ऑस्टियोपोरिसिस (osteoporosis) हमारी हड्डियों से जुड़ी एक गंभीर समस्या है। इन दिनों 30 से 40 वर्ष के युवा भी ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार हो रहे हैं। पहले यह समस्या 45 से ज्यादा उम्र के लोगों को होती थी। यदि आपके भोजन में भरपूर मात्रा में कैल्शियम (calcium rich foods) मौजूद नहीं है, तो ऑस्टियोपोरिसिस की बीमारी कम उम्र में भी हो सकती है। इस बीमारी से बचने के लिए हर रोज़ 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना जरूरी है। इसकी आपूर्ति का सबसे अच्छा माध्यम है कैल्शियम युक्त आहार। आइए एक आहार विशेषज्ञ से जानते हैं ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए कैल्शियम युक्त आहार (how to avoid Osteoporosis) के स्रोत और उनके लाभ।
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ऑस्टियोपोरोसिस एक बीमारी है, जिसमें हमारे शरीर की हड्डियां कैल्शियम की कमी के कारण कमज़ोर होने लगती हैं। भारत में इस बीमारी के एक करोड़ से अधिक मामले इस समय मौजूद हैं। इस समस्या में हड्डियां रिजेनरेट होने के बजाए डीजेनरेट होने लगती हैं। जिसका सीधा असर बोन मास पर पड़ता है। जिससे हड्डियों में दबाव बढ़ जाता है।
हालांकि महिलाओं में 30 के बाद हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इस स्थिति में हड्डियां फ्रैक्चर तो होती हैं, लेकिन उनका जुड़ना रूक जाता है। पर इन दिनों विटामिन डी की कमी, सनलाइट शरीर पर न पड़ने, शराब और धूम्रपान के कारण युवा महिलाएं भी ऑस्टियोपोरोसिस की चपेट में आ रहीं हैं। मेनोपॉज के बाद होने वाले हॉर्मोनल बदलाव भी ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम बढ़ा देते हैं।
हाथ, पैर या शरीर के अन्य अंगों में बार-बार फ्रैक्चर आना
शरीर का आगे की ओर झुकने लगना
थोड़ा चलने पर भी थकावट महसूस होना
कमज़ोरी महसूस होना
पीठ में लगातार दर्द होना।
हड्डियों को मजबूत बनाकर
आठ सालों का तजुर्बा रखने वाले न्यूट्रिशनिस्ट अनुभव सक्सेना कहते हैं तिल में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। इसके अलावा तिल में एनर्जी, आयरन, प्रोटीन, फास्फोरस, फाइबर, मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। यदि आप हर रोज एक चम्मच तिल का सेवन करती हैं, तो शरीर को 146 मिलीग्राम कैल्शियम मिल सकता है। जिससे ऑस्टियोपोरिसिस की समस्या में राहत मिलेगी।
अनुभव बताते हैं कि कैल्शियम का पावरहाउस कहे जाने वाले सरसों के साग में कैल्शियम और आयरन अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसमें कैल्शियम की मात्रा 120 मिलीग्राम होती है, जो ऑस्टियोपोरिसिस की स्थिति में राहत प्रदान कर सकता है। इसके अलावा यह डायबिटीज और वजन कम करने में भी मददगार है। सरसों के साग के सेवन से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है। साथ ही आप कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियों से बची रहती हैं।
100 ग्राम मुनक्का में 50 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। एक दिन में पांच मुनक्के का सेवन करना सही रहता है। इसके बेहतर रिजल्ट के लिए गर्म दूध का प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा बुखार, वजन, कब्ज, यौन समस्या, बालों के लिए भी मुनक्का का सेवन लाभकारी है। इसके सेवन से दिल से जुड़ी परेशानियों को भी दूर रखा जा सकता है।
अनुभव कहते हैं कि कीवी का सेवन ऑस्टियोपोरिसिस की समस्या से निजात दिलाने में सहायक है। एक अकेले कीवी में 23 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। इसका सेवन शरीर के लिए अच्छा है। इसके सेवन से नींद अच्छी आती है, फोलेट की कमी भी इससे दूर की जा सकती है। फाइबर से भरपूर यह फ्रूट एक उत्तम एंटीऑक्सीडेंट है। इसमें नींबू और संतरा से भी ज्यादा विटामिन सी पाया जाता है।
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