भारत में डायबिटीज के आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। इसे मध्य नजर रखते हुए भारत को डायबिटीज का कैपिटल कहा जाने लगा है। जब व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल एक सामान्य सीमा को पार कर जाता है, और लगातार बढ़ा रहता है, तो इसे डायबिटीज घोषित कर दिया जाता है। शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए बॉडी इंसुलिन नामक एक हार्मोन रिलीज करती है। इंसुलिन प्रोडक्शन में किसी तरह की रुकावट या देरी ब्लड शुगर लेवल (blood sugar level) बढ़ने का कारण बन जाती है (tips to balance insulin level)। ऐसे में ब्लड शुगर मैनेजमेंट के लिए इंसुलिन स्राव का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। तो चलिए जानते हैं, इंसुलिन स्राव को स्वस्थ एवं संतुलित रखने के लिए कुछ खास टिप्स (tips to balance insulin level)।
इंसुलिन शरीर में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाला एक प्रकार का हार्मोन है, जो पेनक्रियाज द्वारा बनाया जाता है। यह आपके शरीर को ऊर्जा के लिए शुगर (ग्लूकोज) का उपयोग करने में मदद करता है। यदि आपका पेनक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है, या आपका शरीर इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं करता है, तो इससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है, जिसे हाइपरग्लाइसेमिया कहते हैं। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल डायबिटीज का कारण बनता है (tips to balance insulin level)।
कम कार्ब वाला आहार एक व्यक्ति द्वारा नियमित कार्बोहाइड्रेट के इंटेक को सीमित कर देता है। कार्बोहाइड्रेट अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में ब्लड शुगर को अधिक बढ़ाते हैं, वहीं कम कार्ब वाला आहार पैटर्न व्यक्ति को अपने रक्त शर्करा को स्थिर और प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। हालांकि, सभी के लिए लो कार्ब डाइट लेना मुश्किल हो सकता है, या इसे लंबे समय तक फॉलो नहीं किया जा सकता।
इसलिए, अपने कार्बोहाइड्रेट सेवन को कम करने से पहले, किसी डाइटिशियन की सलाह ले। ताकि वे सही खाद्य पदार्थों का नाम सुझा सकें, और आपके लिए डाइट फॉलो करना आसान हो जाए।
कार्ब्स के तीन मुख्य प्रकार हैं, शर्करा, स्टार्च और फाइबर। शुगर और स्टार्च रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं, लेकिन फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को नहीं बढ़ाता है। ऐसे में, लोग अपने आहार में फाइबर से भरपूर कार्ब्स को शामिल करने पर विचार कर सकते हैं। आप शुगर और स्टार्च को सिंपल और कॉम्प्लेक्स कार्ब्स के रूप में भी संदर्भित कर सकते हैं।
सिंपल कार्ब्स में मुख्य रूप से एक प्रकार की शुगर होती है। शरीर इन कार्बोहाइड्रेट को बहुत तेज़ी से तोड़ता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है। वहीं कॉम्प्लेक्सी कार्ब लेने से शरीर में शर्करा का धीरे-धीरे स्राव होता है, जिसका अर्थ है कि व्यक्ति द्वारा इन्हें खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल तेज़ी से नहीं बढ़ता।
कम जीआई खाद्य पदार्थ वे हैं, जिनका जीआई इंडेक्स पर स्कोर 55 या उससे कम है। शकरकंद, क्विनोआ, फलियां, लो फैट दूध, पत्तेदार सब्जियां, बिना स्टार्च वाली सब्जियां, मेवे और बीज, मांस, मछली, आदि जैसे कुछ खाद्य पदार्थ हैं, जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है।
यदि आप अपने इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित रखना चाहते हैं, और ब्लड शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखना चाहती हैं, तो इसके लिए एक स्वस्थ एवं संतुलित वजन बनाए रखना बहुत जरूरी है। आदर्श वज़न सीमा हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है, इसलिए अपनी BMI के अनुसार अपना वजन तय करें।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार बढ़ता भजन इन्सुलिन रेजिस्टेंस का कारण बन सकता है, जिसकी वजह से शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। इंसुलिन वह हार्मोन है, जो ब्लड में ग्लूकोज को कोशिकाओं में प्रवेश करने की अनुमति देता है।
एक्सरसाइज के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, और यह व्यक्ति को अपने रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करता है। विशेष रूप से, व्यायाम इंसुलिन सेंसटिविटी को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति को ब्लड शुगर नियंत्रण में मदद मिलती है। इस प्रकार मसल्स सेल ग्लूकोज को लेने और ऊर्जा के लिए इसका उपयोग करने के लिए हार्मोन का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करते हैं।
स्वास्थ्य के लिए उचित हाइड्रेशन बेहद महत्वपूर्ण है और यह व्यक्ति को अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। डिहाइड्रेशन के कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है, क्योंकि शरीर में कम पानी का मतलब है कि आपके ब्लड में अधिक शुगर मौजूद है। इसलिए, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि इंसुलिन प्रोडक्शन नियंत्रित रहे, जिससे ब्लड शुगर का लेवल भी स्थिर रह सके।
हाइड्रेशन के लिए फलों का रस, सोडा ड्रिंक आदि न लें, यह सभी ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं। सामान्य पानी के पर्याप्त सेवन से आप अपनी बॉडी को हाइड्रेटेड रख सकती हैं।
हर्ब्स डायबिटीज मैनेजमेंट में बेहद मददगार होते हैं। वहीं ब्लड शुगर मैनेज करने के लिए बहुत से लोग हर्बल सप्लीमेंट लेना शुरू कर देते हैं। यदि आप डायबिटीज से पीड़ित हैं, इंसुलिन रेजिस्टेंस से परेशान रहती हैं और इसके लिए दवाइयां ले रही हैं, तो ऐसे में हर्बल सप्लीमेंट इन दवाइयों के साथ मिलकर शरीर पर साइड इफेक्ट्स पैदा कर सकते हैं। ऐसे में किसी भी हर्बल सप्लीमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
यहां कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां के बारे में बताया गया है, जो असल में इंसुलिन प्रोडक्शन को नियंत्रित करके ब्लड शुगर मैनेजमेंट में आपकी मदद कर सकते हैं। हर्बल टी, अश्वगंधा, जिनसेंग, मेथी, हल्दी, करेला, दालचीनी, आदि के माध्यम से आप अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रख सकती हैं।
तनाव का रक्त शर्करा के स्तर पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। जब शरीर तनाव में होता है, जैसे कि जब कोई व्यक्ति बीमार होता है या भावनात्मक तनाव का अनुभव करता है, तो शरीर स्ट्रेस हार्मोन जारी करता है और ये हार्मोन रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकते हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार व्यायाम के माध्यम से तनाव को नियंत्रित करें। साथ ही अपनी किसी भी पसंदीदा गतिविधियों में भाग लेकर खुद को व्यस्त रखें और तनाव को खुद पर हावी न होने दें।
नींद की कमी इंसुलिन रेजिस्टेंस का कारण बन सकती है, ऐसे में पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन की माने तो वयस्कों को प्रति दिन 7 या उससे अधिक घंटे सोने का लक्ष्य रखना चाहिए। इस प्रकार न केवल आपका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है, बल्कि तमाम अन्य शारीरिक समस्याओं का खतरा भी कम हो जाता है।
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