टोफू, जिसे बीन कर्ड के नाम से भी जाना जाता है। इसकी उत्पत्ति चाइना में हुई थी। यह पनीर जैसा दीखता है और दोनों को बनाने का तरीका भी लगभग एक जैसा ही है। हालांकि, टोफू बाजार में आसानी से उपलब्ध है, पर उनमें प्रिज़र्वेटिव्स होते हैं। तजा टोफू एन्जॉय करना है तो आपको इसे घर पर तैयार करना आना चाहिए। ठीक पनीर बनाने की प्रक्रिया की तरह इसे गाय की दूध की जगह सोया दूध को फाड़ कर बनाया जाता है, जिसे नरम, सफ़ेद ब्लॉक में दबाया जाता है (how to make tofu at home)।
टोफू का आधार सोयाबीन है, जिसकी वजह से इसमें प्रोटीन, आयरन और अन्य विटामिन एवं मिनरल्स की मात्रा पाई जाती है। टोफू की बनावट पानी की मात्रा के आधार पर भिन्न होती है, जो सिल्कन टोफू, रेगुलर टोफू और फर्म टोफू से लेकर एक्स्ट्रा टोफू तक भिन्न हो सकती हैं। फ्रेश टोफू एक बेहतरीन वीगन प्रोटीन स्रोत है और आपकी सेहत के लिए कई रूपं में फायदेमंद हो सकता है (benefits of tofu)। इसलिए आज हेल्थ शॉट्स आपके लिए लेकर आया है, टोफू बनाने का हेल्दी तरीका (how to make tofu at home)। अब आप बिना किसी एडिटिव्स और प्रिजर्वेटिव के घर पर आसानी से हेल्दी और टेस्टी टोफू तैयार कर सकती हैं।
इसके बजाय नींबू का रस या सेब साइडर सिरका का उपयोग करें। टोफू बनाने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
स्टेप 1: सोयाबीन को रात भर या कम से कम 8 घंटे के लिए पानी में भिगो दें।
स्टेप 2: सोयाबीन को हाई-स्पीड ब्लेंडर में पानी के साथ ब्लेंड करें। अब आपका सोया दूध बनकर तैयार है।
स्टेप 3: सोया दूध को मध्यम आंच पर लगातार हिलाते हुए पकाना है।
स्टेप 4: मिल्क बैग या मलमल के कपड़े में सोया का दूध डालें। अब गूदे से जितना संभव हो सके उतना तरल निकालने का प्रयास करें।
नोट: आप गूदे का उपयोग खाना पकाने में कर सकते हैं।
स्टेप 5: छाने हुए सोया दूध को फाड़ने के लिए नींबू का रस या एप्पल साइडर विनेगर डालें।
नोट: नींबू का रस टोफू को एक तीखा स्वाद और सख्त बनावट देता है।
स्टेप 6: दूध फाड़ने के बाद आपको उसमें दही जैसा टेक्सचर नज़र आएगा, उसे चीज़क्लॉथ पर डालें और बचे हुए पानी को जितना हो सके उतना निचोड़ने का प्रयास करें।
स्टेप 7: फिर टोफू को कपडे में बांध दें और किसी चीज से उसके ऊपर दबाब बना कर उसे कुछ देर तक सेट होने रख दें।
स्टेप 8: आपका टोफू बनकर तैयार है, आप इसे निकाल कर अपने अनुसार कट करके, सब्जी, सूप, आदि जैसे अपने पसंदीदा व्यंजनों में ऐड कर सकती हैं।
फाइबर से भरपूर भोजन के रूप में, टोफू पाचन और समग्र आंत स्वास्थ्य का समर्थन कर सकता है। फाइबर सामान्य नियमितता को प्रोत्साहित करता है और पाचन प्रक्रिया में सहायता करता है। वहीं यह प्रोबायोटिक्स के रूप में कार्य करते हुए गट माइक्रोबायोम में रहने वाले स्वस्थ बैक्टीरिया के लिए प्रीबायोटिक के रूप में कार्य करता है।
टोफू जैसे सोयाबीन और सोया उत्पाद आइसोफ्लेवोन्स से भरपूर होते हैं। ये फ्लेवोनोइड्स ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं और हृदय स्वास्थ्य की सुरक्षा करते हैं। 2020 में किए गए अध्ययन के अनुसार जो लोग हर हफ्ते टोफू खाते हैं, उनमें हृदय रोग का जोखिम उन लोगों की तुलना में 18% कम होता है जो इसे नहीं खाते हैं।
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टोफू में कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है, ये पोषक तत्व आपके शरीर को मजबूत हड्डियों के निर्माण में मदद करते हैं। कैल्शियम और मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ हड्डियों के नुकसान और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकते हैं। मैग्नीशियम को स्वस्थ तंत्रिका और मांसपेशियों के कार्य के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व के रूप में जाना जाता है।
टोफू प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है और प्रोटीन वजन कम करने में आपकी मदद कर सकती है। आपके शरीर को प्रोटीन तोड़ने में अधिक समय लगता है और अधिक ऊर्जा (कैलोरी बर्न) की आवश्यकता होती है। परिणामस्वरूप, आप लंबे समय तक संतुष्ट रहती हैं, जो आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद कर सकता है।
नेशनल लाइबरेरी ऑफ़ मेडिसिन के स्टडी की माने तो सोया उत्पादों का सेवन मेनोपॉज के लक्षण, जैसे हॉट फ्लैश, को दूर करने में मदद कर सकता है, क्योंकि इनमें फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं।
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