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4-7-8 breathing technique : क्या है 4-7-8 ब्रीदिंग तकनीक जो नींद और मेंटल हेल्थ में कर सकती है सुधार

ये सांस लेने की एक खास तकनीक है। इसको करके आप अपने स्ट्रेस को कम करने और शांत रहने में मदद मिलती है और इसके साथ ही अच्छी नींद को बढ़ावा मिलता है। इस तकनीक को करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है।
Published On: 5 Mar 2025, 04:37 pm IST
एंग्ज़ाइटी से राहत पाने के लिए माइंडफुल ब्रीदिंग एक प्रभावी उपाय है। चित्र-अडोबी स्टॉक

4-7-8 breathing technique: एंग्‍जायटी और नींद की समस्‍या को दूर करना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ‘4-7-8’ तकनीक की सहयता से आप अपने तनाव को दूर कर सकती हैं और इसके साथ ही इसे करने से अच्छी नींद को बढ़ावा मिलता हैं। दरअसल, तनाव से भरी दुनिया में लोग सोते वक्‍त भी एंग्‍जायटी और स्‍ट्रेस में रहते हैं। यही कारण है कि उनकी रात की नींद भी डिस्‍टर्ब होती है। अगर आप अपने ब्रीदिंग तकनीक में बदलाव लाएं तो नींद ना आने की समस्‍या को दूर करने में आपको मदद मिल सकती हैं। इसके साथ ही इसे करने के और भी फायदे हैं।

4-7-8 ब्रीदिंग तकनीक पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट

अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल कानपुर के कंसल्टेंट रेस्पिरेटरी मेडिसिन एंड पल्मोनोलॉजी डॉ. संदीप कटियार बताते हैं कि, (4-7-8 breathing technique) 4-7-8 ब्रीदिंग तकनीक, जिसे रिलैक्सेशन ब्रीदिंग या पूर्ण ब्रीदिंग भी कहा जाता है, जो तनाव, चिंता, और अनिद्रा को कम करने में आपकी मदद करती है। इस तकनीक को करना बेहद आसान है।

इसे करने से कई फायदे होते हैं। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करती है, जिससे आपको बेहतर नींद मिलती है। इसके अलावा, यह तकनीक आपके रक्तचाप को कम करने में मदद करती है, जिससे आपके दिल की सेहत में सुधार होता है। इसके अलावा, यह तकनीक आपके पाचन तंत्र को सुधारने में भी सहायता करती है, जिससे आपको पाचन संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है।

इसके अलावा, 4-7-8 ब्रीदिंग तकनीक आपके मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार करती है, जिससे आपकी तनाव, चिंता, और अवसाद की समस्या दूर होती है।

योगाभ्यास फेफड़ों की क्षमता बढ़ाकर आपके शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ा सकते हैं। चित्र-अडोबी स्टॉक

कैसे करें 4-7-8 ब्रीदिंग मेथड का अभ्यास (How to practice 4-7-8 Breathing)

1.आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं

इसे करने के लिए सबसे पहले एक शांत जगह पर बैठें और इस बात को ध्यान रखें कि आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी हो और आपका शरीर एक आरामदायक स्थिति में हो।

2.सांस बाहर निकालें

इसके बाद मुंह से धीरे-धीरे हवा बाहर निकालें, जिसके कारण आप आराम महसूस करेंगे और अब आप इसे करने के लिए तैयार हैं।

3. 4 सेकंड तक सांस लें

अब आप अपनी नाक से धीरे-धीरे करके 4 सेकंड तक सांस को अंदर खींचें। इस बात का ध्यान रखें कि सांस बहुत जल्दी नहीं लेना है सांस को धीरे-धीरे, गहरी और आराम से लें।

4. 7 सेकंड तक सांस रोके रखें

अब आप अपनी सांस को अपने अंदर 7 सेकंड तक रोक कर रखें। इस समय आप अपने शरीर को शांत महसूस कराने की कोशिश करें।

5. 8 सेकंड तक सांस बाहर छोड़ें

इसके बाद अब 8 सेकंड तक मुंह से धीरे-धीरे करके सारी सांस को बाहर छोड़ दें। सांस को बाहर निकालने की ये सारी प्रोसेस धीरे-धीरे और पूरी तरह से होनी चाहिए।

6. यह 4 बार करें

इसे कम से कम चार बार करें। शुरू में अगर आपको ये करना मुश्किल लगे, तो आप धीरे-धीरे करके समय को बढ़ा सकती हैं।

गहरी सांस लेने वाले व्यायाम, जैसे डायाफ्रामिक ब्रिदिंग या प्राणायाम, फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। चित्र : एडॉबीस्टॉक

4-7-8 ब्रीदिंग मेथड के फायदे (4-7-8 breathing technique benefits)

ऑक्सीजन के लेवल में सुधार करता है

ब्रीदिंग की ये तकनीक (4-7-8 breathing technique) शरीर के ऑक्सीजन लेवल को सुधारने में मदद करती है, जिससे ब्लड की सहायता से ब्रेन तक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद मिलती है। जिससे ब्रेन रिलैक्स फील करता है और यही कारण है कि इसे करने से तनाव, स्ट्रेस और चिंता कम होने लगती है।

नींद की क्वालिटी में होता है सुधार

रात में देर तक पढ़ाई या कोई काम करते हैं तो ऐसे में ये आपके लिए पूरे दिन की थकान और कमजोरी का कारण बन जाती है। ऐसे में जब आप इस ब्रीदिंग तकनीक (4-7-8 breathing technique) को करना शुरू करते हैं। तो ये आपको पहले के मुकाबले अच्छी नींद आती है। जिसके कारण आपके शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन रिलीज होता है और आपको तनाव में राहत मिलती है।

एकाग्रता बढ़ती है

अगर आप किसी बात को लेकर टेंशन या डिप्रेस फील कर रहे हैं तो ऐसे में आप किसी भी चीज पर फोकस नहीं कर पाती हैं। ये ब्रीदिंग तकनीक दिमाग की गतिविधियों को नियंत्रित करके एकाग्रता बढ़ाने में मदद करती है।

तनाव कम करने में

4-7-8 मेथड का एक फायदा ये भी है कि इसको करने से तनाव और चिंता को कम करने में भी मिलती है। इसे करने से आपके शरीर के पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम को सक्रिय करती है और आपको शांत करने में सहायता करती है।

इन बातों का रखें ध्यान

इस तकनीक को करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होता है। सबसे पहले, आपको एक शांत और आरामदायक स्थान (4-7-8 breathing technique) पर बैठना होता है। इसके बाद, आपको अपनी आंखें बंद करनी होती हैं और अपने मन को शांत करना होता है। इसके बाद, आपको अपनी नाक से 4 सेकंड तक सांस लेनी होती है, फिर अपने मुंह से 7 सेकंड तक सांस रोकनी होती है, और अंत में अपने मुंह से 8 सेकंड तक सांस छोड़नी होती है। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराना होता है।

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लेखक के बारे में
रूबी शुक्ला

रूबी शुक्ला युवा हिंदी कंटेट क्रिएटर हैं। वे स्किन केयर, हेयर केयर, हेल्दी लाइफस्टाइल और पारंपरिक उपचार पद्धति के बारे में लिखती हैं।

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