7 स्किन केयर टिप्स जो हर तरह की स्किन का टेक्सचर सुधार कर उसे अर्ली एजिंग से बचाते हैं
मौसम बदलने के साथ स्किन को एक्ने, डार्क स्पॉट्स, पिगमेंटेशन और फाइन लाइंस का सामना करना पड़ता है। ऐसे में डल और रूखी त्वचा को हेल्दी और क्लीन बनाए रखने के लिए कई तरह की क्रीम, लोशन और सीरम का उपयोग किया जाता है। मगर त्वचा का ग्लो मेंटेन नहीं रह पाता है। दरअसल, स्किन के टैक्सचर को उचित बनाए रखने के लिए त्वचा की कोशिकाओं की रेपयरिंग से लेकर यूवी रेज़ से उसका बचाव करना बेहद ज़रूरी है। इसके अलावा पानी के सेवन से लेकर खानपान की आदतें भी त्वचा को प्रभावित करने लगती है। जानते हैं स्किन टैक्सचर (skin texture) को बेहतर बनाने की आसान टिप्स।
स्किन टैक्सचर प्रभावित होने का कारण
वीपी ऑफ प्रोडक्ट फॉर डरमैलोज़ी केयर, ललिता आर्या बताती हैं कि त्वचा सतह पर मृत त्वचा कोशिकाओं का बढ़ना मुँहासे और एक्जिमा की कारण बनने लगता है। इसके अलावा यूवी रेज़ का प्रभाव, डिहाइड्रेशन, अनहेल्दी मील्स और धूम्रपान भी खराब स्किन टैक्सचर (Skin texture) का कारण बनने लगते हैं। इसके अलावा त्वचा की बनावट आनुवांशिक भी हो सकती है। इससे त्वचा खुरदरी और परतदार नज़र आने लगती है। इससे स्किन पर फाइन लाइंस दिखने लगती है और नेचुरल ऑयल की मात्रा कम होने लगती है। इससे नेचुरल हयालूरोनिक एसिड का उत्पादन असंतुलित होने लगता है।
इसके अलावा यूवी एक्सपोजर का बढ़ना और पॉल्यूटेंटस की मात्रा कोलेजन के नुकसान का कारण साबित होती है। इससे त्वचा का टैक्सचर (Skin texture) परिवर्तिंत होने लगता है, जिसके चलते लोच कम हो जाता है। साथ ही महीन रेखाएं और झुर्रियाँ दिखने लगती हैं। ऐसे में कोलेजन और रेटिनॉल को चेहरे पर अप्लाई करने के अलावा एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर आहार का सेवन भी फायदेमंद साबित होता है।
स्किन टैक्सचर को इंप्रूव करने के लिए इन टिप्स की लें मदद (Tips to improve skin texture)
1. स्किन को मॉइश्चराइज़ करें
त्वचा को हाइड्रेट और स्मूद बनाए रखने से टैक्सचर (skin texture) में सुधार लाना आवश्यक है। इसके लिए मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल अवश्य करें। इससे त्वचा में पानी की मात्रा बढ़ती है और स्किन बैरीयर को रोकने में मदद करती है, जिससे त्वचा का लचीलापन बना रहता है। ऐसे में मॉइस्चराइज़र चुनते समय स्किन टैक्सचर का ख्याल रखें। नॉन कोमेडाजेनिक प्रॉडक्ट्स की मदद से स्किन सेल्स को बूस्ट किया जा सकता है। जहां रूखी त्वचा के लिए क्रीम बेस्ड मॉइश्चराइज़र चुनें। वहीं ऑयली स्किन के लिए जेन बेस्ड प्रोडक्ट्स से फायदा मिलता है।
नेशनल लाइब्रेरी आूफ मेडिसिन के अनुसार मॉइस्चराइज़र चुनते समय हयालूरोनिक एसिड, हयालूरोनेट या सेरामाइड्स जैसे प्रमुख तत्वों की मौजूदगी स्किन को फायदा पहुंचाती है। इससे त्वचा की लोच बरकरार रहती है।
2. रेटिनॉल को करें अपलाई
जर्नल ऑफ एडवांसिस इन डर्माटोलॉजी एंड एलर्जोलॉजी के अनुसार विटामिन ए की गिनती एंटी रिंकल विटामिन में की जाती है। इस फैट सॉल्यूबल सबस्टांस को रेटिनॉइड कहा जाता है। इससे स्किन में कोलेजन की मात्रा बढ़ती है और वॉटरलॉस से बचा जा सकता है। इसे इस्तेमाल करने से क्लॉग्ड पोर्स की समस्या को हल करके एक्ने ब्रेकआउट से बचा जा सकता है। इसे लगाने के लिए फेसवॉश कर लें और उसके बाद त्वचा को मॉइश्चराइज़ करें। फिर चेहरे पर कुछ बूंद रेटिनॉल की लगाकर स्प्रेड कर लें। इसे रात में सोने से पहले चेहरे पर अवश्य अप्लाई करके सोएं।
3. विटामिन सी से करें स्किन सेल्स को रिपेयर
विटामिन सी का इस्तेमाल करने से त्वचा में कोलेजन की मात्रा बढ़ने लगती है, जो फाइन लाइंस की समस्या को हल करने में मददगार साबित होता है। इस एंटीऑक्सीडेंट को त्वचा पर अप्लाई करने से फ्री रेडिकल्स का प्रभाव कम होने लगता है। विटामिन सी एस्कॉर्बिक एसिड के रूप में त्वचा में त्रबेहतर तरीके से समा जाता है। इसे इस्तेमाल करने से सन रेज़ के जोखिम से भी बचा जा सकता है। 2 से 3 बूंद इसे चेहरे पर लगाकर सर्कुलेट कर लें। इससे स्किन स्मूदनेस और ब्राइटनेस बढ़ने लगती है।
4. सनस्क्रीन से यूवी रेज़ के प्रभाव को करें कम
चेहर पर विटामिन सी सीरम लगाने के बाद यूवी रेज़ के प्रभाव से बचने के लिए सनस्क्रीन का प्रयोग करें। दरअसल, यूवी रेज़ स्किन की लेयर डर्मिस में कोलेजन और इलास्टिन ब्रेकआउट का कारण बनती हैं, जिससे त्वचा में खुरदरापन और झुर्रियाँ बढ़ने लगती हैं। ऐसे में ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। अमेरिकन जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल डर्मेटोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार 52 हफ़्तों तक ब्रॉड.स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने वाले लोगों की त्वचा में खुरदरे में कमी देखने को मिली।
5. एक्सफोलिएशन से दाग धब्बों को करें कम
सप्ताह में 2 से 3 बार स्किन को एक्सफासेलिए करने से पोर्स में जमा गंदगी, धूल मिट्टी और पॉल्यूटेंट्स को रिमूव किया जा सकता है। इससे डेड स्किन सेलस को दूर करके त्वचा के लचीलेपन को बनाए रखने में मदद मिलती है। त्वचा की डीप क्लीनिंग होने के अलावा सेल्स टर्नओवर में भी मदद मिलती है। इसके चलते त्वचा पर हाइपरपिगमेंटेशन के खतरे को भी कम किया जा सकता है।
6. हाइड्रेशन से रहेगी लोच बरकरार
डिहाइड्रेशन की वजह से त्वचा का रूखापन बढ़ जाता है। त्वचा की बनावट को बेहतर बनाने के लिए पानी का सेवन करें। त्वचा के स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त पानी पीना बहुत ज़रूरी है। इसके अलावा स्किन पर सेरामाइड या शिया बटर जैसे ऑक्लूसिव एजेंट वाले उत्पादों का उपयोग करने से स्किन में नमी को लॉक करने में मदद मिलती है।
7. संतुलित आहार बनाए रखें
स्किन स्मूदनेस को मेंटेन रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और हेल्दी फैट्स से भरपूर आहार लें। विटामिन सी कोलेजन का उत्पादन करने में मदद करता है। इसके लिए आहार में मछली और अलसी को शामिल करे। इससे शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्राप्ति होती है, जिससे सूजन को कम करने में मदद मिलती है। जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन की रिपोर्ट के अनुसार, उच्च वसा वाला आहार और ज्यादा चीनी का सेवन त्वचा के लिए हानिकारक हैं।
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