प्रेगनेंसी में कम हो गया है हीमोग्लोबिन, तो एक्सपर्ट से जानिए इसे बढ़ाने के नेचुरल टिप्स
हमें स्वस्थ बनाए रखने में हमारे बॉडी सेल्स अपनी जरूरी भूमिका निभाते हैं। जहां वाइट ब्लड सेल्स इम्युन सिस्टम का जरूरी हिस्सा हैं, जिससे शरीर को बीमारियों और संक्रमण लड़ने में मदद मिलती है। तो वही रेड ब्लड सेल्स शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक है। यह ब्लड के साथ आंतों से टिशुज में ऑक्सीजन पहुचाने में भी मदद करते हैं। पर अगर प्रेगनेंसी में यह कम हो जाए तो मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए समस्या पैदा हो सकती है। आइए जानें गर्भावस्था में हीमोग्लोबिन बढ़ाने (how to increase hemoglobin in pregnancy) के प्राकृतिक तरीके।
इसी प्रकार हीमोग्लोबिन रेड ब्लड का एक आवश्यक प्रोटीन है। जो सेल्स में ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने के साथ कार्बनडाइऑक्साइड को फेफड़ों के सहारे बाहर निकालने में मदद करता है। इस मुद्दें पर गहनता से जानने के लिए हमनें बात की मैक्स हॉस्पिटल ( वैशाली) के सीनियर कंसल्टेंट (इंटरनल मेडिसिन) डॉ पी.एन चौधरी से, जिन्होंने हमें हीमोग्लोबिन से जुड़ें प्रश्नों पर विस्तार से जानकारी दी।
जानिए उम्र के स्तर के अनुसार कितना होना चाहिए हीमोग्लोबिन लेवल
शरीर में हीमोग्लोबिन की सही मात्रा होनी बेहद आवश्यक है, क्योंकि इससे बीमारियां बढ़ने का खतरा कम हो सकता है। डॉ पी.एन चौधरी के मुताबिक नवजात शिशु में हीमोग्लोबिन का नॉर्मल लेवल 17 ग्राम डीएल है, जबकि बच्चों में यह 11 ग्राम डीएल होना आवश्यक है। इसके साथ ही वयस्क पुरुष में नॉर्मल हीमोग्लोबिन लेवल 14 ग्राम डीएल होता है और वयस्क महिलाओं में यह लेवल 12 ग्राम डीएल होता है।
हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने के मुख्य लक्षण –
सीनियर कंसल्टेंट पी.एन चौधरी के अनुसार हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने के मुख्य लक्षणों में अक्सर थकान महसूस होना, कमजोरी और चक्कर आना शामिल हैं। इसके अलावा खून की कमी होने से आप एनीमिया (Anemia) का शिकार भी हो सकते हैं महिलाओं में ये समस्या ज्यादातर देखने को मिल सकती है।
हीमोग्लोबिन की कमी किस समस्या का कारण बन सकती है?
एक्सपर्ट के मुताबिक हीमोग्लोबिन की कमी होने पर एनीमिया की समस्या होती है। खून की कमी को मेडिकल भाषा में एनीमिया (Anemia) कहा जाता है। यह रोग तब होता है, जब रेड ब्लड सेल्स (आरबीसी) में हीमोग्लोबिन ( hemoglobin) का लेवल कम हो जाता है। हीमोग्लोबिन आरबीसी में एक प्रोटीन है, जो टिशुज तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार है। आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया रोग इसका सबसे आम प्रकार है।
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एनीमिया की कमी होने पर शरीर में होने वाली समस्याएं
कंसल्टेंट पी.एन चौधरी का कहना है कि जिन लोगों को एनीमिया की शिकायत होती है, उनको हार्ट और फेफड़ों से जुड़ी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। खून की कमी से दिल और फेफडों में कई तरह के कॉम्प्लीकेशंस होने लगते हैं। जैसे हार्टबीट फ़ास्ट होना, इसके अलावा कई बार हार्ट फेल होने का खतरा भी हो सकता है।
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए डाइट में शामिल करें ये फूड्स
1. हरी पत्तेदार सब्जियां
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए हम कुछ फूड्स को अपनी डाइट कर सकते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार हमें पालक और हरी पत्तेदार सब्जियों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करना चाहिए।
2. मौसमी फल
फलों की बात करें तो अनार, चुकंदर, केला, गाजर, अमरूद, सेब, अंगूर, संतरा, का सेवन करना फायदेमंद साबित होगा।
3. घरेलू नुस्खे
बादाम वाला दूध, गुड़, गुड़ की चाय और ड्राई फ्रूट्स में खजूर, बादाम और किशमिश खाना फायदेमंद होगा।
4. मांसाहारी आहार
नॉन वेज फूड्स में अंडा, चिकन या मछली भी हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
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