5 तरह से की जा सकती है इंटरमिटेंट फास्टिंग, आहार विशेषज्ञ से जानिए कौन सा तरीका है आपके लिए ज्यादा फायदेमंद 

डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और यहां तक कि हार्ट प्रॉब्लम्स भी कई बार बढ़े वजन की ही देन होती हैं। ऐसे में वजन घटाने के तरीके ढूँढना जरूरी है। इन्हीं तरीकों में से एक है इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग। इस तरीके को सही तरीके अपना कर हम वजन कम करने में सफल हो सकते हैं।
Jyada fasting se ho skte hain nuksaan
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान दिन के कुछ घंटों में लो कैलोरी और हेल्दी डाइट का सेवन किया जाता है। इससे शरीर में कैलोरी स्टोरज से बचा जा सकता है। चित्र शटर स्टॉक
Published On: 22 Jan 2025, 11:30 am IST

अंदर क्या है

  • इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग क्या है?
  • इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग के तरीके 
  • इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग से कैसे घटाएं वजन 

बढ़ा वजन अपने आप में एक बड़ी समस्या है। इससे न सिर्फ आप को अपनी डेली लाइफ में समस्या होती है बल्कि इससे और कई बीमारियों के खतरे भी बढ़ते हैं। डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और यहां तक कि हार्ट प्रॉब्लम्स भी कई बार बढ़े वजन की ही देन होती हैं। ऐसे में वजन घटाने के तरीके ढूँढना जरूरी है। इन्हीं तरीकों में से एक है इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग। इस तरीके को सही तरीके से अपना कर हम वजन कम करने में सफल हो सकते हैं। तो चलिए एक्सपर्ट और रिसर्च की मदद से समझते हैं कि इसे अपनाने का सही तरीका (how to do intermittent fasting) क्या है?

इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग क्या है? (What is intermittent fasting)

इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग एक तरह की फास्टिंग ही है लेकिन इसमें खाना पूरी तरह से नहीं छोड़ना होता। बल्कि शरीर का कैलोरी इंटेक कम करना होता है। इस तरीके में भोजन को एक तय समय के अंदर खाना होता है और बाकी समय बगैर खाने के रहना होता है ताकि आपके शरीर में जमा फैट कम कैलोरीज इंटेक के कारण एनर्जी में कन्वर्ट हो सके। यह हमेशा ध्यान रखना है कि इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग (how to do intermittent fasting) का मतलब ये कतई नहीं है कि आप अपने शरीर को भूखा रखिए। इस तरीके का एम केवल इतना है कि शरीर का कैलोरी इंटेक घटे और आप ऊर्जा पाने के लिए अपने शरीर में जमा फैट का इस्तेमाल एनर्जी के तौर पर कर सकें। जब फैट बर्न होता है तो आपका वजन कम होना तय ही है।

इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग के प्रकार (Intermittent fasting types)

मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम में हेड न्यूट्रिशिनस्ट डॉक्टर नीति शर्मा ने हमें इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग के कुछ तरीके (how to do intermittent fasting) बताए। जैसे –

1. 16/8 तरीका (Leangains method)

वजन घटाने के इस तरीके में आप 16 घंटे के लिए खाना नहीं खाते और बाकी बचे 8 घंटे के भीतर अपना खाना खाते हैं।

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इसमें प्रत्येक दिन 16 घंटे का उपवास करना और अपने खाने के समय को 8 घंटे तक सीमित रखना शामिल है। चित्र- अडोबी स्टॉक

उदाहरण के लिए, यदि आप सुबह 8 बजे से रात 4 बजे तक कुछ नहीं खाते, तो आप रात 4 बजे से अगले 8 घंटे यानी 12 बजे तक खाना खा सकते हैं।

2.फास्ट डाइट (The Fast Diet)

फास्ट डाइट में आप सप्ताह के 5 दिनों में आप सामान्य रूप से खाते हैं, लेकिन दो दिन (जो आप चुन सकते हैं) में केवल 500-600 कैलोरी का सेवन करते हैं। यह तरीका उन लोगों के लिए अच्छा होता है जो रोज़ की फास्टिंग नहीं कर सकते, लेकिन फिर भी कैलोरी कम करना चाहते हैं।

3. वन मील अ डे (OMAD)

वन मील अ डे (One Meal a Day) का मतलब है कि आप पूरे दिन में सिर्फ एक बार खाना खाते हैं। यह तरीका उन लोगों के लिए सही है जो बहुत व्यस्त रहते हैं और खाने के लिए एक निश्चित समय रखना चाहते हैं। ऐसे में नियम से खाकर आप वेट घटा सकते हैं।

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4. आल्टर्नेट डे फास्टिंग (Alternate-Day Fasting)

इसमें आप एक दिन खाना खाते हैं और अगले दिन केवल पानी और बाकी लिक्विड चुन सकते हैं। कम समय में कैलोरी कम करने का ये अच्छा उपाय है।

5. वैरिएबल फास्टिंग (Eat Stop Eat)

इस तरीके में आप पूरे दिन की फास्टिंग करते हैं, फिर अगले दिन नॉर्मल खाते हैं। इसमें सप्ताह में 1-2 दिन फास्टिंग करना होता है। फास्ट का ये तरीका बहुत पोपुलर है।

इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग से वजन घटाने में मदद कैसे होती है? (How intermittent fasting helps)

1. इंसुलिन लेवल में कमी

क्लीनिकल डायबिटीज एण्ड एंडोक्रायनोलॉजी नाम की एक संस्था की रिपोर्ट के अनुसार इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग से शरीर में इंसुलिन का लेवल कम हो जाता है, जो फैट को कम करने में मदद करता है।

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इंटरमिटेंट फास्टिंग से इंसुलिन लेवल में कमी आती है। चित्र – अडोबीस्टॉक

इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर में ग्लूकोज़ (खून में शक्कर) का लेवल कम करता है। जब इंसुलिन का लेवल कम होता है, तो शरीर फैट को एनर्जी के तौर पर बदलने लगता है। इसी वजह से डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं में भी इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग बड़े काम की है।

2. फैट जलाने में मदद

जब शरीर लंबे समय तक भोजन के बिना रहता है, तो वह अपनी ऊर्जा के लिए फैट का उपयोग करने लगता है। इस प्रक्रिया को ‘फैट बर्निंग’ कहा जाता है। इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग से शरीर में जमा अतिरिक्त फैट जलने लगता है, जिससे वजन घटता है।

3. कैलोरी इंटेक में कमी

जब आप सीमित समय में ही भोजन करते हैं, तो स्वाभाविक रूप से आपका कैलोरी सेवन कम हो जाता है। यह वजन घटाने में मदद करता है, क्योंकि आप अपने दैनिक कैलोरी इनटेक को कंट्रोल कर पाते हैं।

4. क्या इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग से वजन घटाना सुरक्षित है? ( intermittent fasting to lose weight)

अमेरिकी संस्था नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट कहती है कि जब सही तरीके से किया जाए, तो इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग वजन घटाने के लिए एक सुरक्षित तरीका हो सकता है। लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि ये तरीका सबके लिए ठीक हो सकता है। गर्भवती महिलाएं जिन्हें ज्यादा एनर्जी की जरूरत है, या वो लोग जो पहले ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और बच्चों के लिए, ये तरीका बिल्कुल सही नहीं है। अगर आप इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग करने का प्लान कर रहे हैं तो किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ऐसा करना ज्यादा बेहतर और फायदेमंद है।

इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग का सही तरीका (how to do intermittent fasting)

इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग को सही तरीके (how to do intermittent fasting) से करने के लिए कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए-

1. पर्याप्त पानी पिएं (how to do intermittent fasting) 

हमेशा इस बात का ध्यान (how to do intermittent fasting) रखना है कि फास्टिंग के दौरान पानी पीते रहना है और शरीर को डीहाइड्रेट नहीं होने देना है। पानी से शरीर हाइड्रेटेड तो रहता ही है बल्कि पानी पीते रहने से भूख भी कम लगती है।

2.स्वस्थ खाना

जब आप खाने का समय तय करते हैं, तो यह जरूरी है कि आपका भोजन संतुलित हो। फल, सब्जियाँ, प्रोटीन, अच्छे कार्बोहाइड्रेट, और हेल्दी फैट्स से भरपूर भोजन करें ताकि आपके शरीर को पर्याप्त पोषण मिले और कम भोजन करने की सूरत में भी आपके शरीर में एनर्जी की कमी न हो।

3.धीरे-धीरे शुरुआत करें (how to do intermittent fasting) 

अगर आप इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग शुरू करने जा रहे हैं, तो धीरे-धीरे शुरुआत करें। पहले 12 घंटे का फास्टिंग करें, फिर 14 घंटे, और धीरे-धीरे 16 घंटे तक बढ़ाएं।

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इंटरमिटेंट फास्टिंग की शुरुआत धीरे धीरे करें। चित्र – शटरस्टॉक

इससे आपके शरीर को फास्टिंग के अनुसार ढलने का समय मिलेगा। इसके साथ ही डाइट एकाएक न कम करें। वरना आपके शरीर पर इसके नुकसान ज्यादा दिखाई देंगे।

4.व्यायाम

एकेडमी ऑफ न्यूट्रीशन एण्ड डाइयटिक्स की एक रिपोर्ट  के अनुसार वजन घटाने में व्यायाम भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन इसके साथ आपको ये भी ध्यान रखना है कि फास्टिंग के दौरान हल्का व्यायाम किया जा सकता है, लेकिन बहुत ज्यादा वर्कआउट से बचना है। इससे आपको कमजोरी और थकान जैसी समस्या हो सकती है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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