मौनी अमावस्या पर नदी या घाट पर नहाने की तैयारी है, तो अपनी सेहत के लिए रखें इन 5 बातों का ध्यान

पूर्णिमा, अमावस्या और संक्रांति जैसे अवसरों पर लोग स्नान के लिए घाटों पर पहुंचते हैं। मौनी अमावस्या भी ऐसा ही एक अवसर है। मगर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि नदियों के पानी से नहाना (bathing in river) अब पहले की तरह स्वच्छ नहीं रह गया है, जो कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
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नदी में स्नान से पहले कुछ सावधानी रखनी जरूरी है। चित्र - अडोबीस्टॉक
Published On: 28 Jan 2025, 05:04 pm IST

अंदर क्या है

  • गंदे पानी में नहाने के नुकसान 
  • गंदे पानी में स्नान से होने वाली समस्याएं 
  • नदी में नहाते वक्त रखें ये सावधानी 

यूपी के प्रयागराज में महा कुम्भ 2025 का आयोजन जारी है। देश के कोने-कोने और विदेशों से भी लोग आ कर गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। 29 जनवरी को आ रही मौनी अमावस्या उन खास अवसरों में से है जब लोग बड़ी संख्या में नदियों पर स्नान के लिए पहुंचते हैं। मगर कड़वी हकीकत यह है कि गंगा का पानी साफ नहीं है। इस वजह से लोगों को स्किन इन्फेक्शन और स्किन एलर्जी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। अगर आप भी नदी में स्नान (bathing in river) की योजना बना रहे हैं, तो आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी है।

क्या कहते हैं आंकड़े 

साल 2019 की एक रिपोर्ट इस बात की तस्दीक करती है कि न सिर्फ नदी का पानी (bathing in river) गंदा होने की वजह से लोगों को स्किन एलर्जी हुई थी। बल्कि एक साथ ज्यादा लोगों के नहाने की वजह से एक दूसरे के इन्फेक्शन्स ट्रांसफर भी हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार कुम्भ के दौरान फैली बीमारियों में से 18 प्रतिशत समस्याएं स्किन इंफेक्शन और एलर्जी की थी।

नदी में नहाने से पहले क्यों जरूरी है कुछ चीजों का ध्यान रखना (Reason of skin Allergy after bathing in river)

1. प्रदूषण और गंदा पानी

डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर रत्नाकर शुक्ला बताते हैं कि नदी का पानी अक्सर प्रदूषित होता है, खासकर शहरी इलाकों और औद्योगिक क्षेत्रों के पास। प्रदूषण के कारण नदी के पानी (bathing in river) में अलग- अलग तरह के केमिकल्स, मेटल्स, प्लास्टिक, जैसी चीजें हो सकती हैं।

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नदी का पानी आपकी स्किन पर खुजली और रैश जैसी समस्या दे सकता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

ये जब हमारे स्किन के कॉन्टेक्ट में आते हैं तो हमें स्किन एलर्जी और इन्फेक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे स्किन में खुजली, लालिमा, सूजन, और जलन जैसी समस्याएं होती हैं।

2. बैक्टीरिया और वायरस

नदी के पानी में बैक्टीरिया और वायरस होने के चांस ज्यादा होते हैं। जब नदी का पानी गंदा होता है, तो उसमें शिगेला, हेपेटाइटिस ए, और जैसे बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं। ये स्किन के माध्यम से (bathing in river) शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और त्वचा पर संक्रमण या एलर्जी पैदा कर सकते हैं। शिगेला बैक्टीरिया पेट और आंतों में इन्फेक्शन दे सकता है, और इससे भी आपकी स्किन में जलन और खुजली होती है।

3. नदी में मौजूद जीवों के कारण

नदी के पानी (bathing in river) में छोटे जलजन्तु और परजीवी हो सकते हैं जो त्वचा से संपर्क करने पर संक्रमण और एलर्जी का कारण बन सकते हैं। अगर व्यक्ति नदी में नहाते वक्त इन जलजन्तुओं के संपर्क में आता है, तो उन्हें स्किन इंफेक्शन हो सकता है।

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गंदे पानी से नहाने से स्किन में बैक्टीरिया ट्रांसफर होता है, जिससे  संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

उदाहरण के लिए, “कैम्पिलोबैक्टर” नामक बैक्टीरिया जो गंदे पानी में पाया जाता है, त्वचा के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है।

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दूषित पानी से आपको हो सकती हैं ये 4 समस्याएं (Problems due to polluted water)

1. स्किन इंफेक्शन

नदी के गंदे पानी (bathing in river) में बैक्टीरिया और वायरस आपकी स्किन में दाखिल हो कर आपको इन्फेक्शन दे देते हैं। ये इंफेक्शन त्वचा पर लाल चकत्ते, फफोले, और सूजन जैसी समस्याएं पैदा करते हैं। अगर इसका इलाज समय पर न किया जाए, तो इंफेक्शन बढ़ सकता है और स्किन को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है।

2. एलर्जी और रैशेज

गंदे पानी से त्वचा पर एलर्जी हो सकती है, जिसके नतीजे के तौर पर रैशेज, खुजली, सूजन, और जलन हो सकती है। यदि एलर्जी गंभीर हो, तो त्वचा पर फफोले, बिवाइयां, और स्किन इन्फेक्शंस भी हो सकते हैं।

3. वायरल बीमारियों के खतरे

गंदे पानी से नहाने (bathing in river) पर इंफेक्शियस बीमारियां भी हो सकती हैं। जैसे कि वाटर बॉर्न रोग (waterborne diseases) जैसे डायरिया, हेपेटाइटिस, और स्किन फंगल इन्फेक्शन शामिल हैं।

4. बड़ा नुकसान

डॉक्टर रत्नाकर के अनुसार गंदे पानी से बार-बार संपर्क में आने (bathing in river) से त्वचा पर बड़ी समस्याएं हो सकती हैं। किसी भी नदी का गंदा पानी आपकी त्वचा की नमी को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे सूखापन, जलन, और झुर्रियां परमानेंट रह सकती हैं। अगर आपकी स्किन पहले से सेंसीटिव है, तो ये नुकसान बढ़ भी सकता है।

नदियों में नहाने के बाद बीमार न पड़ें इसके लिए ध्यान रखें ये 5 बातें ( Preventions before Mauni amavasya snan 2025 )

1. साफ पानी में नहाएं

नदी में नहाने ( Mauni amavasya snan) से पहले यह जरूर देख लें कि पानी साफ है या नहीं। और प्रदूषण मुक्त हो। अगर पानी गंदा है तो उसमें नहाने (bathing in river) से बचें।

2. नहाने से पहले स्किन केयर

मौनी अमावस्या ( Mauni amavasya snan) पर अगर आप नदी में नहाने जा रहे हैं तो नहाने से पहले शरीर पर सनस्क्रीन या कोई भी मॉइश्चराइजर लगा लें।

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अगर आप नदी में नहाने जा रहे हैं तो नहाने से पहले भी स्किन पर मॉइश्चराइज़र को अप्लाई करें। चित्र- अडोबी स्टॉक

इससे आपके बदन पर जाने के बावजूद गंदा पानी फिसलेगा और स्किन के अंदर नहीं जा पाएगा। ऐसा करके आप गंदे पानी की वजह से एलर्जी जैसी समस्याओं से बचे रहेंगे।

3. जलन और खुजली से बचने के लिए सावधानी बरतें

अगर नदी में नहाने के बाद (bathing in river) किसी तरह की जलन, खुजली या रैशेज़ महसूस हों, तो तुरंत साफ पानी से नहा लें। इसके बाद स्किन पर मॉइश्चराइज़र लगाएं ताकि स्किन को नमी मिल सके और यह ठीक हो सके।

4. तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

अगर नदी में नहाने (bathing in river) के बाद त्वचा पर एलर्जी, रैशेज, या इंफेक्शन के लक्षण दिखें, तो डॉक्टर को जरूर दिखा लें। स्किन इन्फेक्शन की सूरत में जितनी जल्दी डॉक्टर से सलाह लेंगे, बड़े खतरे से बचे रहेंगे।

5. ज्यादा देर न नहाएं

नदी में नहाने (bathing in river) के दौरान ये सुनिश्चित करें कि बहुत देर तक पानी में न रहें, ताकि अगर पानी गंदा भी हो तो स्किन पर किसी भी प्रकार का प्रभाव न पड़े।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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