प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को जी मचलाने, थकान और डायबिटीज़ की समस्या बनी रहती है। ऐसे में फास्टिंग का ख्याल उनकी चिंताओं को बढ़ा सकता है। हांलाकि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर व्रत करने से न केवल शरीर डिटॉक्स होता है बल्कि इससे मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होने लगता है। इसके अलावा इम्यून सिस्टम को मज़बूती मिलती है। मगर ढ़रों फायदों के बाद भी गर्भवती महिलाओं को व्रत के दौरान सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है। अगर आप भी प्रेगनेंसी के दौरान महाशिवरात्रि व्रत रखना चाहती हैं, तो एक्सपर्ट की बताई इन टिप्स को न करें इग्नोर (Fasting in pregnancy)।
अमेरिकन जर्नल ऑफ अब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी के अनुसार गर्भावस्था के दौरान उपवास बर्थवेट, प्रीटर्म डिलीवरी या जन्मजात समस्याओं का कारण साबित नहीं होता है। हालांकि व्रत करने से निर्जलीकरण और थकान जैसी चिंताएं बढ़ सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान महाशिवरात्रि उपवास (Fasting in pregnancy) करने से पहले किसी डॉक्टर से परामर्श करें।
फर्टिलिटी क्लिनिक में क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. इला गुप्ता बताती हैं कि लगातार कई दिनों तक फास्ट रखने की जगह स्वस्थ गर्भवती महिलाओं को 1 से 2 दिन व्रत रखने की सलाह दी जाती है। इस दौरान अपनी डाइट का ख्याल रखते हुए हर दो घंटे बाद कुछ न कुछ अवश्य खाएं।मेंटे इसके अलावा शरीर में पानी की मात्रा को वे गर्भवती महिलाएं जो एसिडिटी, माइग्रेन और डायबिटीज़ की शिकार हैं, उन्हें ऐेसी स्थिति में व्रत (Fasting in pregnancy) रखने से परहेज़ करना चाहिए।
एक दिन की फास्टिंग में दिनभर भूखे रहने की जगह हर थोड़ी देर में फलों का सेवन करें। जहां केले से शरीर को कैलोरीज़ और मिनरल्स की प्राप्ति होती है। इसके अलावा संतरा, अंगूर और तरबूज का सेवन करने से शरीर को विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स की उच्च मात्रा में प्राप्ति होती है। स्पाइसी और फ्राइड फूड से बचना चाहिए।
मखाने को आहार में शामिल करे। इसके अलावा लौकी की खीर, गाजर की खीर, मिल्क शेक, स्मूदी और दही का सेवन करें। इससे शरीर को माइक्रोन्यूट्रीएंट्स की प्राप्ति होती हैं। डेयरी प्रोडक्टस से शरीर को प्रोटीन प्राप्त होता है, जिससे बार बार भूख लगने की समस्या हल हो जाती है।
आहार में कुट्टू और सिघांड़े का आटा शामिल करें। इससे शरीर को फाइबर और हेल्दी काबर्स की प्राप्ति होती है। शरीर में एनर्जी का स्तर बना रहता है और आलस्य व कमज़ोरी से बचा जा सकता है।
निर्जलीकरण की स्थिति से बचने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीएं। इसके लिए टाइमर सेट कर लें। इसके अलावा ठंडाई, लस्सी, और नारियल पानी समेत हाइड्रेटिंग ड्रिंक्स का सेवन करना चाहिए। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बना रहता है।
ओमेगा 3 व 6 फैटी एसिड की प्राप्ति के लिए आहार में नट्स व सीड्स को शामिल करें। इससे मसल्स की मज़बूती और मोबिलिटी बनी रहती है। इसके अलावा शरीर को भी पोषण की प्राप्ति होती है। व्रत के दौरान छोटी मोटी भूख के लिए नट्स और सीड्स को मंजिंग के लिए प्रयोग कर सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान सभी महिलाओं के शरीर में अलग अलग प्रकार के बदलाव देखने को मिलते हैं। ऐसे में भूख लगने वा अवश्य खाएं और व्रत के दौरान दिनभर पानी पीएं। इसके अलावा थकान महसूस होने पर शरीर को आराम भी दें और डॉक्टर की सलाह से योगाभ्यास करें।
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