अगर पोषण की आपकी खोज हरी सब्जियों, दालों और दूध, दही, घी पर ही खत्म हो जाती है, तो आपको अभी और बहुत कुछ जानना बाकी है। प्रकृति ने हमें कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ भी दिए हैं, जो देखने में भले ही छोटे हों, पर उनमें पोषक तत्वों की भरमार होती है। अक्सर लोग जानकारी के अभाव में इन पर ध्यान नहीं दे पाते। उन्हीं में से एक है खसखस। पोषक तत्वों से भरपूर खसखस का सेवन आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। फिर चाहें वह त्वचा हो, पाचन तंत्र या हृदय स्वास्थ्य। तो आइए जानते हैं खसखस (Poppy seeds) के बारे में सब कुछ। और यह भी कि इसे डाइट (how to eat poppy seed) में कैसे शामिल करना है।
त्वचा, पाचन क्रिया, हार्ट हेल्थ को बनाए रखने के साथ ही खसखस इम्यूनिटी बूस्टर फूड की तरह काम करता है। खसखस के बीज का इस्तेमाल तरह-तरह के व्यंजनों को बनाने किया जाता है। हालांकि, खसखस का तेल भी कुछ कम प्रभावी नहीं होता। ऐसे में त्वचा से जुड़ी समस्याओं में खसखस के तेल का प्रयोग कर सकती हैं।
फूड डाटा सेंट्रल द्वारा प्रकाशित एक डेटा के अनुसार खसखस (Poppy seeds) में पर्याप्त मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। इसके साथ ही यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मैंगनीज, कॉपर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक, थायमीन और आयरन का भी अच्छा स्रोत है।
अक्सर लोग कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं। तो ऐसे में खसखस का सेवन आपकी मदद कर सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक डेटा के मुताबिक फाइबर से युक्त खसखस का सेवन कॉन्स्टिपेशन से राहत पाने में आपकी मदद कर सकता है।
यह पाचन क्रिया को संतुलित रखता है, जिस वजह से कब्ज अपच इत्यादि जैसी समस्याएं नहीं होती। इसके साथ ही यह आपको लंबे समय तक संतुष्ट रखता है, जो वेट लॉस में आपकी मदद करेगा।
पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार खसखस त्वचा से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद हो सकता है। इसके तेल में मौजूद फैट घाव को तेजी से भरते हैं। इसके साथ ही पपड़ीदार घावों को कम करने में भी मदद कर सकते हैं। खसखस के तेल को सीधा त्वचा पर अप्लाई करें।
खसखस में मौजूद महत्वपूर्ण फैटी एसिड जैसे कि लिनोलिक, शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को संतुलित रखने में मदद करते हैं। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार इसमें मौजूद अनसैचुरेटेड फैट हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक होने की संभावना को कम कर देता है। इसे नियमित रूप से अपनी डाइट में शामिल करे यह आपके हार्ट को लंबे समय तक स्वस्थ रहने में मदद करेगा।
खसखस में मौजूद कैल्शियम और फास्फोरस बोन डैमेज को प्रिवेंट करता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद मैंगनीज कोलेजन प्रोड्यूस करता है। कोलेजन बोन हेल्थ को बनाए रखने के लिए एक आवश्यक प्रोटीन के रूप में जाना जाता है।
शरीर मे जिंक की कमी इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती है। ऐसे में जिंक से भरपूर खसखस के बीज को अपनी डाइट में शामिल करें। यह आपके सेल्स स्ट्रक्चर को इंप्रूव करता है और सेल्स को बीमारी फैलाने वाले वायरस से लड़ने के लिए तैयार करता है।
रिसर्च के अनुसार खसखस में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, आयरन और कॉपर मौजूद होते हैं। यह मिनरल्स ब्रेन में न्यूरोट्रांसमीटर्स को रेगुलेट करते हैं। इसके साथ ही यह ब्रेन फंक्शन को इंप्रूव करता है और आपके मेमोरी को भी स्ट्रांग बनाये रखता है।
कॉस्मेटिक से संबंधित प्रोडक्ट्स को बनाने में इस्तेमाल होता है।
त्वचा से जुड़ी समस्याओं का एक प्रभावी उपचार हो सकता है।
त्वचा पर मॉइश्चराइजर के रूप में इसका इस्तेमाल कर सकती हैं।
डेंड्रफ की समस्या में कारगर।
दांत एवं कान के दर्द में फायदेमंद।
कई तरह के व्यंजनों को बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है।
1 खसखस की जड़ को पानी में डालकर 4 से 5 घंटे के लिए छोड़ दें। फिर इस पानी को छान लें और इसे कंज्यूम करें।
2 पॉपी सीड्स यानी खसखस के बीज को क्रश कर लें और अपने नियमित खाने पीने की चीजों में मिलाकर खाएं।
3 एक चम्मच खसखस के बीज और चीनी को साथ मिलाकर रात को सोने से पहले लें। इससे पाचन तंत्र दुरुस्त होता है।
4 खसखस के बीज का पेस्ट तैयार करें, इसे सीधा अपने प्रभावित जोड़ों पर अप्लाई करें। यह आपको जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत पाने में मदद करेगा।
5 आप खसखस को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में भी शामिल कर सकती हैं। जैसे कि खसखस का हलवा, खसखस रोल, खसखस केक इत्यादि।
6 और हां, बच्चों के लिए सूप, पास्ता, फ्राइड राइस में भी आप खसखस के बीज छिड़क सकती हैं।
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