पर्सनलाइज्ड कंटेंट, डेली न्यूजलैटरससाइन अप

सर्दी, जुकाम और वायरल इंफेक्शन में हो सकती है ड्राई नोज की समस्या, इन 8 तरीकों से पाएं इससे राहत

शुष्क हवाएं नेज़ल लाइनिंग को नुकसान पहुंचाने लगती हैं। इससे मॉइश्चर की कमी का सामना करना पड़ता है और संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। नाक में सूजन भी बढ़ने लगती है और नोज ड्राईनेस का सामना करना पड़ता है।
ठंड और प्रदूषण के कारण एयरवेज़ में ड्राईनेस बढ़ने लगती है, जिससे नाक में इरिटेशन महसूस होती है। चित्र: शटरस्टॉक
Published On: 8 Jan 2025, 01:36 pm IST

सर्दी के मौसम में खांसी, जुकाम, बुखार और चेस्ट कंजेशन का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा जहां कुछ लोग ठंड के मौसम में स्टफी नोज़ से पेरशान है, तो कुछ ड्राई नोज की समस्या से जूझ रहे हैं। इससे नाक के आसपास की त्वचा शुष्क हो जाती है और स्किन पर लालिमा बढ़ने लगती है। अगर आप भी नाक के आसपास की त्वचा को हाइड्रेटेड रखकर नमी को रीस्टोर चाहती हैं, तो कुछ खास बातों का अवश्य ख्याल रखें। जानते हैं ड्राई नोज किसे कहते हैं और इससे राहत पाने के लिए किन टिप्स की लें मदद (dry nose home remedies) ।

ड्राई नोज की समस्या क्यो बढ़ने लगती है

फोर्टिस हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ अवि कुमार बताते हैं कि ठंड और प्रदूषण के कारण एयरवेज़ में ड्राईनेस बढ़ने लगती है, जिससे नाक में इरिटेशन महसूस होती है। दरअसल, सर्द हवाएं रेस्पिरेट्री लक्षणों और फंक्शनल डिस्एबीलिटी को बढ़ाता है। नेज़ल पैसेज में बढ़ती शुष्कता रेस्पीरेटरी हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है। इसके चलते खुजली, जलन, सूजन और केजंशन का सामना करना पड़ता है। मौसम परिवर्तन के अलावा निर्जलीकरण भी ड्राई नोज का कारण बनता है।

साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार शुष्क हवाएं जुकाम का कारण बनती है और नेज़ल लाइनिंग को नुकसान पहुंचाने लगती हैं। इससे मॉइश्चर की कमी का सामना करना पड़ता है और संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। इससे नाक में सूजन भी बढ़ने लगती है और नोज ड्राईनेस (dry nose home remedies) का सामना करना पड़ता है।

नेज़ल पैसेज में बढ़ती शुष्कता रेस्पीरेटरी हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है। चित्र:शटरस्टॉक

ड्राई नोज की समस्या से राहत पाने के उपाय (dry nose home remedies)

1. पानी भरपूर मात्रा में पीएं

सर्दी के मौसम में अक्सर लोग भरपूर मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, जिससे शरीर के टिशमज़ में रूखापन बढ़ने लगता है। ऐसे में एयरवेज़ में हाइड्रेशन का स्तर बनाए रखने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीएं। इसके अलावा सूप, डिटॉक्स वॉटर और हेल्दी पेय पदार्थों का सेवन करें। इससे शरीर में निर्जलीकरण की समस्या से बचा जा सकता है।

2. एलोवेरा जेल से करें ल्यूब्रिकेट

नाक में बढ़ने वाली जलन, दर्द और रूखेपन को दूर करने के लिए एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करे। नाक की ल्यूब्रिकेशन के लिए इस्तेमाल करने से त्वचा का रूखापन कम होता है और स्किन को ठंडक की प्राप्ति होती है। दिन में दो बार इसका इस्तेमाल स्किन को फायदा पहुंचाता है। इसके अलावा त्वचा की लामिला को दूर करने के लिए एलोवेरा जेल में बादाम का तेल मिलाकर लगाने से फायदा मिलता है।

3. स्टीम लें

गर्म पानी में प्राकृतिक तेल की कुछ बूंदे डालें या फिर नमक डालकर कुछ देर तक स्टीम लें। इससे त्वचा मुलायम और नम दिखने लगती है। त्वचा का रूखापन कम हो जाता है और स्किन एलर्जी से भी बचा जा सकता है। इसके अलावा स्टीम शावर भी स्किन को फायदा पहुंचाता है।

गर्म पानी में प्राकृतिक तेल की कुछ बूंदे डालें या फिर नमक डालकर कुछ देर तक स्टीम लें।

4. नारियल का तेल है कारगर उपाय

ड्राइ नोज़ की समस्या से राहत पाने के उपाय नारियल तेल या घी को नास्ट्रिल में अप्लाई करें। इसमें मौजूद फैटी एसिड और मॉइश्चराइजिंग गुण त्वचा की नमी को बरकरार रखते है। इसके अलावा त्वचा का रूखापन कम होनग लेता है और स्किन सेल्स बूस्ट होते हैं। नियमित रूप से इसका इस्तेमाल त्वचा पर बढ़ने वाले श्रखेपन से छुटकारा दिलाते हैं।

5. पेट्रोलियम जैली

रात को सोने से पहले नाक के आसपास पेट्रोलियम जैली को अप्लाई करने से स्किन में मॉइश्चर सील होने लगता है। इससे त्वचा पर बढ़ने वाले रैशेज को दूर किया जा सकता है। साथ ही स्किन सेल्स की बढ़ने वाली क्षति को दूर करके स्किन को हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है।

6. नमक के पानी से करें स्प्रे

सलाइन नेज़ल स्प्रे को पानी में नमक मिलाकर तैयार किया जाता है। इसे इस्तेमल करने से सर्दी, फ्लू, एलर्जी और रेस्पीरेटी हेल्थ को बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे नाक में बढ़ने वाली शुष्कता को कम किया जा सकता है। साथ ही इससे चेस्ट कंजेशन से भी राहत मिलती है।

पानी में नमक मिलाकर तैयार किया जाता है। इसे इस्तेमाल करने से सर्दी, फ्लू, एलर्जी और रेस्पीरेटी हेल्थ को बनाए रखने में मदद मिलती है।

7. हाइड्रेटिंग फूड्स का करें सेवन

शरीर में वॉटर कंटेट की मात्रा को उचित बनाए रखने के लिए आहार में मौसमी फलों और सब्जियों को शामिल करें। इससे स्किन को डिहाइड्रेशन से बचाने में मदद मिलती है और त्वचा हेल्दी व क्लीन रहती है। डेली मील में संतरा, किन्नू, खीरा, चुकंदर, नींब और आंवले का सेवन करें। इसके अलावा ब्रोकली, पालक और मशरूम से भी स्किन को फायदा मिलता है।

8. ह्यूमिडिफायर का करें इस्तेमाल

इसके इस्तेमाल से इनडोर एयर में मॉइश्चर का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे त्चचा की नमी बरकरार रहती है। नेशनल अस्थमा काउंसिल के अनुसार एयर कंडीशनिंग और सेंट्रल हीटिंग के कारण नमी की कमी बढ़ने लगती है, जिसे दूर करने के लिए ह्यूमिडिफ़ायर का इस्तेमाल किया जाता हैं। मोल्ड और बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने के लिए इसकी नियमित क्लीनिंग भी आवश्यक है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

अगला लेख