वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के अनुसार आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया पूरे विश्व में सबसे कॉमन न्यूट्रीशनल डिफिशिएंसी में से एक है। लगभग 30% पापुलेशन इस कंडीशन से प्रभावित है। बहुत से लोगों को आयरन डिफिशिएंसी (iron deficiency) की जानकारी होती है, तो बहुत से लोगों के शरीर में आयरन की कमी होने के बावजूद भी उन्हें पता नहीं लगता। जिसकी वजह से हिमोग्लोबिन में गिरावट आ सकती है और शरीर में खून की कमी हो सकती है।
ऐसे में सभी आवश्यक पोषक तत्वों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, खासकर यदि हीमोग्लोबिन कम है, या आपको एनीमिया (iron deficiency) की शिकायत है, तो अपने बॉडी में आयरन की मात्रा जरूर जांचें । वहीं आयरन लेवल कम होने पर फौरन इस पर काम शुरू करें।
आयरन हीमोग्लोबिन का एक प्रमुख कॉम्पोनेन्ट है, जो लाल रक्त कोशिकाओं को फेफड़ों के माध्यम से ऑक्सीजन को शरीर के बाकी हिस्सों में ले जाता है। आयरन मजबूत इम्युनिटी के निर्माण में मदद करता है, जो संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर को तैयार करती है। रक्तदान के माध्यम से खोए गए लाल रक्त कोशिकाओं की जगह नई लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए आयरन की आवश्यकता होती है।
आयरन स्वस्थ मांसपेशियों के लिए महत्वपूर्ण है, और मायोग्लोबिन, एक प्रोटीन जो मांसपेशियों की कोशिकाओं में ऑक्सीजन संग्रहीत करता है, इसमें भी आयरन मौजूद होता है।
आयरन डिफिशिएंसी (iron deficiency) को ट्रीट करना बेहद आसान है, वहीं आप आयुर्वेदिक नुस्खे की मदद से भी शरीर में आयरन की कमी को पूरा कर सकती हैं। आयुर्वेद एक्सपर्ट चैताली राठौर ने ऐसे तीन खास आयुर्वेदिक नुस्खे बताए हैं, जो बॉडी में आयरन लेवल को इंप्रूव करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही जानेंगे कुछ अन्य आयरन युक्त खाद्य स्रोत के बारे में जो शरीर में आयरन की आवश्यकता को पूरा करने में आपकी मदद करेंगे। वहीं आयरन डिफिशिएंसी (iron deficiency) एनीमिया जैसी स्थिति नहीं होने देंगे।
अपने नाश्ते में चना (भुना हुआ काला चना) गुड़ शामिल करें (यदि आप मधुमेह रोगी हैं तो गुड़ न खाएं) इसमें आयरन और प्रोटीन, सहित महत्वपूर्ण सेलेनियम, फाइबर और विटामिन बी6 की मात्रा मौजूद होती है। आयुर्वेद के अनुसार इसमें लीवर की बीमारी सहित त्वचा संबंधी समस्याओं से डील करने की गुणवत्ता पाई जाती है। इसके साथ ही इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं। अपने नाश्ते में थोड़ी मात्रा में गुड़ और चना शामिल करें।
तिल के छोटे दाने एक अद्भुत सुपरफूड हैं, जो सभी उम्र के लोगों के लिए बेहद ज़रूरी होते हैं। तिल के बीज हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। तिल के बीज आयरन, कॉपर, जिंक और अन्य पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है, जो हीमोग्लोबिन संश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। भोजन तैयार करने में तिल के तेल का उपयोग करें, या आप तिल को भूनकर दिन में एक बार 1 चम्मच लें सकती हैं।
यह संयोजन आयरन और महत्वपूर्ण विटामिन का एक अच्छा स्रोत है। इसके सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन लेवल में सुधार करने में मदद मिलती है। शहद और आंवले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है, वहीं काली मिर्च में पोटैशियम और मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है, जो शरीर मे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। आंवले के साथ शहद और काली मिर्च के सेवन से आपको एनर्जेटिक रहने में मदद मिलती है, साथ ही यह इम्युनिटी को भी बढ़ावा देता है। इस प्रकार यह मिश्रण थकान और कमजोरी के एहसास को कम कर देता है।
लगभग 100 ग्राम कच्चे पालक में 2.7 मिलीग्राम आयरन होता है। यह नॉन-हीम आयरन है, जो शरीर में बहुत अच्छी तरह से अवशोषित नहीं हो पाते। वहीं पालक विटामिन सी से भी भरपूर होता है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि विटामिन सी आयरन के अवशोषण को काफी हद तक बढ़ा देती है। पालक कैरोटीनॉयड नामक एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर होता है, जो कैंसर के जोखिम को कम कर करने में मदद करते हैं, सूजन को रोकते है और आपकी आंखों को स्वस्थ रखते हैं।
फलियों के कुछ सबसे आम प्रकार बीन्स, दाल, छोले, मटर और सोयाबीन हैं। ये सभी आयरन का एक बेहतरीन स्रोत हैं, खासकर शाकाहारियों के लिए। एक कप (198 ग्राम) पकी हुई दाल में 6.6 मिलीग्राम आयरन होता है। ब्लैक बीन्स, नेवी बीन्स और किडनी बीन्स जैसी बीन्स आपके आयरन सेवन को आसानी से बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।
कद्दू के बीजों में पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है। इसके अलावा, कद्दू के बीज विटामिन K, जिंक और मैंगनीज का एक अच्छा स्रोत हैं। वे मैग्नीशियम के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक हैं। मैंगनीज इंसुलिन प्रतिरोध, मधुमेह और अवसाद के आपके जोखिम को कम करने में मदद करता है।
क्विनोआ एक लोकप्रिय अनाज है, जिसे स्यूडोसेरियल के रूप में जाना जाता है। पके हुए क्विनोआ का एक कप {185 ग्राम) 2.8 मिलीग्राम आयरन प्रदान करता है। इसके अलावा, क्विनोआ में ग्लूटेन नहीं होता है, जो इसे सीलिएक रोग या ग्लूटेन इन्टॉलरेंट के अन्य रूपों वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है। क्विनोआ कई अन्य अनाजों की तुलना में प्रोटीन में भी अधिक है, साथ ही फोलेट, मैग्नीशियम, कॉपर, मैंगनीज और कई अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
टोफू एक सोया-आधारित भोजन है, जो वीगन डाइट फॉलो करने वालों के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। आधा कप टोफू (126 ग्राम) के सर्विंग में 3.4 मिलीग्राम आयरन मिलता है। टोफू थायमिन और कैल्शियम, मैग्नीशियम और सेलेनियम सहित कई अन्य मिनरल्स का भी एक अच्छा स्रोत है। इसके अलावा, यह प्रति सर्विंग 22 ग्राम प्रोटीन प्रदान करता है।
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आयरन की कमी से सबसे पहले एनीमिया यानी कि खून की कमी हो सकती है। जिसकी वजह से शरीर में तमाम अन्य लक्षण नजर आते हैं। व्यक्ति थकान महसूस कर सकता है, त्वचा पीली पड़ सकती है, वहीं सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसके साथ-साथ सिर दर्द, हेयर फॉल, हृदय संबंधी समस्याएं भी आपको परेशान करना शुरू कर देती हैं।
शरीर में आयरन की कमी के प्रति ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर परेशानी में तब्दील हो सकती है। विशेष रूप से यह एनीमिया का कारण बन सकती है, जिसकी वजह से तमाम तरह की कॉम्प्लिकेशंस का सामना करना पड़ सकता है।
अनार, अंगूर, केला, सेब, संतरा, पपीता आदि शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ावा देने में आपकी मदद कर सकते हैं। जिससे कि रेड ब्लड सेल्स सामान्य रहता है और शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन एवं पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।
जी हां, कीवी हीमोग्लोबिन को बढ़ावा देने में आपकी मदद कर सकती है। कीवी में विटामिन सी और आयरन की मात्रा पाई जाती है, जो रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में आपकी मदद करती हैं। विशेष रूप से इसमें मौजूद विटामिन सी अन्य खाद्य पदार्थों से प्राप्त हुए आयरन के अवशोषण को बढ़ावा देती है, जिससे शरीर में आयरन की मात्रा बरकरार रहती है।