किसी नए रिश्ते को समझने और स्वीकारने में समय और संयम दोनों की आवश्यकता होती है। अधिकतर कपल्स जहां एक दूसरे के प्रति उत्साहित रहते हैं, तो वहीं मन के एक कोने में घबराहट भी बनी रहती है। इस समस्या को सुलझाने के लिए रिश्ते में आपसी समझ को बढ़ाना आवश्यक है। इससे न केवन अंडरस्टैडिंग बिल्ड होती है बल्कि आपसी प्रेम भी बना रहा है। ऐसे में अगर आप भी किसी नए रिश्ते में बंध रही है। फिर चाहे वो दोस्ती का हो या विवाह का कुछ बातों का अवश्य ख्याल रखें। जानते हैं नए रिश्ते की नींव को मज़बूत बनानेके लिए किन टिप्स की लें मदद (how to build a healthy relationship)।
इस बारे में मनोचिकित्सक डॉ आरती आनंद बताती हैं कि अधिकतर लोग नए रिश्ते में बंधकर घुटन महसूस करने लगते है और सामंजस्य बैठाने में परेशानी का सामना करते हैं। इससे रिश्तों में कड़वाहट बढ़ने लगती है और बेवजह दूरियों का सामना करना पड़ता है। आपसी तालमेल को बनाए रखने के लिए एक दूसरे पर विश्वास बनाए रखना आवश्यक है। साथ ही एक दूसरे में कमियों को खोजने से रिश्तों में खींचतान बनी रहती हे। एक दूसरे की पसंद नापसंद को जानकर और सहमति बनाए रखने से रिश्ता मज़बूत बनता है।
डेटिंग एंड रिलेशनशिप इन डिजिटल एज पर प्यू रिसर्च सेंटर का रिसर्च सामने आया है। इसके अनुसार 51 फीसदी लोग जो विवाहित हैं या साथ में रह रहे हैं। उनका कहना है कि जब वे अपने पार्टनर से बात करने की कोशिश करते हैं तो उनके साथी का ध्यान उनके सेलफोन पर चला जाता है। वहीं 10 में से 4 लोग दिनभर में कभी न कभी अपने साथी के सेलफोन उपयोग की आवृत्ति से परेशान होते हैं।
किसी भी रिश्ते की बुनियाद विश्वास पर टिकी रहती है। इससे रिश्ता न केवल मज़बूत बनता हे बल्कि दो लोग एक दूसरे के करीब आने लगते है। बात-बात पर शक करने की आदत रिश्ते को जहां स्पॉइल करने लगती हैं। वहीं एक दूसरे पर विश्वास बनाकर आपस में कनेक्टिड रहते है, जिससे कोई तीसरा व्यक्ति रिश्ते को कमज़ोर नहीं बना सकता है।
पार्टनर के बारे में जानकारी होना अच्छी बात है। मगर उसे अपने मन मुताबिक कंट्रोल करने की आदत रिश्ते झूठ और धोखाधड़ी का जोखिम बढ़ा देती हैं। अपने साथी को अपने मन मुताबिक जीवन जीने की आज़ादी प्रदान करें। शॉपिंग से लेकर खानपान तक अपनी राय थोपने से बचें और उसकी राय को प्रमुखता दें। इससे रिश्ते में खुशहाली बढ़ने लगती है और संबधों में प्रेम बढ़ने लगता है।
हर व्यक्ति में कुछ गुण और अवगुण मौजूद होते हैं। अगर गुणों को दरकिनार करके अवगुणों को हर पल दोहराएंगे,तो रिश्तों में दूरियां बढ़ जाती है। एक दूसरे के किए गए कार्यो की सराहना करें और साथ ही आगेबढ़ने के लिए हर पल प्रोत्साहित करना आवश्यक है। इससे नज़दीकिया और अंडरस्टैंडिंग बढ़ने लगती है। इससे व्यक्ति भावनात्मक रूप से भी मज़बूत होने लगता है।
वर्क प्रेशर और अन्य जिम्मेदारियों के चलते कम्यूनिकेशन गैप बढ़ने लगता है, जो मिसअंडरस्टैडिंग की समस्या को बढ़ा देता है। ऐसे में एक दूसरे को वक्त दें और रोज़मर्रा के जीवन में होने वाली गतिविधियों पर बात करें। साथ ही मिलकर हर समस्या का समाधान खोजें। इससे रिश्तों में बढ़ने वाला खिंचाव कम होने लगता है और प्यार बरकरार रहता है।
हर काम को टीमवर्क के साथ करने से न केवल कार्य जल्दी होने लगता है बल्कि बहुत कुछ नया सीखने को भी मिलता है। ऐसे में किसी एक व्यक्ति पर अत्यधिक कार्यभार नहीं रहता और दोनों व्यक्ति एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
कभी हमें साथी का ड्रेसिंग सैंस पसंद नहीं आता है, तो कभी खानपान की आदतें। ऐसे मे पार्टनर जैसा है, उसे वैसा ही रहने दें ओर उसे बदलने का प्रयास न करें। इस बात को समझना आवश्यक है, कि हर व्यक्ति एक दूसरे से भिन्न होता है। ऐसे में अन्य लोगों से उसकी तुलना करने से व्यक्ति आ आत्मविश्वास कम होने लगता है। रिश्तों की मज़बूती को बनाए रखने के लिए व्यक्ति को उसकी आदतों के साथ स्वीकार कर लें।
हेल्दी रिलेशनशिप को मेंटेन रखने के लिए अपने व्यवहार में नम्रता लेकर आएं और अपने पार्टनर का सम्मान करें। दोस्तों, रिश्तेदारों और ऑफिस क्लीग्स के सामने अपने साथी को नीचा दिखाने से बचें और उसकी सराहना करें। इससे रिश्ते में प्यार और अंडरस्टैडिंग बनी रहती है।