हेयरफॉल से निपटने के लिए अक्सर कई तरह के नुस्खे और शैम्पू का प्रयोग किया जाता है। मगर फॉलिकल्स की मज़बूती के लिए अंदरूनी ताकत का मिलना आवश्यक है। दरअसल, शरीर में पोषण की कमी बालों के झड़ने का मुख्य कारण साबित होती है। इससे स्कैल्प का रूखापन भी बढ़ने लगता है और हेयरथिनिंग का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में बालों को प्रोटीन और बीटा कैरोटीन समेत कई पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जो विटामिन्स के सेवन से शरीर को प्राप्त होते हैं। जानते हैं किन विटामिन्स की कमी से बढ़ने लगती है हेयरफॉल की समस्या और उससे बचने के लिए किन टिप्स की लें मदद(nutrients to prevent hair loss)।
इस बारे में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ आंचल पंथ बताती हैं कि हेयरफॉल से बचने के लिए आहार में विटामिन, ए,सी, ई और बी 12 अवश्य शामिल करें। ये विटामिन बालों के रोम चक्र में फायदेमंद साबित होते है। इसके लिए आहार में विटामिन रिच फूड्स शामिल करें, जिससे स्कैल्प को डीप नरिशमेंट की प्राप्ति होती है। साथ ही बालों को रूखापन कम होता है और हेयर डेंसिटी में सुधार होने लगता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार विटामिन बी 12 का सेवन करने से स्कैल्प पर सेल डिविज़न में मदद मिलती है। बायोटिन एक प्रकार का विटामिन बी है जो शरीर में मौजूद फूड को ऊर्जा में बदलने और सेल कम्यूनिकेशन में मदद करता है। ऐसे में बालों का झड़ना बायोटिन की कमी को दर्शाता है। ऐसे में विटामिन बी से भरपूर फूड्स को आहार में शामिल करके इस समस्या को हल किया जा सकता है।
इस विटामिन को सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है। इसके सेवन से बालों का रोम चक्र प्रभावित होता है और इससे हेयरलॉस से राहत मिलती है। इससे बालों के फॉलिकल्स को मज़बूती मिलती है, जिससे हेयर नरिशमेंट बढ़ जाता है। शरीर में इसकी मात्रा को बढ़ाने के लिए धूप प्रदान करने के अलावा दूध, दही, पनीर, मछली, अंडे और संतरे का सेवन करने से फायदा मिलता है।
शरीर में विटामिन सी की कमी आयरन के अवशोषण को कम कर देती है। इसके चलते खून की कमी हेयरलॉस का कारण साबित होता है। इसके अलावा विटामिन सी की कमी के चलते कोलेजन का सतर कम होता है, जिससे स्कैल्प का रूखापन बढ़ने लगता है और शुष्कता बढ़ जाती है। इसके लिए आहार में ब्रोकली, बैरीज़ और खट्टे फलों को शामिल करें।
विटामिन ई की गिनती फैट सॉल्यूबल विटामिन में की जाती है। इससे त्वचा, बालों और नाखूनों का स्वासथ्य उचित बना रहता है। इसमें मौजूद सूजनरोधी गुण ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं। इसके सेवन से एलोपीसिया का जोखिम कम हेने लगता है।
आहार में पालक को शामिल करने से शरीर को शरीर को फोलेट, आयरन, विटामिन ए और सी की भी प्राप्ति होती है। यूएसडीए के अनुसार 1 कप पालक का सेवन करने से 20 फीसदी विटामिन ए की प्राप्ति होती है। इससे ब्लड सेल्स को ऑक्सीजन मिलती है, जिससे बालों का टूटना और झड़ना कम होने लगता है।
विटामिन ए की कमी हेयरलॉस का कारण बनने लगती है। ऐसे में विटामिन ए से भरपूर शकरकंदी को आहार में शामिल करने से बालों को बीटा कैरोटीन की प्राप्ति होती है, जिससे सीबम प्रोडक्टशन बढ़ने लगता है। इससे हेयरलॉस की समस्या हल हो जाती है।
स्कैल्प के नरिशमेंट के लिए विटामिन सी और ई बेहद कारगर साबित होते है। इससे स्कैल्प पर बढ़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम किया जा सकता है। एवोकाडो का सेवन करने से शरीर को हेल्दी फैट्स की प्राप्ति होती है, जिससे बालों की मज़बूती बढ़ने लगती है।
इसमें मौजूद विटामिन सी से कोलेजन का प्रोडक्शन बढ़ने लगता है। इससे बालों को रूखापन दूर होता है और मज़बूती बढ़ जाती है। आहार में बैरीज़ को एड करने से शरीर में आयरन का एबजॉर्बशन बढ़ने लगता है। इससे हेयरलॉस से बचा जा सकता है।