रक्षाबंधन का त्योहार बाजार में मिठाइयों की मांग को बढ़ा देता है, जिससे खोए की मांग भी काफी ज्यादा बढ़ जाती है। डिमांड बढ़ने से बाजार में अशुद्ध पदार्थों का इस्तेमाल करके खोया और मिठाइयां बनाया जाना शुरू हो जाता है। त्योहारों के दौरान यह धांधली काफी ज्यादा बढ़ जाती है। लोग तरह-तरह के व्यंजन बनाने के लिए बाजार से मावा खरीदते हैं। इसमें होने वाली मिलावट के कारण स्वास्थ्य समस्याएं जैसे अपच, कब्ज, इत्यादि का सामना करना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप मावे की शुद्धता की जांच (how to check purity of khoya at home) स्वयं करें। हम बता रहे हैं इसके 4 तरीके।
एक्सपर्ट की मानें तो 1 किलो दूध में लगभग 200 ग्राम मावा निकलता है, जिस वजह से त्योहार में इसके मांग बढ़ने पर दुकानदारों के लिए इसे पूरा कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है। परंतु दुकानदार अपने प्रॉफिट को प्राथमिकता देते हुए मेवा एवं खोए की मात्रा को बढ़ाने के लिए इसमें स्वीट पोटैटो, वॉटर चेस्टनट फ्लोर, आलू और मैदा जैसे पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं। वहीं कई दुकानदार खराब क्वालिटी के केमिकल युक्त दूध को भी प्रयोग करते हैं।
नकली खोए को बनाने में इस्तेमाल किए गए सभी पदार्थ और केमिकल्स सेहत के लिए काफी ज्यादा नुकसानदेह हो सकते हैं। इससे पाचन संबंध समस्याओं का जोखिम सबसे न्यूनतम जोखिम है। कई बार घातक केमिकल कई गंभीर बीमारियां भी दे सकते हैं।
इसलिए स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए, सही और शुद्ध खोए की पहचान करना आना बहुत जरूरी है। तो इस रक्षाबंधन अपने भाई के लिए बनाएं शुद्ध खोए की मिठाइयां, जो आप दोनों के रिश्ते को मजबूत करने के साथ ही आपकी सेहत को भी बनाए रखेगा। इसीलिए,हेल्थशॉर्ट्स आपके लिए लेकर आया है, खोए की शुद्धता का पता लगाने के ये 4 आसान तरीके।
मावा असली है या नहीं इसका पता उसे खरीदते वक्त ही लगाया जा सकता है। फ्रेश मावे का टेक्सचर ग्रेनी और ऑयली होता है। जब आप इसे अपने हाथों पर रब करेंगे तो यह आपके हथेलियों पर हल्का ऑयल छोड़ जाएगा। इसके साथ ही ताजे खोए का स्वाद मीठा होता है। तो खोए या मेवा खरीदने से पहले थोड़े से खोए को लेकर अपनी हथेलियों पर जरूर रब करके देखें।
गरम पानी में हल्का सा नमक मिलाएं और खोए को खरीदने से पहले खोए के टुकड़े को इसमें डुबो दें। यदि खोया आयोडीन के संपर्क में आते ही ब्लू रंग का हो जाता है, तो मावे में स्टार्च की मात्रा मौजूद है। यह शुद्धता की निशानी नहीं है, इसे बिल्कुल भी न खरीदें।
खोए को बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए दूध में केमिकल जैसे कि फॉर्मलीन की मात्रा का पता लगाने के लिए आप सल्फ्यूरिक एसिड का इस्तेमाल कर सकती हैं। थोड़ा सा खोया लेकर इसे कंसंट्रेटेड सल्फ्यूरिक एसिड में डुबोएं। यदि यह शुद्ध पदार्थ से नहीं बना होगा तो, ऐसे में तैयार किए गए सल्फ्यूरिक एसिड के सैम्पल का रंग वॉयलेट रंग में बदल जाएगा।
खोए की शुद्धता जांचने के लिए हल्का सा मेवा लेकर उसमें थोड़ी-सी चीनी मिलाएं, और उसे गर्म होने दें। यदि मेवा पानी छोड़ने लगता है, तो समझ जाइए की यह बिल्कुल भी असली नहीं है।
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