प्रोटीन से भरपूर पनीर में कई खास पोषक तत्व होते हैं। यही वजह है कि फिटनेस फ्रीक्स, इंफ्लुएंसर्स और एक्सपर्ट हर रोज पनीर खाने की सलाह देते हैं। इस समय मार्केट में आपको पनीर के हजारों ब्रांड और विक्रेता मिल जाएंगे। पर जो पनीर आप या आपका परिवार रोज खा रहा है, क्या वह वास्तव में पौष्टिक है? मार्केट में पैकेज्ड और खुले दोनों प्रकार के पनीर उपलब्ध हैं। पर एक तीसरी तरह का पनीर भी बाजार में है। जिसे नकली पनीर या फेक पनीर कहा जाता है। यह दिखने में तो बिल्कुल असली पनीर जैसा ही होता है। मगर पौष्टिकता में यह जीरो होने के साथ सेत के लिए खतरनाक भी हो सकता है। क्या है फेक पनीर और इसे कैसे पहचाना जाए, आइए जानते हैं विस्तार से (how to identify fake paneer)।
बहुत सी महिलाएं घर पर खुद शुद्ध तरीके से पनीर तैयार करती हैं, परंतु सभी को पनीर बनाना नहीं आता। वर्किंग महिलाएं अधिक व्यस्त होने की वजह से बाहर से पनीर खरीद लेती हैं। हालांकि, पनीर खरीदने में कोई बुराई नहीं है, परंतु आपको इसकी जांच करने का सही तरीका मालूम होना चाहिए (how to identify fake paneer), ताकि आप पनीर में मौजूद पोषक तत्वों की असल गुणवत्ता इंजॉय कर सके। मिलावटी पनीर आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। इसलिए आज हेल्थ शॉट्स आपके लिए कुछ जरूरी टिप्स लेकर आया है, जिनकी मदद से आपको पनीर की असल पहचान करने में मदद मिलेगी (how to identify fake paneer)।
सिंथेटिक पनीर को वेजिटेबल ऑयल, स्टार्च, आर्टिफिशियल डाई, मिल्क सॉलिड और कुछ प्रकार के हानिकारक केमिकल से तैयार किया जाता है। यह देखने में बिल्कुल पनीर की तरह होता है, परंतु आपकी सेहत को कई रूपों में नुकसान पहुंचा सकता है।’
सिंथेटिक और मिलावटी पनीर के सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कि डायरिया, वोमिटिंग, अपच आदि का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा यदि आप नियमित रूप से मिलावटी पनीर का सेवन कर रही हैं, तो इसका असर आपकी किडनी और लीवर स्वास्थ्य पर भी नजर आ सकता है। सिंथेटिक पनीर को बनाने में कुछ प्रकार के हार्मफुल केमिकल्स और मिल्क पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। इसके साथ ही यह बॉडी में इन्फ्लेमेशन को बढ़ा सकता है, जिसकी वजह से डायबिटीज, कैंसर, हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
सबसे पहले आपको पनीर का एक टुकड़ा लेना है और उसे एक कप उबलते पानी में डाल देना है। उसके बाद एक चम्मच तूर दाल को पीसकर इसका पाउडर बना ले और इसे पनीर वाले पानी में डाल दें। 10 मिनट तक इंतजार करें, यदि आपका पानी हल्का लाल रंग का हो गया है, तो इसमें यूरिया की मिलावट की गई है। इस ब्रांड के पनीर का सेवन फौरन बंद कर दें।
एक छोटे बोल में उबले हुए पनीर के टुकड़े पर आयोडीन सॉल्यूशन डालें, और कुछ देर रुकें। यदि आपके पनीर का रंग ब्लू हो जाता है, तो इसमें स्टार्च की मात्रा मिलाई गई है। वहीं यदि रंग पीला या नारंगी है, तो आपकी पनीर शुद्ध एवं सुरक्षित है।
शुद्ध पनीर को दबाने पर यह आसानी से टूट जाती है और इसका टेक्सचर बेहद मुलायम हो जाता है। यह मुंह में जाते ही घुल जाती है, और दूध जैसा स्वाद देती है। सिंथेटिक और मिलावटी पनीर का टेक्सचर बाउंसी, रबर जैसा हो सकता है। जिन्हें खाने के लिए अधिक चबाने की आवश्यकता पड़ती है। यदि आप इस तरह का पनीर खा रही हैं, तो आपकी पनीर में मिलावट है, इसे फौरन बंद कर दें।
प्योर पनीर के इनग्रेडिएंट लेवल पर दूध और कुछ प्रकार के एसिड जैसे कि सिट्रिक एसिड का नाम मेंशन होता है। वहीं मिलावटी पनीर और सिंथेटिक पनीर के लेवल पर वेजिटेबल ऑयल स्टार्च जैसी सामग्रियों के नाम लिखे होते हैं।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने यह मेंडेटरी कर दिया है, कि कोई भी एनालॉग डेयरी प्रोडक्ट बिना लेवल के नहीं बेचे जाएंगे। इसलिए पनीर के पैकेट पर उसका लेवल जरूर जांचें, उन पर एनालॉग लिखा हुआ होता है।
कुछ ट्रस्टेड ब्रांड हैं जिनके पनीर को शुद्ध माना जाता है। उन ब्रांड की प्राइस से आप अन्य पनीर को कंपेयर कर सकती हैं। क्योंकि आमतौर पर सिंथेटिक पनीर रियल पनीर की तुलना में बहुत सस्ता होता है। यह अपनी समझ की बात है की 200 ग्राम पनीर बनाने में कितना दूध इस्तेमाल हो रहा है, और यदि यह आपको दूध के दाम से भी सस्ता मिल रहा है, तो जाहिर सी बात है यह शुद्ध पनीर नहीं हो सकता।
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