मेहंदी सिर्फ श्रृंगार नहीं है, यह परिवारों की परंपरा का पीढ़ियों पुराना हिस्सा है। छोटी-बड़ी उम्र, गांव-शहर, ट्रेडिशनल-आधुनिक, सभी महिलाएं मेहंदी लगाना पसंद करती हैं। फिर चाहें आप इसे सुहाग से जोड़कर देखें या ट्रेडिशनल आर्ट से। हाथों में मेहंदी लगते ही किसी का भी लुक और आकर्षक हो जाता है। खासतौर से करवा चौथ (Karwa Chauth Mehndi) और अन्य तीज-त्योहारों में सभी महिलाएं अपने हाथों पर इसे सजाना चाहती हैं। मगर अकसर ये दो-तीन दिन में ही फीकी लगने लगती है। अगर आप भी चाहती हैं कि आपकी मेहंदी का रंग खूब निखर कर आए और यह देर तक रहे, तो आपकी मदद के लिए हम यहां कुछ टिप्स दे रहे हैं। ये DIY हैक्स (DIY hacks to darken mehndi) मेहंदी को और भी गहरा और पक्का बना देंगे।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार हिना एंटी माइक्रोबियल, एंटी इंफ्लामेटरी और एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर होती है। हिना को लगाने से त्वचा संबधी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इससे शरीर को ठंडक मिलती है और ब्लड का सर्कुलेशन नियमित बना रहता है। आयुर्वेद के मुताबिक ये शरीर को ठंडक पहुंचाती है। इसमें पाए जाने वाले एंटी इंफ्लामेटरी गुण त्वचा पर बढ़ने वाले रैशेज, रेडनेस और जलन को दूर किया जा सकता है। मेंहदी हाथों की त्वचा के अलावा स्कैल्प पर लगाने से भी फायदा मिलता है। इससे स्कैल्प की ड्राईनेस को कम किया जा सकता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार हिना में लॉसन नामक कंपाउड पाया जाता है जो प्रोटीन के रूप में बालों, त्वचा और कपड़ों को रंगने में मदद करता है। इस बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि इसमें एंटी माइक्रोबियल और एंटी बैक्टीरियल एजेंट पाए जाते हैं। हांलाकि इसे नेचुरल कलर को अधिक गाढ़ा करने के वादा करके पैकिट बंद हिना में पीपीडी, सोडियम पिक्रामेट और डायमीन मिलाया जाता है। इससे त्वचा का रूखापन बढ़ने लगता है और स्किन पर खुजली की समस्या बनी रहती है।
अब हाथों पर लगने के दौरान मन में एक ही सवाल उठता है कि हिना का रंग कितना गहरा होगा। यूं तो इन दिनों इसमें कई प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाने लगा है, मगर फिर भी मेंहदी के गहरा रचने की उम्मीद बनी रहती है। इसके लिए कुछ महिलाएं जहां नींबू और चीनी का घोल लगता है, तो कुछ हिना ऑयल अप्लाई करती है। जानते हैं हाथों में रचने वाली मेंहदी के रंग को गहरा करने की आसान टिप्स।
लोहे के बर्तन में मेहंदी को कुछ देर भिगोकर रखने से आयरन की प्राप्ति होती है, जिससे कालापन बढ़ने लगता है। पहले इसे छानकर लोहे की कढ़ाई में भिगोएं और इसमें 1 से 2 चम्मच सरसों का तेल भी मिला सकते हैं। तीन से चार घंटों तक भीगने के बाद अप्लाई करें।
मेहंदी को लगाने से पहले उसका घोल तैयार करने के दौरान पानी की जगह चाय पत्ती को उबालकर तैयार किए गए पानी का प्रयोग करें। इससे प्राकृतिक रंग बना रहता है और हाथों को धोने के बाद रंग गहरा नज़र आता है।
इसे अप्लाई करने से पहले हथेलियों को धोना आवश्यक है। इससे हाथों पर मौजूद डस्ट पार्टिकल्स, तेल व क्रीम को रिमूव किया जा सकता है, जिससे मेहंदी का रंग चढ़ने में दिक्कत आती है। हाथों को धोकर मेंहदी लगाने से हिना सीधे तौर पर स्किन के संपर्क में आती है, जिससे रंग गाढ़ा हो जाता है।
हाथों पर मेहंदी के रंग का गाढ़ा करने के लिए 3 से 4 लौंग लेकर तवे पर रोस्ट कर ले। अब हाथों को तवे से उंचाई पर रखें और उससे निकलने वाले धुएं को हाथों के संपर्क में आने दे। जब तक संभव हो गर्म लौंग के धुएं को हाथों पर आने दें। इससे रंग में गहरापन बढ़ने लगता है।
नीलगिरी के तेल को यूकेलिप्टस ऑयल भी कहा जाता है। फाइटोकेमिकल से भरपूर इस एसेंशियल ऑयल को हाथों और पैरों को धोने के बाद उसपा अप्लाई करें। साथ ही स्किन ड्राइनेस की समस्या का भी कम किया जा सकता है। हाथों को धोने के बाद तेल की कुछ बूंदों को हथेली पर लेकर रब कर लें और ओवरनाइट लगाकर रखें।
सूखने के बाद हाथों को धोने से पहले झाड़ लें। अब कोइ भी बाम या फिर अचार के तेल को लेकर दोनों हाथों पर अपलाई कर ले। इससे मेंहदी के रंग को नेचुरली गहरा किया जा सकता है। 1 से 2 घंटे तक अप्लाई करने के बाद हाथों को धो लें। इससे मेहंदी का रंग और भी ज्यादा खिलता है।
1 चम्मच चीनी में दो नींबू के रस को निचोड़कर एड करके घोल तैयार कर लें। इस मिश्रण को मेंहदी लगाने के कुछ देर बाद जब सूखने लगती है, उस वक्त कॉटन बॉल की मदद से अप्लाई करें। इसे हाथों पर लगाने के बाद होने वाली खुजली से भी राहत मिल जाती है।
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