ठंड के मौसम में अक्सर बालों को कवर करने के लिए जहां कैप और मफलर की मदद ली जाती है। वहीं सर्दियों में हेयरवॉश को भी अवॉइड किया जाता है। मगर इससे बालों में फंगल इंफे्क्शन का जोखिम बढ़ जाता है, जो खुजली और इरिटेशन का कारण साबित होता है। दरअसल, बालों की उचित देखभाल न करने से हेयर लाइस यानि जुएं पनपने लगती है। इससे राहत पाने के लिए लोग एंटी लाइस शैम्पू से नियमित रूप से हेयरवॉश करने लगते हैं। मगर इसके अलावा कुछ घरेलू नुस्खे भी इसमें मददगार साबित हो सकते है। जानते हैं किन टिप्स की मदद से हेयरलाइस से मिलती है राहत (Head lice home remedies)।
सीडीसी के अनुसार जूएं एक प्रकार के पेरासाइट्स और इंसेक्ट होते हैं। जो सिर और प्यूबिक एरिया में पाए जाते हैं। जूं स्किन के साथ चिपक जाती हैं, जो ब्लड पीकर जीवित रहते हैं। किसी संक्रमण से ग्रस्त होने पर या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से इस समस्या का जोखिम बढ़ जाता है। ये कुत्ते, बिल्लियाँ और अन्य पालतू जानवर की मदद से नहीं फैलती हैं। किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से इसका जोखिम बढ़ जाता है। ये उछल या उड़कर फैलने की जगह रेंगकर चलने लगती है।
स्कैल्प पर पनपने वाली जुएं बेहद बारीक और महीन होती है। इन्हें चुनने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। इसके लिए कंघी को गीला करके बालों में कॉम्ब करने से फायदा मिलता है। इसके अलावा बालों की जड़ों में स्प्रे कर लें। अब कंघी से जड़ों से लेकर पूरी लेंथ पर कॉम्ब करें। इससे बालों में मौजूद जुओं को आसानी से निकाला जा सकता है।
एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइब्रोबियल गुणों से भरपूर तुलसी की पत्तियों से हेयर क्लीनिंग में मदद मिलती है। इसके लिए मुट्ठी भर तुलसी के पत्तों को धोकर पीस लें। अब उसका पेस्ट तैयार कर लें। बालों को धोने से 30 मिनट पहले इसे बालों में लगा लें। इससे जुओं की समस्या हल होने लगती है।
हेल्दी फैट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर असेंशियल ऑयल से बालों की चंपी करने से बैक्टीरिया का प्रभाव कम होने लगता है। लेवेंण्डर आयल, क्लोव ऑयल और पिपरमिंट ऑयल समेत सभी असेंशियल ऑयल को केरियर ऑयल में मिलाकर बालों में लगाएं और मसाज करें। इससे हेयर लाईस से बचने में मदद मिलती है।
प्याज में क्वेरसेटिन और सल्फर की मात्रा पाई जाती है, जोबालों में जूं को पनपने से रोकते है। एंटी इंफ्लामेंटरी गुणों के चलते सूजन और जलन कम होने लगती है। प्याज का पेस्ट बनाकर उसका रस अलग कर लें और उसे बालों की जड़ों में लगाकर 30 मिनट के लिए छोड़ दें। अब बालों को माइल्ड शैम्पू से मदद से धोएं।
कपूर की गिनती स्कैल्प डिटॉक्सिफायर प्रोडक्ट्स में की जाती है। कपूर को तेल में मिलाकर लगाने से जूं की समस्या हल होने लगती है। इसमें न सिर्फ एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल पाए जाते हैं बल्कि इसकी तेज़ गंध जूओं का सफाया करने में मददगार साबित होती है। कपूर को पीसकर नारियल के तेल में डालें और उसे पकने दें। आप चाहें, तो इसमें भृंगराज भी एड कर सकते हैं।
चमेली के फूल में क्लीजिंग और कंडीशनिंग प्रॉपर्टीज़ पाई जाती हैं, जिससे स्कैल्प इंफेक्शन से राहत मिलती है। इसके अलावा ये फूल मॉइश्चराइजिंग गुणों से भी भरपूर हैं। इस फूल की खुशबू जहां बालों को जूं से बचाती है। वहीं सर्दी के मौसम में बालों में बढ़ने वाली शुष्कता को भी कम किया जा सकता है। फूल कोडायरेक्ट बालों में लगाने या फिर इसका तेल अप्लाई करने से फायदा मिलता है।
वातावरण में बढ़ने वाली ह्यूमिडिटी स्कैल्प को ऑयली और चिपचिपा बना देती है। इसके अलावा आंवले के पाउडर को पानी में मिलाकर स्कैल्प पर अप्लाई करें। इसमें मौजूद दरअसल, आंवले में मिनरल्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स की मात्रा पाई जाती है। इससे बालों की जड़ों की मज़बूती बढ़ने लगती है और जूं से बचा जा सकता है। सप्ताह में इसे 2 से 3 बार अवश्य अप्लाई करें।
यह भी पढ़ें- इंटिमेट हाइजीन में लापरवाही आपको दे सकती है बॉडी लाइस की समस्या, जानिए इसके बारे में सब कुछ
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।