दिन भर एक ही मुद्रा में बैठकर काम करने से शरीर के साथ साथ दिमाग को भी तनाव और थकान का सामना करना पड़ता है शरीर को एक्टिव रखने के लिए जिस प्रकार से व्यायाम की मदद ली जाती है। ठीक उसी तरह से मस्तिष्क का विकास भी आवश्यक है। दरअसल, शरीर अपने सभी कार्यों के लिए ब्रेन पर निर्भर है। ऐसे में ब्रेन सेल्स को हेल्दी बनाए रखने के लिए उनका गतिशील होना आवश्यक है। जानते हैं कि किन टिप्स की मदद से शरीर और मस्तिष्क को एक्टिव (brain activities) बनाए रखने में मिलती है मदद।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार किसी भी कार्य में सभी इंद्रियों का इस्तेमाल करने से मस्तिष्क का विकास (Tips to boost mental health) होता है इससे ब्रेन फंक्शनिंग बढ़ जाती है और तनाव को कम करने में भी मदद मिलती है। एक ही समय पर स्मैल करने, देखने, छूने, टेस्ट करने और सुनने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को उचित बनाए रखने में मदद मितली है।
इस बारे में बातचीत करते हुए मनोचिकित्सक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि तनाव मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इससे एकाग्रता की कमी (causes of lack of focus), याददाश्त कमज़ोर होना और चिंता का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शारीरिक स्वास्थ्य के समान मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए मस्तिष्क को एक्टिव रखना आवश्यक है। इसके लिए मेडिटेशन के अलावा कुछ नया सीखने की चाहत मेमोरी का बूस्ट करने में मदद करता है। साथ ही क्रिएटिव थिकिंग का विकास होता है।
बुक रीडिंग दिगाम के लिए किसी सुपरफूड से कम नहीं है। इससे मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों को उत्तेजित करने में मदद मिलती है। इससे न केवल जानकारी बढ़ती है बल्कि बल्कि दिमाग की थकान को भी दूर किया जा सकता है। इसके अलावा किताबें पढ़ने से नींद न आने की समस्या को हल करने में मदद मिलती है। इससे कोगनोटिव हेल्थ और भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार नज़र आने लगता है।
ब्रेन पावर को बढ़ाने के लिए ब्रेन एक्सरसाइज़ की मदद ली जा सकती है। इसके लिए रूटीन में पज़ल गेम और क्रासवर्ड को शामिल करें। इससे मस्तिष्क की गतिशीलता बढ़ने लगती है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य को मज़बूती मिलती है। इससे कॉगनीटिव क्षमता में सुधार आने लगता है, जिससे याददाश्त में सुधार और एकाग्रता बढ़ने लगती है।
खुद को एगेंज रखने के लिए नई एक्टीविटीज़ को सीखने का प्रयास करें। फिर चाहे कुकिंग क्लास हो या कोई खेल। इससे ब्रेन के साथ ओवरऑल हेल्थ को फायदा मिल जाता है। नए स्किल्स को सीखने में जीवन के प्रति नज़रिया बदलने लगता है और विचारों में सकारात्मकता का विस्तार हो जाता है। साथ ही फ्रेड सर्कल मेंटेन रहता है।
गाने सुनना और गाना दोनों ही चीजें मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद साबित होती है। एनआईएच की रिसर्च के अनुसार म्यूज़िक सुनने से क्रिएटिव थिकिंग बढ़ने लगती है और ब्रेन सेल्स बूस्ट होते हैं। इससे मेंमोरी बढ़ने के अलावा मस्तिष्क की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। इसके अलावा शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होते हैं, जो तनाव के कारण शरीर में बढ़ने वाले कार्टिसोल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते है।
कई तरह के विचार मन में उठने से मानसिक और भावनात्मक तनाव बढ़ने लगता है, जो एक चुनौती के रूप में दिनचर्या को प्रभावित करता है। ऐेसे में मन में उठने वाले विचारों को रिलीज़ करने के लिए रोज़ाना कुछ देर मेडिटेशन के लिए समय निकालें। एक रूटीन बनाए और वर्तमान में रहने का प्रयास करें। इसके लिए सबसे पहले किसी जगह का चयन करें और फिर दिन में कुछ वक्त मेडिटेशन पर ध्यान केंद्रित करें।