scorecardresearch

हड्डियों में कट कट की आवाज बताती है लुब्रिकेंशन की कमी, ये 5 सुपरफूड्स कर सकते हैं आपकी मदद

बढ़ती उम्र के साथ न केवल हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, बल्कि उनमें लुब्रिकेंट की कमी भी होने लगती है। इसलिए जरूरी है कि आप उन फूड्स के बारे में जानें,जो बोन्स में लुब्रिकेशन बढ़ा सकते हैं।
Published On: 20 Oct 2022, 04:03 pm IST
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
Bone health kaise majboot banayein
गाय का दूध पीने से शरीर में विटामिन डी की 21 फीसदी कमी पूरी होती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

अक्सर बदलते मौसम के साथ जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है है। उठते-बैठते और चलते-फिरते आपके हाथ-पैरों से कटकट की आवज आती है। जॉइंट में पेन (Joint pain) और उनका कठोर होना ये बताते हैं कि आपकी हड्डियों में लुब्रिकेंट की कमी हो गयी है और वो कमजोर हो रही हैं। जब आपके जॉइन्ट में चिकनाहट कम होती है, तो आपको बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप उन फूड्स के बारे में जानें, जो बोन्स में लुब्रिकेशन (joint lubrication food) बढ़ा सकते हैं।

शरीर में क्यों जरूरी होता है लुब्रिकेंट?

साधारण शब्दों में लुब्रिकेंट जोड़ो की ग्रीस (Greece in joints) होती है जो जॉइंट को चिकनाहट प्रदान करके हड्डियों को आपस में रगड़ने से रोकता है। हड्डियों के जॉइंट में पाए जाने वाले इस द्रव को सिनोवियम और कार्टिलेज भी कहते हैं।

बोन हेल्‍थ के लिए कैल्शियम अपरिहार्य है। चित्र: शटरस्‍टॉक
कैल्शियम आपके हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद करता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

आज के वक़्त में खराब लाइफस्टाइल, लम्बे वक़्त तक बैठे रहना या खड़े रहने, जंक फ़ूड का अधिक सेवन करने से कई बीमारी हो जाती है। जॉइंट में दर्द भी इन वजहों से ही होता है। पहले के समय में उम्रदराज लोगों में ऐसी शिकायतें दर्ज की जाती थी, लेकिन आज के समय में युवा पीढ़ी भी इससे ग्रस्त है। तो चलिए जानते हैं कि कैसे अपनी डाइट में कुछ सब्जियां जोड़ कर इस परेशानी से थोड़ी राहत पायी जा सकती है।

यहां हैं बोन्स में लुब्रिकेशन बढ़ाने वाले सुपरफूड्स

1 प्याज​ और लहसुन में होता है सल्फर

किसी भी खाने का जायका बढ़ाने के लिए लहसुन और प्याज अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की एक रिसर्च के अनुसार, लहसुन और प्याज में सल्फर यौगिक भरपूर मात्रा में शामिल होता है, जो सूजन और दर्द को कम करने में मददगार हो सकता है।

जॉइंट को मजबूत और लचीला बनाने के लिए आप सब्जियों के साथ-साथ इसका सेवन कच्चा भी कर सकते हैं।

यह भी पढ़े- आपकी रसोई में मौजूद हैं इंटेस्टाइन बूस्ट करने वाली दवाएं, जानिए कैसे करना है इस्तेमाल

2 ​लाल शिमला मिर्च है विटामिन्स का अच्छा स्रोत

शिमला मिर्च में विटामिन ए, बी, सी और विटामिन-के पाए जाते हैं। इसमें पाया जाने वाला विटामिन ए त्वचा, हड्डियों और दांतों को हेल्दी रखने में मदद करता है। मेडलाइन प्लस (medline plus) के मुताबिक, शिमला मिर्च में पाया जाने वाला विटामिन-के हड्डियों के लिए बेहद लाभकारी है।

Pollपोल
स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?

ये जॉइन्ट में लचीलापन और मजबूती लाने का कार्य भी करता है। शिमला मिर्च का सेवन का सलाद में, सब्जी में कर सकते हैं। इससे खाने का स्वाद तो बढ़ेगा साथ ही आपकी हड्डियों के लिए फायदेमंद है।

red vegetables apko kayi gambheer bimariyon se bhi bachati hain
लाल रंग की सब्जियां आपकी इम्युनिटी बढ़ाकर आपको कई गंभीर बीमारियों से भी बचाती हैं। चित्र: शटरस्टॉक

​3 अदरक से मिलेगी राहत

बदलते मौसम में अदरक आपके लिए बेहद फायदेमंद हैं। क्योंकि इसमें वो सभी गुण शामिल होते हैं, जो आपको हेल्दी बना सकते हैं। अदरक में पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी और दर्द से राहत दिलाने वाले गुण आपकी हड्डियों और जॉइंट्स के लिए फायदेमंद है। इसका सेवन आप सब्जी और चाय में कर सकते हैं।

4 ​बीन्स में पाया जाता है कैल्शियम

बीन्स में प्रोटीन, आवश्यक खनिज और फाइबर की भरपूर मात्रा में पायी जाती है। जो हेल्दी रहने के लिए बेहद जरूरी हैं। बीन्स में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण शामिल होते हैं जो जॉइंट पेन और सूजन से राहत दिलाने में सहायता करते हैं। इसमें कैल्शियम भी पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत करता है। इसके अतिरिक्त बीन्स में शामिल विटामिन ए, के और सिलिकॉन भी हड्ड‍ियों के लिए लाभकारी होते है।

यह भी पढ़े- World Osteoporosis Day : आयुर्वेद में हैं हड्डियों की इस समस्या का कारगर समाधान

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
निशा कपूर
निशा कपूर

देसी फूड, देसी स्टाइल, प्रोग्रेसिव सोच, खूब घूमना और सफर में कुछ अच्छी किताबें पढ़ना, यही है निशा का स्वैग।

अगला लेख