बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में चिनिया बदाम या गरीबों का बादाम से मशहूर मूंगफली कई अलग-अलग रूपों में खाई जाती है। शाम के स्नैक्स में भुनी मूंगफली विशेष रूप से मूढ़ी या मुरमुरे (Flattened Rice) से तैयार होने वाली झालमुढ़ी के साथ खाई जाती है। कई शोध बताते हैं कि मूंगफली न सिर्फ टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभदायक है, बल्कि वजन घटाने में भी कारगर है। आइए जानते हैं मूंगफली को डाइट में शामिल करने का तरीका (How to add peanuts in your diet)।
पीनट इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका मूंगफली पर किए जाने वाले शोधों के लिए ही जाना जाता है। तीन वर्षों के लगातार शोध के बाद वर्ष 2020 में यहां निष्कर्ष निकाला गया कि मूंगफली और मूंगफली का मक्खन (Peanut Butter) मधुमेह रोगियों को स्वस्थ जीवन जीने और टाइप 2 डायबिटीज की शुरुआत को रोकने में मददगार साबित हो सकते हैं।
पीनट इंस्टीट्यूट के न्यूट्रीशन साइंटिस्ट और रिसर्चर के अनुसार, मूंगफली में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 14 से भी कम होता है, जो ब्लड शुगर में स्पाइक्स को रोकने में मदद करता है। यह बदले में इंसुलिन की जरूरत को कम करता है।
शोध के अनुसार, मूंगफली रात भर ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद कर सकती है। यदि वे शाम के नाश्ते के रूप में लगभग 1 ऑउंस मूंगफली का भी सेवन करते हैं, तो सुबह उनके ब्लड शुगर लेवल में सुधार होता है।
यदि आप डायबिटिक हैं और पीनट बटर खाने की शौकीन हैं, तो आपका यह शौक स्वास्थ्य के लिए भी उत्तम है। वर्ष 2019 में जर्नल ऑफ अमेरिकन न्यूट्रिशन में प्रकाशित शोध के अनुसार, जब पीनट बटर को हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले भोजन के साथ जोड़ा गया, तो पीनट बटर की तुलना में ब्लड शुगर में स्पाइक काफी कम देखा गया।
वर्ष 2018 में अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, जिन महिलाओं ने सप्ताह में पांच बार पीनट बटर का सेवन किया, उनमें टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का जोखिम 21% कम था।
मूंगफली में तीन मैक्रोन्यूट्रिएंट्स – प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट मौजूद होते हैं। इनके अलावा, फोलेट, आर्गिनिन, मैग्नीशियम, नियासिन, विटामिन ई और मैंगनीज सहित 19 माइक्रो न्यूट्रीएंट्स भी मिलते हैं। मूंगफली में अखरोट की तुलना में अधिक प्रोटीन होता है।
इसें मौजूद गुड फैट कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करते हैं। लो कैलोरी होने के कारण पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
मूंगफली फाइबर का बढ़िया स्रोत है, जो पूरे शरीर में सूजन को कम करने में मदद करती है। पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करती है।
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कस्टमाइज़ करेंयदि बुजुर्ग लोग मूंगफली का मक्खन खाते हैं, तो इससे गैस्ट्रिक नॉन काॅर्डिया एडेनोकार्सिनोमा पेट के कैंसर के विकास के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।
उसमें मुरमुरे डालकर 1 टीस्पून नींबू का रस डाल कर खाएं।
पोहा के साथ मूंगफली का प्रयोग हम सभी जानते हैं।
मूंगफली को रात भर भिगो दें।
भिगोयी हुई मूंगफली, बारीक कटा प्याज, हरी मिर्च, मुरमुरे, 1 टी स्पून सरसों तेल, नमक और मुरमुरे को मिक्स कर शाम के स्नैक्स में खाएं।
बारीक कटा प्याज, टमाटर, हरी मिर्च और चाट मसाले के साथ भुनी हुई मूंगफली को एड कर खा सकती हैं।
अंकुरित मूंग, चना, उबले भुट्टे के दाने, भुनी हुई मूंगफली, एक टी स्पून नींबू, नमक और काली मिर्च के मिक्सचर को देखते ही मुंह में पानी आ जाएगा।
लौकी, कद्दू आदि बिना प्याज वाली सब्जी या दाल, कढ़ी में भुनी हुई मूंगफली का एक चम्मच पाउडर एड करने से स्वाद दूना हो जाएगा।
रात भर भिगोयी हुई मूंगफली, हरी मिर्च, नींबू-नमक की चटनी को आप डोसा, इडली या उपमा के साथ खा सकती हैं।
7 पीनट बटर
सैंडविच, ब्रेड, फ्रायड राइस के साथ काउ मिल्क बटर के स्थान पर पीनट बटर (Vegan Butter) का इस्तेमाल स्वाद और पौष्टिकता दोनों में उत्तम है।
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