अधिकतर लोग खाना खाने के बाद एसिड रिफ्लक्स का सामना करते हैं, जिससे सीने में जलन और भारीपन महसूस होने लगता है। मसालेदार खाना खाने और वर्कआउट की कमी कहीं न कहीं एसिडिटी का कारण साबित होती है। ऐसी स्थिति में पेट का एसिड एसोफैगस की ओर बढ़ता है, जो असुविधा का कारण साबित होता है। हांलाकि इस पाचन समस्या को कम करने के कई प्राकृतिक तरीके हैं। ऐसे में एसिड रिफ्लक्स के लिए इन घरेलू उपचारों की मदद लें (acidity aka acid reflux home remedies) ।
डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि खानपान में होने वाली गलतियां हार्टबर्न का कारण साबित होती है। अक्सर लोग तला हुआ और मसालेदार खाना पसंद करते हैं, जो शरीर में एसिडिटी की समस्या को बढ़ा देता है। इस स्थिति में जब पेट का एसिडिक कंटेंट एसोफेगस में वापस चला जाता है, तो जलन, उल्टी और ऐंठन का कारण साबित होता है (acidity aka acid reflux home remedies)। ओवरइटिंग और खाना खाने के बाद लेटना इस समस्या को ट्रिगर करता है।
पाचन तंत्र को शांत करने में मददगार अदरक में एंटी इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं। जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन की रिपोर्ट के अनुसार अदरक पेट के एसिड उत्पादन को कम करता है (acidity aka acid reflux home remedies)। एसिडिटी का अनुभव करने पर अदरक को मुह में रखकर चूसना या फिर उसके अर्क को शहद में मिलाकर पीने से फायदा मिलता है। इसके अलावा अदरक की चाय भी समस्या को हल कर देती है।
खाना खाने के बाद लौंग का सेवन करने से पाचनतंत्र उत्तेजित हो जाता है। इसमें मौजूद एक्टिव कंपाउड यूजेनॉल पेट की अम्लता को कम करके और जलन को शांत करने में मदद करता है (acidity aka acid reflux home remedies)। इससे शरीर को विटामिन, मिनरल और अमीनो एसिड की प्राप्ति होती है। ये कंपाउड शरीर को डिटॉक्स करने और पाचन का समर्थन करने में मदद करते हैं।
जर्नल ऑफ न्यूरोगैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड मोटलिटी के रिसर्च के अनुसार एलोवेरा जूस पाचन में मदद करता है और एसिड रिफ्लक्स जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मुद्दों के लक्षणों को कम कर सकता है (acidity aka acid reflux home remedies)। दरअसल, एलोवेरा गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग लक्षणों को के कम करने के लिए एक प्रभावी उपाय भी है।
खट्टे फलों की जगह अपने आहार में खरबूजे, केले, सेब और नाशपाती शामिल करें। ये फल पेट की लाइनिंग को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं और एसिड रिफ्लक्स से राहत प्रदान करते हैं। इनसे शरीर को ज़रूरी विटामिन और मिनरल मिल जाते हैं। वे समग्र पाचन स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं और एसिडिटी के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
नारियल पानी की गिनती नेचुरल अलकलाइन में की जाती है, जो पेट के एसिड के दुष्प्रभाव को कम कर देता है। लो फैट्स के अलावा एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और पोटेशियम का उच्च स्तर पाया जाता है। ये शरीर को हाइड्रेटेड रखने और पाचन स्वास्थ्य को उचित बनाए रखने में मदद करता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व से इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बना रहता है।
एसिड रिफ्लक्स तब होता है जब आपके पेट से एसिड आपके एसोफैगस को वापस आता है। इससे एसोफैगस को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में प्रोबायोटिक्स का सेवन लाभकारी बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करते हैं जो आंत माइक्रोबायोटा में संतुलन को बहाल करने में मदद करते हैं। इसके लिए आहार में दही अचार और केफिर को शामिल करें।
केले का सेवन करने से शरीर को पोटेशियम की प्राप्ति होती है, जिससे एसिडटी की समस्या हल होती है और पाचन में भी सुधार होता है। रोज़ाना पका हुआ केला खाने से शरीर में बढ़ने वाली एसिड रिफ्लक्स की समस्या हल हो जाती है।
गैस्ट्रिक समस्या को दूर करने के लिए अजवाइन को पानी में उबाल लें और उसका खाली पेट सेवन करें। इसमें मौजूद थाइमोल की मात्रा गैस्ट्रिक जूसिज़ की समस्या को हल करने में मदद करती है। खाली पेट अजवाइन के पानी का सेवन करते हैं, तो ये आंत में एंजाइम को सक्रिय करते है, जो बेहतर पाचन में मदद करते है।
एसिडिटी की समस्या बढ़ने से अक्सर लोगों को छाती में भारीपन, पेट में दर्द, गैस और ब्लोटिंग का सामना करना पड़ता है। देर तक इस समस्या का सामना करने पर अक्सर लोग दवाओं का रूख करते है। मगर उपर दिए गए आसान नुस्खे पाचनतंत्र को मज़बूत बनाए रखने के अलावा एसिड रिफ्लक्स की समस्या को दूर करने में भी मददगार है। इन नुस्खों को अपनाने से मेटाबॉलिज़म बूस्ट होने लगता है, जिससे कैलोरी स्टोरेज से भी बचा जा सकता है।
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।