत मिलती है और संक्रमण का प्रभाव कम होने लगता है।

4. लहसुन की कलियां

एंटी माइक्रोबियल प्रॉपर्टीज से भरपूर लहसुन को छीलकर उसको क्रश कर दें। अब एक गीले कपड़े में बांधकर बॉयल पर 15 से 20 मिनट तक रखें। इससे त्वचा को राहत मिलती है। दिन में दो बार इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से त्वचा का राहत मिल जाती है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

अगला लेख