बहुत से लोग लगभग रोजाना ऑयली और फ्राइड फूड्स का सेवन करते हैं। यह सेहत के लिए अनहेल्दी है, और सेहत के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। विशेष रूप से यह मोटापा बढ़ा देता है, और हृदय रोग का कारण बन सकता है। इस नए साल में लोग अलग-अलग रेजोल्यूशन बना रहे हैं, तो क्यों न आप इस साल ऑयली और फ्राइड फूड से पूरी तरह परहेज करें।
हेल्थ शॉट्स आपके लिए लेकर आया है ऑयली और फ्राइड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने के कुछ हेल्दी टिप्स, साथ ही जानेंगे अगर आपने अधिक ऑयली खा लिया है, तो इसके नुकसान को कैसे कम करना है (how to reduce oil in foods)।
खाद्य पदार्थों को फ्राई करने के लिए ऑयल का चयन बेहद सोच समझ कर करें। हमेशा लो फैट विकल्प चुनें। आप लो फैट वाले स्प्रेड, डेयरी विकल्प या मिट के कम फैट वाले कट का भी उपयोग कर सकती हैं। इस प्रकार आप ऑयली और फ्राइड खाद्य पदार्थों को नियंत्रित कर, कम से कम फैट अवशोषित करती हैं।
खाना पकाते वक्त तलने या भूनने के बजाय, ग्रिलिंग, बेकिंग, पोचिंग या स्टीमिंग करके खाना पकाएं। इन कुकिंग मेथड की मदद से आप अपने नियमित ऑयल कंजंप्शन को कम कर सकती हैं। ये कुकिंग विकल्प हेल्दी हैं, और डीप फ्राइंग जैसे नुकसान नहीं पहुंचाते।
आप भोजन तैयार करने के लिए एयर फ्रायर का उपयोग कर सकती हैं। खाद्य पदार्थों को फ्राई करने के लिए तेल में तलने की जगह एयर फ्रायर का उपयोग करें।
ऑयल कंजंप्शन को सीमित करने के लिए, इसके माप का ध्यान रखें। तेल इस्तेमाल करने के लिए एक चम्मच से तेल को मापें या ऑयल स्प्रे का उपयोग करें। इस प्रकार ऑयल नियंत्रित करें और जानें कि आप कितना उपयोग कर रही हैं।
फ्राइड और ऑयली खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, जंक और बाहरी खाद्य पदार्थों से परहेज करें। जंक फूड का कंजंप्शन कम करने के लिए, घर के बने खाने में रुचि बढ़ाएं।
डीप फ्राइड फूड खाने के बाद गुनगुना पानी पीने का सुझाव दिया जाता है, क्योंकि यह पाचन को बूस्ट कर देता है, और पाचन तंत्र के लिए चिकने भोजन को छोटे और नरम रूपों में तोड़ने में मदद करता है। यदि आप भारी भोजन के बाद पानी नहीं पीते हैं, तो आपकी आंत भोजन से पानी को अवशोषित कर सकती है, और कब्ज का कारण बन सकती है। ऑयली खाने के कुछ देर के बाद गुनगुना पानी पिएं।
अधिक ऑयली खाने के बाद ग्रीन टी का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। ग्रीन टी फ्लेवोनॉयड से भरपूर होती है, जो शरीर में एंटीऑक्सिडेंट की गुणवत्ता जोड़ता है। यह पाचन तंत्र पर ऑक्सीडेटिव लोड को संतुलित करने में आपकी मदद करता है।
आयुर्वेद के अनुसार, भोजन के बाद भुने जीरे के साथ दही खाने से पाचन तंत्र को बढ़ावा मिलता है। प्रोबायोटिक्स लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया एसिडिटी को रोकने और उचित मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। आप प्रोबायोटिक्स युक्त किसी भी पसंदीदा खाद्य पदार्थ को अपनी नियमित डाइट में शामिल कर सकती हैं।
ऑयली खाने के बाद अगले भोजन में फाइबर युक्त ओट्स या दलिया खाने से नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी, क्योंकि फाइबर सामग्री आंत को साफ करने में मदद करती है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ आपको लंबे समय तक संतुष्ट रहते हैं और धीमी गति से ऊर्जा रिलीज करते हैं। जिससे आपको लंबे समय तक सक्रिय रहने में मदद मिलती है, जबकि पाचन तंत्र भारी चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई करता है।
भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच अजवाइन का सेवन पाचन प्रक्रिया को सुचारू बनाने में मदद करता है और गैस, सूजन और अपच से बचाव में आपकी मदद करता है। अजवाइन को पानी में उबालकर इसे चाय के रूप में अपनी डाइट में शामिल करें।
ऑयली खाने के बाद अगले दिन के आहार में नट्स और बीज शामिल करें, क्योंकि वे फाइबर से भरपूर होते हैं और पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
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