कई बार सोकर उठने के बाद भी थकान महसूस होने लगती है और 8 घंटे की अच्छी नींद के बावजूद वर्कआउट करने के लिए संघर्ष करना पड़ता हैं। अगर आप इस समस्या का सामना कर रही हैं, तो सतर्क हो जाएं। अधिकतर लोग ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए प्रयास करने लगते है। मगर उससे पहले इस बात को जान लें कि आप कितनी देर वर्कआउट करती हैं और तनाव को दूर करने के लिए किन गतिविधियों की मदद लेती हैं। दरअसल, हेल्दी हेविट्स आपको दिनभर तरोताज़ा, सतर्क और ऊर्जावान महसूस करने में मदद करती हैं। जानते हैं इस लेख में कि ऊर्जा के स्तर को कैसे बढ़ाया जाए और दिन के दौरान बार बार होने वाली थकान को दूर करने के उपाय भी (How to boost energy level)।
सही आहार और डेली वर्कआउट ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने (How to boost energy level) का पहला कदम है। सही जीवनशैली विकल्प ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं और पूरा दिन ज़्यादा सक्रिय और तरोताज़ा महसूस करने में मदद कर सकते हैं। एक अच्छा आहार आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति और नियंत्रित रक्त शर्करा के माध्यम से एनर्जी लेवल को बूस्ट किया जा सकता है।
कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट्स का संतुलित मिश्रण ऊर्जा को बढ़ाता है। डायटीशियन अर्चना एस कहती हैं कि एनर्जी के स्तर को बनाए रखने के लिए हाइड्रेटेड रहना भी बहुत ज़रूरी है क्योंकि निर्जलीकरण से भी थकान पैदा होती है। नट्स, बीज, पत्तेदार सब्ज़ियाँ और फल आपके मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने के लिए ज़रूरी विटामिन और खनिज प्रदान करते हैं। बहुत ज़्यादा चीनी और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से परहेज़ करने से ऊर्जा में कमी को रोकने (How to boost energy level) में मदद मिलेगी, जिससे आप पूरे दिन सक्रिय और सतर्क रहेंगे।
ऊर्जा बढ़ाने के लिए नियमित वर्कआउट करें। इसके अलावा 30 मिनट की सैर भी रक्त संचार और ऑक्सीजन प्रवाह को बढ़ाने में मदद करती है। कोच की देखरेख में वेट लिफ्टिंग और स्ट्रेचिंग सहनशक्ति में सुधार करती है और थकान को कम करती है। वहीं तनाव को कम करके भी शरीर को एक्टिव बनाया जा सकता है (How to boost energy level)।
स्वस्थ आहार ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए आहार में होल व्हीट, ओट्स और क्विनोआ जैसे काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट शामिल करें। साथ ही अंडे, मछली, चिकन और बीन्स जैसे लीन प्रोटीन और एवोकाडो, नट्स, बीज और जैतून के तेल जैसे हेल्दी फैट्स जैसे संपूर्णएपोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
न्यूट्रिएंट्स जर्नल के रिसर्च के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन संतृप्त और ट्रांस वसा को सीमित करके और असंतृप्त वसा के सेवन की ओर रुख करके ऊर्जा सेवन को संतुलित करने की सलाह देता है। संतुलित आहार लेने से दिन भर शरीर की ऊर्जा का स्तर उचित बना रहता है और ब्लड शुगार में वृद्धि नहीं होती है। प्रोसेस्ड फूड, अधिक चीनी और रिफाइंड कार्ब्स से परहेज करें क्योंकि इससे कुछ समय के लिए ऊर्जा बढ़ती है और फिर अचानक ऊर्जा कम हो जाती है।
समय के अनुसार स्वस्थ भोजन शरीर को र्क तरह से फायदा पहुंचाता है। मील स्किप करना या अनियमित अंतराल पर खाना ऊर्जा में कमी का कारण बन सकता है। तीन संतुलित भोजन करने की कोशिश करें और बीच में स्वस्थ नाश्ता करें। रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने के लिए हर 3 से 4 घंटे में खाना एक अच्छा दिशानिर्देश है। विशेषज्ञ कहते हैं कि नाश्ता बहुत महत्वपूर्ण है। दिन की शुरुआत उच्च प्रोटीन, फाइबर युक्त भोजन जैसे कि साबुत अनाज टोस्ट के साथ अंडे या नट्स के साथ दही से करना चाहिए। अमेरिकन जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि दैनिक नाश्ता पतले लोगों में डेली हायर फिज़िकल वर्कआउट यानि थर्मोजेनेसिस से जुड़ा हुआ है, जो दैनिक ऊर्जा व्यय का एक हिस्सा है जो सहज शारीरिक गतिविधि के परिणामस्वरूप होता है।
बहुत ज़्यादा खाना और ख़ास तौर पर भारी खाना आपको सुस्त बनाता है। दरअसल, पाचन एक ऊर्जा लेने वाली प्रक्रिया है इसलिए खाने के लिए सही चीज़ों को समझना ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। कम मात्रा में खाना खाएं और शारीरिक या मानसिक काम से ठीक पहले ज़्यादा खाना न खाएं। जर्नल फिजियोलॉजी एंड बिहेवियर में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार ज़्यादा फैट्स और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन खाने से भोजन के बाद थकान होती है। इसमें पाया गया कि प्रतिभागियों ने उच्च वसा कम कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन के तीन घंटे बाद थकान की उच्च रेटिंग दर्ज की। वहीं प्रोटीन, फाइबर और स्वस्थ वसा के सही हिस्से वाली संतुलित मील लें।
न केवल आपका आहार बल्कि अच्छी नींद भी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के तरीके को समझने की बुनियादी बातों में से एक है। अच्छी नींद ऊर्जा का स्रोत है, हर रात 7.9 घंटे की अच्छी नींद लेने का लक्ष्य रखें विशेषज्ञ कहते है। शरीर की आंतरिक घड़ी को सेट करने के लिए नियमित नींद के शेड्यूलए हर दिन एक ही सोने और जागने के समय का पालन करें। सोने से कम से कम एक घंटा पहले स्क्रीन और भारी भोजन से बचें। खराब नींद से थकान, कम एकाग्रता और कम शारीरिक सहनशक्ति होती है।
शारीरिक गतिविधि शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाती है, मूड को बेहतर बनाती है और सहनशक्ति बढ़ाती है। सप्ताह में पाँच बार कम से कम 30 मिनट का मध्यम व्यायाम जैसे साइकिल चलाना, तेज चलना और तैराकी करने से शरीर फिट बना रहता है। पिलेट्स या योग जैसे स्ट्रेचिंग और शक्ति प्रशिक्षण व्यायाम मांसपेशियों के स्वास्थ्य और लचीलेपन को सुनिश्चित करते हैं। सुबह जल्दी व्यायाम मेटाबॉलिज्म को सक्रिय कर सकता है, जबकि शाम को हल्का व्यायाम जैसे चलना नींद को बेहतर बना सकता है। हालाँकि, अत्यधिक व्यायाम थकावट का कारण बन सकता हैए इसलिए सावधान रहें।
ऊर्जा के स्तर के लिए एक गिलास पानी पिएँ। निर्जलीकरण थकान का एक सामान्य कारण है। हल्का निर्जलीकरण भी थकान, सिरदर्द और कम एकाग्रता का कारण बन सकता है। एक्सपर्ट कहती हैं कि रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पिएं और अगर आप सक्रिय हैं या गर्म जलवायु में रहते हैं तो इसका सेवन बढ़ा दें। हर्बल चाय, नारियल पानी, खीरे, तरबूज और संतरे जैसे पानी से भरपूर खाद्य पदार्थ भी हाइड्रेशन में योगदान करते हैं। अत्यधिक कैफीन और मीठे पेय से बचें क्योंकि वे ऊर्जा में कमी ला सकते हैं।
दिनों दिन बढ़ता तनाव ऊर्जा को खत्म करता है, इसलिए तनाव प्रबंधन विधियों जैसे ध्यान, गहरी साँस लेना या आराम करने के लिए जर्नलिंग का उपयोग करें। शराब नींद की गुणवत्ता में बाधा डालती है, जिससे थकान होती है इसलिए इसका सेवन सीमित करें। अर्चना कहती हैं कि कैफीन तुरंत ऊर्जा बढ़ाता है, लेकिन अत्यधिक उपयोग, खासकर दोपहर के बाद नींद को बाधित करेगा और निर्भरता पैदा करेगा। इसके परिणामस्वरूप ऊर्जा में उतार चढ़ाव बना रहेगा।
ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के तरीके को समझने के अलावा ये जानना ज़रूरी है कि कौन से खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाकर सूजन या धीमी पाचन क्रिया करके ऊर्जा को कम करते हैं। हाइली प्रोसेस्ड फूड, सफेद ब्रेड, पेस्ट्री, मीठे अनाज और मीठे पेय पदार्थों में पाए जाने वाले रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट तुरंत ऊर्जा देते हैं। मगर दिन के अंत में ऊर्जा की कमी का कारण बनते हैं। तले हुए और चिकने खाद्य पदार्थ पचाने में कठिन होते हैं, जिससे सुस्ती आती है। जंक फूड में प्रिर्जवेटिक और एडिक्टिव पाए जाते है, जो चयापचय में बाधा डालते हैं। ऊर्जा के स्तर को स्थिर रखने के लिए उच्च पोषक तत्व वाले खाद्य पदार्थ खाएं।
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