वज़न का लगातार बढ़ना चिंता का कारण बनने लगता है। ऐसे में अधिकतर लोग फिजिकल एक्टिविटी के अलावा आहार में कटौती करने लगते हैं। जो थकान (tiredness), कमज़ोरी (weakness) और अनिद्रा की समस्या (insomnia) को बढ़ा देता है। दरअसल, आहार में सामान्य बदलाव पेट की जिद्दी चर्बी (Causes of belly fat) को कम करने में कारगर साबित होते हैं। अलसी के बीज फाइबर (Benefits of flax seeds) और फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। इससे शरीर में जमा फैट्स को दूर करके शरीर को हेल्दी और एक्टिव बनाए रखने में मदद मिलती है। जानते हैं अलसी के बीज किस तरह से आहार में शामिल करके वेटलॉस (flaxseeds for weight loss) में मिलती है मदद।
इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि अलसी के बीज (flax seeds benefits) में सॉल्यूबल और इनसॉल्यूबल फाइबर (soluble and insoluble fiber) की मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा शरीर को ओमेगा 3 फैटी एसिड (omega 3 fatty acid) की भी प्राप्ति होती है।
नियमित रूप से इसका सेवन शरीर को स्वस्थ रखता है और लो कार्ब्स फूड होने से मोटापे से बचाने में भी मदद करता है। इससे शरीर को हेल्दी फैट्स (healthy fats), प्रोटीन और मिनरल्स की प्राप्ति होती है, जिससे भूख को नियंत्रित करके हड्डियों को मज़बूती प्रदान करता है। अलसी में पाया जाने वाला अल्फा-लिनोलेनिक एसिड हृदय रोगों (heart problems) से बचाव करने के अलावा वज़न को भी कम करता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार अलसी के बीज से शरीर को हाई फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड और प्रोटीन के अलावा लिग्निन की मात्रा पाई जाती है। ये एक कॉम्प्लेक्स पॉलीमर है, जिससे शरीर में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के अलावा वेटलॉस में भी मदद (tips for weight loss) मिलती है। गुनगुने पानी के साथ 1 चम्मच अलसी के सीड्स का सेवन करने से वेटलॉस में मदद मिलती है।
फाइबर से भरपूर अलसी के बीज पाचनतंत्र को सुचारू बनाए रखने (Flax seeds for digestion) में मदद करते है। आहार में इसे शामिल करने के लिए फ्लैक्स सीड्स को भून लें। उसके बाद उसे सलाद, स्मूदी और चटनी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा ब्रेकफास्ट में ओट्स, पोहा और सैंडविच में स्प्रिक्ल करके खाने से स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।
अक्सर कुछ लोग फ्लैक्स सीड्स को रेसिपीज़ में पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में इन सीड्स को रोस्ट करके इसका दरदरा पाउडर तैयार कर लें। अब इसे स्मूदीज़, मिल्क शेक और खीर में मिलाने के अलावा रोटी बनाने के दौरान उसमें भी मिश्रण एड करने के साथ इसे पाउडर की फॉर्म में मिला कर सकते हैं। इससे आहार में पोषण को जोड़ने में मदद मिलती है।
हेल्दी रेसिपीज़ को तैयार करने के लिए अलसी के बीज का पेस्ट इस्तेमाल करें। इसे बनाने के लिए आवश्यकतानुसार अलसी सीड्स को 8 से 10 घंटे के लिए सोक करके रखें। उसके बाद अतिरिक्त पानी को अलग करके पेस्ट तैयार कर लें। इसे पुडिंग, पास्ता, ढ़ोकला और इडली के मिश्रण में एड कर सकते है। इससे स्वाद और सेहत दोनों को फायदा मिलता है।
अलसी के बीज डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के अलावा गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी बढ़ाते हैं। इसके लिए अलसी के बीज को रोस्ट करके अलग कर लें। अब इसमें भुना जीरा और भीगी हुएर् इमली को मिलाकर ब्लैड करें। इसमें स्वादानुसार काली मिर्च, नमक, चाट मसाला और पानी डालकर ब्लैण्ड कर दें। इसके अलावा धनिए और पुदीने की पत्तियों को भी डालकर मिलाएं। तैयार चटनी को स्नैक्स के साथ सर्व करें
नई मां के लिए यह पौष्टिक और दूध बढ़ाने वाला आहार है। शरीर को एनर्जी प्रदान करने के लिए अलसी के बीज बेहद कारगर है। इसके लिए अलसी के बीज को पीसकर उसमें नारियल, शक्कर और खजूर को डालकर पेस्ट तैयार कर लें। अब इसमें भुनी मूंगफली, काजू, बादाम और अखरोट को दरदरा पीसकर उसमें शामिल करें। मिश्रण तैयार होने के बाद हाथों से लड्डू तैयार कर लें और फिर सर्व करें।
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