भारत में नवरात्रि को बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। खसतौर से उत्तर भारत में पूरी श्रद्धा के साथ नवरात्रि के नौ दिन नौ देवी की आराधना की जाती है। ये 9 दिन न केवल शुद्ध और सात्विक आहार (Satvik Ahar) के लिए विशेष हैं, बल्कि कुछ लोग उपवास (Navratri fasting 2024) भी रखते हैं। हालांकि, सामन्य लोगों के लिए इस व्रत को करना सरल हो सकता है, पर डायबिटीज (Navratri fasting for diabetes) के मरीजों को इस दौरान अधिक सावधान रहने की आवश्यकता होती है।
ज्यादातर न्यूट्रिशनिस्ट डायबिटीज के मरीजों को लंबे समय तक भूखे रहने या उपवास करने से बचने की सलाह देते हैं। पर अपनी सांस्कृतिक परंपराओं और आस्था के कारण आप डायबिटीज में भी व्रत रख रही हैं, तो आपको कुछ चीजों का ध्यान (Tips for navratri fasting for diabetes) जरूर रखना चाहिए। यदि व्रत को सही और सुरक्षित तरीके से किया जाए तो बिना किसी नुकसान के डायबिटीज के मरीज भी इस व्रत को कर सकते हैं (navratri fasting for diabetes)।
मणिपाल हास्पिटल, गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा ने डायबिटीज के मरीजों के लिए नवरात्रि फास्टिंग से जुड़े कुछ हेल्दी टिप्स दिए हैं। इन टिप्स के साथ इस नवरात्र बिना ब्लड शुगर को प्रभावित किए डायबिटीज के मरीज भी फ़ास्ट रख सकते हैं। तो चलिए जानते हैं हेल्दी डायबिटिक नवरात्री फास्टिंग टिप्स (navratri fasting for diabetes)।
नवरात्रि के उपवास के दौरान, अनाज, फलियां और कुछ सब्जियों का सेवन नहीं किया जाता है। ये खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से साबुत अनाज और फलियां, काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट के उत्कृष्ट स्रोत हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अदिति कहती हैं, “नवरात्रि के दौरान फास्टिंग करने से आपके सामान्य खाने के पैटर्न में बदलाव आता है और संभावित रूप से रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। हालांकि, यदि इसे एक उचित योजना और डाइट पर पूरा विचार कर के किया जाए तो आप रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रख सकती हैं और स्वस्थ एवं संतुलित रूप से इस व्रत का आनंद ले सकती हैं।”
फास्टिंग के दौरान अपने खाने की मात्रा को नियंत्रित रखना महत्वपूर्ण है। आमतौर पर लंबे समय तक भूखे रहने के बाद खाना खाते वक़्त मात्रा पर नियंत्रण पाना मुश्किल होता है। इसलिए जब आप अपना उपवास तोड़ती हैं तो ज़्यादा न खाएं, क्योंकि इससे रक्त शर्करा बढ़ सकता है। आप चाहें तो खाने से पहले पानी पी सकती हैं।
सिंघाड़ा और कुट्टू के आटे जैसे कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट पर ध्यान दें। इन खाद्य पदार्थों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और ये रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
यदि आपको डायबिटीज है (navratri fasting for diabetes) तो आपको व्रत में कम से कम एक समय अनाज लेना चाहिए, अन्यथा आपके ब्लड शुगर पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है।
डायबिटीज में नौ दिनों के लंबे उपवास के दौरान हाइड्रेशन पर ध्यान देना बेहद जरुरी हो जाता है। हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, क्योंकि डिहाइड्रेशन से ब्लड शुगर लेवल प्रभावित हो सकता है।
उपवास के दौरान ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने के लिए भरा हुआ महसूस करना जरुरी है, इसके लिए अपने भोजन में कम फैट वाले डेयरी, नट्स और बीज जैसे प्रोटीन के स्रोत शामिल करने चाहिए।
व्रत के दौरान ब्लड शुगर लेवल में अचानक से बदलाव आ सकता है, ऐसे में परेशानी से बचने के लिए रोजाना सुबह-शाम या कमजोरी महसूस होने, चक्कर और पसीना आने या किसी भी प्रकार से अनकम्फर्टेबले महसूस होने पर ब्लड शुगर लेवल की जांच जरूर करें। अपने ब्लड शुगर लेवल को नियमित रूप से जांचें। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे लक्ष्य सीमा के भीतर हैं। ज़रूरत पड़ने पर अपने उपवास की योजना में बदलाव करें।
उपवास के दौरान मीठे खाद्य पदार्थों और ड्रिंक्स से परहेज रखने का प्रयास करें। विशेष रूप से जब आप लंबे समय तक भूखी हों तो अचानक से कुछ भी मीठा न खाएं, इससे ब्लड शुगर अचानक से बढ़ सकता है। लगातार अधिक मात्रा में फल लेने से भी बचना चाहिए।
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तले हुए खाद्य पदार्थ, जैसे पकौड़े आदि अनहेल्दी फैट में उच्च हो सकते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकते हैं।
अधिक नमक के सेवन से फ्लूइड रिटेंशन और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जो डायबिटीज के मरीजों में समस्याएं पैदा कर सकता है। बाज़ार में मिलने वाले फास्टिंग मिक्सचर, फास्टिंग चिप्स और अन्य स्नैक्स से परहेज करें। इनमें नमक की मात्रा औसत से अधिक होती है। साथ ही इन्हें सुरक्षित रखने के लिए प्रीजर्वेटिव्स का भी इस्तेमाल किया जाता है। ये दोनों ही चीजें आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकती हैं।
सेहत को आस्था से ज्यादा प्राथमिकता दें और अपने आप को समझाएं कि दवा लेना आपके लिए कितना जरूरी है। यदि आप डायबिटीज के लिए दवाइयां ले रही हैं, तो फास्टिंग से पहले डॉक्टर से मिलकर दवाइयों का समय सुनिश्चित करें। इसके साथ ही बहुत से लोग दवाइयों से परहेज करना शुरू कर देते हैं, यह पूरी तरह से गलत है, इससे आपकी बॉडी को नुकसान पहुंचता है।
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