बढ़ा वजन अपने आप में एक बड़ी समस्या है। इससे न सिर्फ आप को अपनी डेली लाइफ में समस्या होती है बल्कि इससे और कई बीमारियों के खतरे भी बढ़ते हैं। डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और यहां तक कि हार्ट प्रॉब्लम्स भी कई बार बढ़े वजन की ही देन होती हैं। ऐसे में वजन घटाने के तरीके ढूँढना जरूरी है। इन्हीं तरीकों में से एक है इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग। इस तरीके को सही तरीके से अपना कर हम वजन कम करने में सफल हो सकते हैं। तो चलिए एक्सपर्ट और रिसर्च की मदद से समझते हैं कि इसे अपनाने का सही तरीका (how to do intermittent fasting) क्या है?
इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग एक तरह की फास्टिंग ही है लेकिन इसमें खाना पूरी तरह से नहीं छोड़ना होता। बल्कि शरीर का कैलोरी इंटेक कम करना होता है। इस तरीके में भोजन को एक तय समय के अंदर खाना होता है और बाकी समय बगैर खाने के रहना होता है ताकि आपके शरीर में जमा फैट कम कैलोरीज इंटेक के कारण एनर्जी में कन्वर्ट हो सके। यह हमेशा ध्यान रखना है कि इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग (how to do intermittent fasting) का मतलब ये कतई नहीं है कि आप अपने शरीर को भूखा रखिए। इस तरीके का एम केवल इतना है कि शरीर का कैलोरी इंटेक घटे और आप ऊर्जा पाने के लिए अपने शरीर में जमा फैट का इस्तेमाल एनर्जी के तौर पर कर सकें। जब फैट बर्न होता है तो आपका वजन कम होना तय ही है।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम में हेड न्यूट्रिशिनस्ट डॉक्टर नीति शर्मा ने हमें इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग के कुछ तरीके (how to do intermittent fasting) बताए। जैसे –
वजन घटाने के इस तरीके में आप 16 घंटे के लिए खाना नहीं खाते और बाकी बचे 8 घंटे के भीतर अपना खाना खाते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि आप सुबह 8 बजे से रात 4 बजे तक कुछ नहीं खाते, तो आप रात 4 बजे से अगले 8 घंटे यानी 12 बजे तक खाना खा सकते हैं।
फास्ट डाइट में आप सप्ताह के 5 दिनों में आप सामान्य रूप से खाते हैं, लेकिन दो दिन (जो आप चुन सकते हैं) में केवल 500-600 कैलोरी का सेवन करते हैं। यह तरीका उन लोगों के लिए अच्छा होता है जो रोज़ की फास्टिंग नहीं कर सकते, लेकिन फिर भी कैलोरी कम करना चाहते हैं।
वन मील अ डे (One Meal a Day) का मतलब है कि आप पूरे दिन में सिर्फ एक बार खाना खाते हैं। यह तरीका उन लोगों के लिए सही है जो बहुत व्यस्त रहते हैं और खाने के लिए एक निश्चित समय रखना चाहते हैं। ऐसे में नियम से खाकर आप वेट घटा सकते हैं।
इसमें आप एक दिन खाना खाते हैं और अगले दिन केवल पानी और बाकी लिक्विड चुन सकते हैं। कम समय में कैलोरी कम करने का ये अच्छा उपाय है।
इस तरीके में आप पूरे दिन की फास्टिंग करते हैं, फिर अगले दिन नॉर्मल खाते हैं। इसमें सप्ताह में 1-2 दिन फास्टिंग करना होता है। फास्ट का ये तरीका बहुत पोपुलर है।
क्लीनिकल डायबिटीज एण्ड एंडोक्रायनोलॉजी नाम की एक संस्था की रिपोर्ट के अनुसार इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग से शरीर में इंसुलिन का लेवल कम हो जाता है, जो फैट को कम करने में मदद करता है।
इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर में ग्लूकोज़ (खून में शक्कर) का लेवल कम करता है। जब इंसुलिन का लेवल कम होता है, तो शरीर फैट को एनर्जी के तौर पर बदलने लगता है। इसी वजह से डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं में भी इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग बड़े काम की है।
जब शरीर लंबे समय तक भोजन के बिना रहता है, तो वह अपनी ऊर्जा के लिए फैट का उपयोग करने लगता है। इस प्रक्रिया को ‘फैट बर्निंग’ कहा जाता है। इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग से शरीर में जमा अतिरिक्त फैट जलने लगता है, जिससे वजन घटता है।
जब आप सीमित समय में ही भोजन करते हैं, तो स्वाभाविक रूप से आपका कैलोरी सेवन कम हो जाता है। यह वजन घटाने में मदद करता है, क्योंकि आप अपने दैनिक कैलोरी इनटेक को कंट्रोल कर पाते हैं।
अमेरिकी संस्था नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट कहती है कि जब सही तरीके से किया जाए, तो इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग वजन घटाने के लिए एक सुरक्षित तरीका हो सकता है। लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि ये तरीका सबके लिए ठीक हो सकता है। गर्भवती महिलाएं जिन्हें ज्यादा एनर्जी की जरूरत है, या वो लोग जो पहले ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और बच्चों के लिए, ये तरीका बिल्कुल सही नहीं है। अगर आप इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग करने का प्लान कर रहे हैं तो किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ऐसा करना ज्यादा बेहतर और फायदेमंद है।
इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग को सही तरीके (how to do intermittent fasting) से करने के लिए कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए-
हमेशा इस बात का ध्यान (how to do intermittent fasting) रखना है कि फास्टिंग के दौरान पानी पीते रहना है और शरीर को डीहाइड्रेट नहीं होने देना है। पानी से शरीर हाइड्रेटेड तो रहता ही है बल्कि पानी पीते रहने से भूख भी कम लगती है।
जब आप खाने का समय तय करते हैं, तो यह जरूरी है कि आपका भोजन संतुलित हो। फल, सब्जियाँ, प्रोटीन, अच्छे कार्बोहाइड्रेट, और हेल्दी फैट्स से भरपूर भोजन करें ताकि आपके शरीर को पर्याप्त पोषण मिले और कम भोजन करने की सूरत में भी आपके शरीर में एनर्जी की कमी न हो।
अगर आप इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग शुरू करने जा रहे हैं, तो धीरे-धीरे शुरुआत करें। पहले 12 घंटे का फास्टिंग करें, फिर 14 घंटे, और धीरे-धीरे 16 घंटे तक बढ़ाएं।
इससे आपके शरीर को फास्टिंग के अनुसार ढलने का समय मिलेगा। इसके साथ ही डाइट एकाएक न कम करें। वरना आपके शरीर पर इसके नुकसान ज्यादा दिखाई देंगे।
एकेडमी ऑफ न्यूट्रीशन एण्ड डाइयटिक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार वजन घटाने में व्यायाम भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन इसके साथ आपको ये भी ध्यान रखना है कि फास्टिंग के दौरान हल्का व्यायाम किया जा सकता है, लेकिन बहुत ज्यादा वर्कआउट से बचना है। इससे आपको कमजोरी और थकान जैसी समस्या हो सकती है।
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