सर्द हवाएं त्वचा के अलावा बालों को भी नुकसान पहुंचाती है। इससे हेयरफॉल की समस्या बढ़ने लगती है और बालों के रूखेपन का भी सामना करना पड़ता है। इसी मौसम में बाज़ार में अमरूद की आदम बढ़ जाती है और अमरूद के साथ लगे पत्तों को एकत्रित करके बालों की दूखभाल में मदद मिल सकती है। बचपन के दिनों में अक्सर ऐसे मौसम में मां अमरूद के पत्तों को पानी में उबालकर बालों को धोने के लिए इस्तेमाल किया करती थीं। एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर इन पत्तों से फॉलिकल्स मज़बूत बनते हैं, जो बालों से संबधित समस्याओं का हल करने में मदद करते हैं। जानते हैं कि कैसे अमरूद के पत्तों से तैयार पानी करता है हेयरग्रोथ में मदद (guava leaves water benefits for hair) ।
इस बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि अमरूद के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं, जे स्कैल्प को संक्रमण से सुरक्षित रखने में मदद करता हैं। इसमें मौजूद विटामिन सी बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है और बालों के टूटने की संभावना कम हो जाती है। ये पत्ते स्कैल्प पर जमा डस्ट पार्टिकल्स को दूर करके ऑयल को नियंत्रित करता है। इससे बालों की मज़बूती बढ़ने लगती है और ग्रोथ साइकिल नियमित हो जाती है।
अमरूद के पत्तों का नियमित रूप से इस्तेमाल करने से बालों के पिगमेंट को मेंटेन रखती है। इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स, क्वेरसेटिन और ग्लाइकोसाइड्स स्कैल्प में पहुंचकर मेलेनोजेनेसिस को उत्तेजित करने में मदद करते हैं। इससे बालों का नेचुरल रंग मेंटेन रहता है।
इसमें मौजूद विटामिन ए और सी की मात्रा बालों में बीटा कैरोटीन के एब्जॉर्बशन को बढ़ाकर जड़ों को मज़बूती प्रदान करता है। इससे दो मुंहे बालों की समस्या को कम करके हेयरफॉल से बचा जा सकता है। इसके अलावा अमरूद की पत्तियों में पाई जाने वाली पोटेशियम की मात्रा हेया क्वालिटी को इंप्रूव करती है।
सर्दियों के मौसम में स्कैल्प का रूखापन बढ़ने लगता है। ऐसे में त्वचा को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने के लिए अमरूद के पत्तों को पानी में उबालकर हेयरवॉश के लिए प्रयोग करें। इससे स्कैलप पर होने वाले रैशेज़ और खुजली से बचा जा सकता है। इसमें पाई जाने वाली एंटी इंफ्लामेटरी और एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज़ बालों को साफ सुथरा रखने में मदद करते हैं।
अमरूद के पत्तों में लाइकोपीन पाया जाता है, जो बालों को प्रोटेक्टिव लेयर प्रदान करता है। इसका इस्तेमाल करने से कोलेजन की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे बालों का खुरदरापन कम होता है। इससे बाल शाइनी और स्मूद बने रहते हैं। बालों में बढ़ने वाली फ्रिजीनेस को कम करने के लिए सप्ताह में दो बार इसका इस्तेमाल करें।
बालों में बढ़ने वाला बैक्टीरिया का प्रभाव खुजली का कारण साबित होता है। बालों की जड़ों को मज़बूत बनाने और इचिंग से बचने के लिए अमरूद के पत्तों का पानी प्रयोग करें। इससे स्कैल्प हेल्दी रहता है और बालों का वॉल्यूम बढ़ने लगता है।
हेयर डेंसिटी को इंप्रूव करने के लिए बालों को धोने से पहले अमरूद की पत्तियों के पानी से हेयर स्प्रे कर लें। इससे बालों की जड़ों को मज़बूती मिलती है और बालों का टूटना व झड़ना कम होने लगता है। 30 मिनट के बाद बालों को धो लें।
शैम्पू में सीमित मात्रा में इस पानी को एड करके बालों में लगाएं और 3 से 5 मिनट तक बालों में लगा रहने दें। इससे स्कैल्प पर बढ़ने वाली खुजली से बचा जा सकता है। इससे बैक्टीरिया का प्रभाव कम होने लगता है। बालों के बीचों बीच हाथों से मसाज करने के बाद बालों को धो दें।
हेयर शाइन मेंटेन रखने के लिए अमरूद की पत्तियों के पानी से हेयरवॉश करने के बाद बालां को धोएं। इससे बाल हेल्दी और मज़ूबत बनते है। साथ ही बाल मुलायम दिखते हैं। सप्ताह में दो बार इसका इस्तेमाल बालों को पोषण प्रदान करने में मदद करता है।
दही में एलोवेरा जेल और अमरूद की पत्तियों का पानी मिलाकर हेयर मास्क तैयार कर लें। इसे बालों की जड़ों से लेकर लेंथ तक अप्लाई करें। इससे ग्रे हेयर्स की समस्या से बचा जा सकता है।
इसके लिए 1 लीटर पानी में मुट्ठी भर अमरूद के पत्तो को धोकर डाल दें। पत्तों को 10 से 15 मिनट तक उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो उसे ठंडा करके स्प्रे बॉटल में भर लें। एक से दो सप्ताह तक इस पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।