अक्सर लोग मूंग दाल, चना और मटर को अंकुरित करके चाट के रूप में अपने आहार में शामिल करते है, ताकि शरीर को उच्च पोषण प्राप्त हो सके। अगर आप किसी ऐसे स्प्राउट की तलाश में हैं, जो डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के अलावा वेटलॉस में भी मददगार साबित हो सके, तो अंकुरित मेथीदाना एक बेहतरीन विकल्प है। सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से न केवल शरीर डिटॉक्स हो जाता है बल्कि शरीर में ग्लूकोज़ का एबजॉर्बशन धीमा होने लगता है। जानते है अंकुरित मेथीदाना सीड्स के फायदे और आहार में शामिल करने का तरीका भी (how to use methi sprouts)।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार मेथीदाने का सेवन करने से शरीर को विटामिन सी, प्रोटीन, फाइबर, नियासिन, पोटेशियम, आयरन और एल्कलॉइड जैसे पोषक तत्व प्राप्त होते है। इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर, फॉस्फोलिपिड्स, ग्लाइकोलिपिड्स, ओलिक एसिड, लिनोलेनिक एसिड और लिनोलिक एसिड पाया जाता है। इसमें मौजूद बायोएक्टिव कंपाउड शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं।
इस बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि मेथीदाना में एंटीऑक्सीडेंट्स की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा ये दाने फाइबर से भी भरपूर होते है, जिससे ग्लूकोज़ को अवशोषण धीमा होता है और भूख पर नियंत्रण बना रहता है। अंकुरित होने के बाद खाद्य पदार्थों में मौजूद एंटीन्यूट्रिएंट जैसे फाइटेट्स और टैनिन कम हो जाते हैं। इससे पोषण का स्तर बढ़ने लगता है। जानते हैं इसके फायदे और सेवन करने (how to use methi sprouts) का तरीका भी।
मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए मेथी के अंकुरित दानों का सेवन बेहद गुणकारी है। टाइप 2 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों को इसका सेवन करना चाहिए। इससे रक्त में बढ़े हुए शर्करा को कम करके शरीर में इंसुलिन के उत्पादन को उत्तेजित करने में मदद मिलती हैं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार टाइप 2 मधुमेह के रोगी अगर दो महीने तक 5 ग्राम मेथीदाने का सेवन करने है, तो उससे फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल में कमी आने लगती है। इसमें अमीनो एसिड की उच्च् मात्रा पाई जाती है, जो शरीर में इंसुलिन के स्तर को प्रभावित करता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार मेथी के बीज में गैलेक्टोमैनन नाम का पॉलीसैकेराइड पाया जाता हैं, जो एक प्रकार का कार्ब है। ये शरीर में एनर्जी को रीस्टोर करने में मदद करता है। इससे दिनभर पेट भरा रहता है और क्रेविंग्स को भी नियंत्रित किया जा सकता है। मेथीदाना में लगभग 75 फीसदी घुलनशील फाइबर की मात्रा पाई जाती है, जिससे मन संतुष्ट रहता है और मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है।
मेथी को स्प्राउट करके खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने लगता है, जिससे आर्टरीज़ में जमने वाले प्लाक से बचा जा सकता है। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह उचित बना रहता है, जिससे ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर निंयत्रित रहता है। इसमें मौजूद पोटेशियम की मात्रा हाई ब्लड प्रेशर की संभावना को कम कर देती है। साथ ही सोडियम के स्तर को नियंत्रित बनाए रखने में भी मददगार है।
फाइबर, प्रोटीन, आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर अंकुरित मेथीदाना सीड्स का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। इस लो कैलोरी फूड से तृप्ति बढ़ने लगती है, जिससे दिनभर की छोटी मोटी भूख से बचा जा सकता है। कैलोरी इनटेक में कमी आने से शरीर पर जमा चर्बी को बर्न किया जा सकता है। इसे स्प्रोउट के अलावा पाउडर और पेस्ट के रूप में भी खाया जा सकता है।
मौसम बदलने के साथ त्वचा पर बढ़ने वाले मुक्त कणों का प्रभान ब्रेकआउट की समस्या को बढ़ाता है और इलास्टीसिटी भी कम होनग लगती है। ऐसे में त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान से बचाने के लिए अंकुरित मेथीदाना का सेवन करें। इससे ब्लैकहेड्स, मुहासों और झुर्रियों को कम किया जा सकता है। वे लोग जो क्रो फीट और फाइन लाइंस से परेशान है, उन्हें नियमित रूप से इसका सेवन करना चाहिए।
रिसर्चगेट के अनुसार मेथी के अंकुरित बीज खाने से बालों के झड़ने से निपटने में मदद मिलती है। इसमें पाई जाने वाली एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके सेलुलर डमैज से बचाने में फायदेमंद साबित होती है। इससे बालों की जड़ों से लेकर फॉलिकल्स को भी मज़बूती मिलती है। इसके अलावा हेयरलॉस और स्कैल्प के रूखेपन से भी बचा जा सकता है। इसे चबाकर खाने या पानी के साथ निगलने से प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड प्राप्त होता है, जो डैमेज फॉलिकल्स की मरम्मत करता है।
मूंग दाल और चने को स्प्राउट करने के बाद उसका सैलेड तैयार कर लें (how to use Methi sprouts), जिसमें 5 ग्राम अंकुरित मेथीदाना को एड करके खा सकते है। इससे स्वाद और पोषण दोनों प्राप्त हो पाएंगे।
अक्सर मेथीदाना में कसैलापन बढ़ने लगता है। इसे दूर करने के लिए चावल तैयार कर लें और उसमें मेथीदाना स्प्राउट्स को डालकर हिलाएं। इसका सेवन करने से शरीर में पोषण की मात्रा बढ़ने लगती है।
टमाटर या फिर मिक्स वेजीटेबल सूप में इन स्प्राउट्स की गुणवत्ता को एड किया जा सकता है। सूप तैयार होने के बाद उसमें गार्निशिंग के लिए इसे डाला जा सकता है। इससे स्वाद में कोई कमी नहीं महसूस होती है बल्कि शरीर को कई फायदे मिलते है।
अगर आप मेथीदाना स्प्राउट्स को अकेले खाने से कतरा रही है, तो कोई भी सब्जी को पकाकर तैयार कर लें और उपर से इसकी गुडनेस को एड कर दें। इससे स्वाद भी बढ़ता है और शरीर को फायदा भी प्राप्त होता है।
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