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वर्किंग वुमेन हैं और मां बनने वाली हैं, तो इन 5 चीजों से करें वर्क लाइफ बैलेंस

प्रेग्नेंसी में हर महिला का सफर अलग होता है यही वजह है कि इसे लेकर महिला का अनुभव अलग होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में कई तरह के बदलाव आते हैं।
Published On: 19 Mar 2025, 06:12 pm IST
गर्भावस्था के दौरान सभी महिलाओं के शरीर में अलग अलग प्रकार के बदलाव देखने को मिलते हैं। चित्र – अडोबीस्टॉक

प्रेगनेंसी एक ऐसा अनुभव है जो हर महिला के लिए अलग-अलग होता है। इस समय महिलाएं कई तरह की मुश्किलों का सामना करती है, जैसे शारीरिक, मानसिक, हार्मोनल और इमोशनल। गर्भ में पल रहे शिशु के साथ अपने और ऑफिस के काम को मैनेज करना बेहद मुश्किल भरा होता है। इस समय महिलाओं की जिम्मेदारी बढ़ जाती है और ये ऐसा समय है जब उन्हें अपनी सेहत का खास ख्याल रखना होता है। अगर आप प्रेगनेंट हैं और ऑफिस भी जाती हैं तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें। आइए जानते है कि आपको किन बातों का ध्यान रखना है।

डॉ. अनुपमा गंगवाल सीनियर कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी (कोकून हॉस्पिटल जयपुर) कहती हैं कि, प्रेगनेंसी के दौरान कामकाजी महिलाओं को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए ताकि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। सबसे जरूरी है कि वे बहुत ज्यादा काम का दबाव न लें और अपने शरीर के संकेतों को समझें।

लंबे समय तक लगातार बैठने से कमर और पैरों में दर्द हो सकता है, इसलिए हर घंटे थोड़ा टहलना या हल्की स्ट्रेचिंग करना फायदेमंद रहेगा। पानी भरपूर मात्रा में पिएं और हेल्दी डाइट लें, जिसमें फल, हरी सब्जियां और प्रोटीन युक्त भोजन शामिल हो। कैफीन और जंक फूड से बचें क्योंकि यह बच्चे की सेहत पर असर डाल सकता है। काम के दौरान तनाव कम करने के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लें और गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज करें।

अगर थकान ज्यादा महसूस हो या किसी तरह की परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हाई हील्स पहनने से बचें और सही पॉश्चर में बैठें ताकि शरीर पर ज्यादा दबाव न पड़े। पर्याप्त नींद और आराम भी बहुत जरूरी है, इसलिए वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखना जरूरी है। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर प्रेग्नेंट वर्किंग वुमन बिना किसी परेशानी के अपनी प्रेग्नेंसी को हेल्दी और खुशहाल बना सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान डाइट में संतुलित और पौष्टिक आहार को बनाए रखना ज़रूरी है। चित्र- अडोबी स्टॉक

प्रेगनेंसी के दौरान वर्किंग वुमन को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए (Working women should keep these things in mind during pregnancy)

1 खाने का रखें ध्यान (take care of food)

गर्भवती महिला जो इस दौरान क्रेविंग के कारण कुछ भी खाती है। लेकिन आपके खाने का असर गर्भ में पल रहे शिशु के विकास पर भी पड़ता है। यही वजह है कि इस समय महिलाओं को एक हेल्दी और पौष्टिक डाइट लेना बेहद जरूरी होता है। पौष्टिक डाइट का मतलब ये है कि आपके आहार में सभी पोषक तत्वों का संतुलित होना चाहिए।

इसके लिए आप अपने डाइट में ताजे फल, सब्जियां, नट्स, ड्राई फ्रूट्स, दालें, दूध और दही जैसी चीजें शामिल करें। इन सभी में प्रोटीन, फाइबर, मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो आपके साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे का भी ख्याल रखते हैं। ये शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में सहायता करते है। इस समय आप ऑफिस में अपने साथ पोषक तत्वों से भरपूर, हल्का और घर का बना खाना लेकर जाएं।

2 हाइड्रेट रहें (stay hydrated)

पानी की कमी के कारण शरीर सुस्त हो जाता है और यही कारण है कि आपको थकान महसूस होती है। गर्भावस्था के समय महिलाओं को दिनभर में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए। महिलाएं ऑफिस में काम करते समय जूस या नारियल पानी का सेवन कर सकती हैं। इससे आपका पाचन सही रहेगा और आप हाइड्रेट भी रहेंगी।

शरीर की सक्रियता को बनाए रखना आवश्यक है और पीठ व कमर से बचा जा सकता है।

3 स्ट्रेचिंग करें (do stretching)

अगर आप दिनभर बैठकर काम करती हैं, तो प्रेग्नेंसी के दौरान आपकी पीठ और कमर में दर्द हो सकता है। ऐसे में आप हर एक घंटे में 10 मिनट का ब्रेक लें। इस समय में आप हल्की स्ट्रेचिंग या वॉक कर सकती हैं। आपको रोजाना हल्का व्यायाम भी करना चाहिए। इससे आप एनर्जी से भरपूर रहेंगी।

4 तनाव न लें (don’t stress)

गर्भावस्था के दौरान आपकी मानसिक स्थिति का असर बच्चे पर भी पड़ता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान आपको खुश रहना चाहिए और तनाव से दूर रहना चाहिए। इसके लिए आप नियमित रूप से मेडिटेशन और योगा का सहारा ले सकती हैं, जर्नलिंग कर सकती हैं इससे आपको मदद मिलेगी। इससे आपका तनाव कम होगा जिससे आपको राहत मिलेगी और आपके बच्चे का विकास भी अच्छे से होगा होगा।

5 डॉक्टर की सलाह लें (consult a doctor)

गर्भावस्था के समय महिलाओं को हर महीने अपने शरीर में अलग तरह के बदलाव महसूस होते हैं। लेकिन ये एक सामान्य बात है, लेकिन इस समय आपको डॉक्टर से परामर्श लें और उनकी निगरानी में टेस्ट करवाते रहें। जिससे मां और बच्चे दोनों के हेल्थ के बारे में पता चल सके और उनका ख्याल रखा जा सके।

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लेखक के बारे में
रूबी शुक्ला

रूबी शुक्ला युवा हिंदी कंटेट क्रिएटर हैं। वे स्किन केयर, हेयर केयर, हेल्दी लाइफस्टाइल और पारंपरिक उपचार पद्धति के बारे में लिखती हैं।

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