4-7-8 breathing technique: एंग्जायटी और नींद की समस्या को दूर करना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ‘4-7-8’ तकनीक की सहयता से आप अपने तनाव को दूर कर सकती हैं और इसके साथ ही इसे करने से अच्छी नींद को बढ़ावा मिलता हैं। दरअसल, तनाव से भरी दुनिया में लोग सोते वक्त भी एंग्जायटी और स्ट्रेस में रहते हैं। यही कारण है कि उनकी रात की नींद भी डिस्टर्ब होती है। अगर आप अपने ब्रीदिंग तकनीक में बदलाव लाएं तो नींद ना आने की समस्या को दूर करने में आपको मदद मिल सकती हैं। इसके साथ ही इसे करने के और भी फायदे हैं।
अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल कानपुर के कंसल्टेंट रेस्पिरेटरी मेडिसिन एंड पल्मोनोलॉजी डॉ. संदीप कटियार बताते हैं कि, (4-7-8 breathing technique) 4-7-8 ब्रीदिंग तकनीक, जिसे रिलैक्सेशन ब्रीदिंग या पूर्ण ब्रीदिंग भी कहा जाता है, जो तनाव, चिंता, और अनिद्रा को कम करने में आपकी मदद करती है। इस तकनीक को करना बेहद आसान है।
इसे करने से कई फायदे होते हैं। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करती है, जिससे आपको बेहतर नींद मिलती है। इसके अलावा, यह तकनीक आपके रक्तचाप को कम करने में मदद करती है, जिससे आपके दिल की सेहत में सुधार होता है। इसके अलावा, यह तकनीक आपके पाचन तंत्र को सुधारने में भी सहायता करती है, जिससे आपको पाचन संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है।
इसके अलावा, 4-7-8 ब्रीदिंग तकनीक आपके मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार करती है, जिससे आपकी तनाव, चिंता, और अवसाद की समस्या दूर होती है।
इसे करने के लिए सबसे पहले एक शांत जगह पर बैठें और इस बात को ध्यान रखें कि आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी हो और आपका शरीर एक आरामदायक स्थिति में हो।
इसके बाद मुंह से धीरे-धीरे हवा बाहर निकालें, जिसके कारण आप आराम महसूस करेंगे और अब आप इसे करने के लिए तैयार हैं।
अब आप अपनी नाक से धीरे-धीरे करके 4 सेकंड तक सांस को अंदर खींचें। इस बात का ध्यान रखें कि सांस बहुत जल्दी नहीं लेना है सांस को धीरे-धीरे, गहरी और आराम से लें।
अब आप अपनी सांस को अपने अंदर 7 सेकंड तक रोक कर रखें। इस समय आप अपने शरीर को शांत महसूस कराने की कोशिश करें।
इसके बाद अब 8 सेकंड तक मुंह से धीरे-धीरे करके सारी सांस को बाहर छोड़ दें। सांस को बाहर निकालने की ये सारी प्रोसेस धीरे-धीरे और पूरी तरह से होनी चाहिए।
इसे कम से कम चार बार करें। शुरू में अगर आपको ये करना मुश्किल लगे, तो आप धीरे-धीरे करके समय को बढ़ा सकती हैं।
ब्रीदिंग की ये तकनीक (4-7-8 breathing technique) शरीर के ऑक्सीजन लेवल को सुधारने में मदद करती है, जिससे ब्लड की सहायता से ब्रेन तक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद मिलती है। जिससे ब्रेन रिलैक्स फील करता है और यही कारण है कि इसे करने से तनाव, स्ट्रेस और चिंता कम होने लगती है।
रात में देर तक पढ़ाई या कोई काम करते हैं तो ऐसे में ये आपके लिए पूरे दिन की थकान और कमजोरी का कारण बन जाती है। ऐसे में जब आप इस ब्रीदिंग तकनीक (4-7-8 breathing technique) को करना शुरू करते हैं। तो ये आपको पहले के मुकाबले अच्छी नींद आती है। जिसके कारण आपके शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन रिलीज होता है और आपको तनाव में राहत मिलती है।
अगर आप किसी बात को लेकर टेंशन या डिप्रेस फील कर रहे हैं तो ऐसे में आप किसी भी चीज पर फोकस नहीं कर पाती हैं। ये ब्रीदिंग तकनीक दिमाग की गतिविधियों को नियंत्रित करके एकाग्रता बढ़ाने में मदद करती है।
4-7-8 मेथड का एक फायदा ये भी है कि इसको करने से तनाव और चिंता को कम करने में भी मिलती है। इसे करने से आपके शरीर के पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम को सक्रिय करती है और आपको शांत करने में सहायता करती है।
इस तकनीक को करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होता है। सबसे पहले, आपको एक शांत और आरामदायक स्थान (4-7-8 breathing technique) पर बैठना होता है। इसके बाद, आपको अपनी आंखें बंद करनी होती हैं और अपने मन को शांत करना होता है। इसके बाद, आपको अपनी नाक से 4 सेकंड तक सांस लेनी होती है, फिर अपने मुंह से 7 सेकंड तक सांस रोकनी होती है, और अंत में अपने मुंह से 8 सेकंड तक सांस छोड़नी होती है। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराना होता है।
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