दांत का दर्द खानपान की अनहेल्दी आदतों के कारण बढ़ने लगता है। दरअसल, अनियमित डाइट दांतों में सड़न पैदा करती है, जिससे दांत की जड़ में दर्द बढ़ने लगता है। अधिकतर लोग धीमा दर्द नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जिससे मसूढ़ों में सूजन और ब्लीडिंग का भी जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में रसोई घर में मौजूद कुछ खाद्य पदार्थ इस समस्या के जोखिम को कम कर सकते हैं। अगर आपके भी दांत में तेज़ चुभन या दर्द बना हुआ है, तो इन उपायों (toothache home remedies) को अवश्य अपनाएं।
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, एमडीएस, दंत चिकित्सक डॉ दिवाकर वशिष्ट का कहना है कि दांत की बाहरी परत जब कमज़ोर हो जाती है, तो नर्वस पर उसका प्रभाव दिखने लगता है। नसों में उठने वाला दर्द सेंसटिविटी का कारण बनने लगता है। आमातौर पर मुंह में पनपने वाला बैक्टीरिया दांत में कैविटी और गम ब्लीडिंग का कारण साबित होता है। इससे दांत के दर्द को दूर करने के लिए डॉक्टर की सलाह से ही कोई भी दवा या मेडिकेशन लें।
मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को दूर करने के लिए गुनगुने पानी में नमक छालकर कुल्ला करें। इससे ओरल हाइजीन मेंटेन रहती है और एक फर्स्ट एड के रूप में भी कार्य करता है। इससे दांतों में जमा गंदगी को भी हटाया जा सकता है। इससे मसूढ़ों की सूजन कम होने लगती है।
एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुणों से भरपूर फिटकरी को पीसकर दर्द वाले स्थान पर लगाकर 10 से 15 मिनट तक रहने दें। उसके बाद कुल्ला कर दें। इसके अलावा गुनगुने पानी में फिटकरी के पाउडर को डालकर कुल्ला करने से भी दांतों में मौजूद बैक्टीरिया से राहत मिलती है।
एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर लौंग के तेल से दांत दर्द को जल्द राहत मिलती है। इसके लिए लौंग के तेल को रूई पर लगाकर दांतों के बीचों बीच दबाकर रख लें। उसके बाद कुछ देर मुंह को बंद रखकर उंची जगह पर सिर को टिका लें। इससे दर्द कम होने लगता है। साथ ही टूथ सेंसिटीविटी से भी राहत मिल जाती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार लहसुन की कली चबाने से एलिसिन रिलीज़ होता है, जो बैक्टीरिया से राहत दिलाता है। इससे दर्द को कम किया जा सकता है। लहसुन में एंटी बैक्टेरियल गुण पाए जाते हैं। 10 से 15 मिनट तक इसे दांतों के मध्य रखने से ओरल हाइजीन मेंटेन रहती है
पुदीने में एंटी एंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है। पुदीना दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। इसे गर्म पानी में भिगोकर रखें ।उसके बाद टी बैग को ठंडा होने के लिए फ्रिज रख दें। अब उसे प्रभावित दांतों पर लगाएं। इससे दर्द कम होने लगता है
अमरूद के पत्ते ओरल हाइजीन को बनाए रखनेमें मदद करते है। इसके अलावा इसे पानी में उबालकर कुल्ला करने से दांतों का दर्द भी कम किया जा सकता है। एंअी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर इन पत्तों को चबाने से भी दांतों का स्वास्थ्य उचित बना रहता है।
सूजन को कम करने के लिए एलोवेरा जेल का इस्तेमाल कारगर साबित होता है। इसे प्रभावित दांतों पर लगाकर छोड़ दें। इससे मसूढ़ों में बढ़ने वाली सूजन को कम करके दर्द से भी राहत मिल जाती है।
गेहूं के ज्वारे की मदद से दांतों की सड़न को दूर करने और बैक्टीरिया की मात्रा को कम किया जा सकता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार इसमें मौजूद क्लोरोफिल का उचित स्तर दांतों की समस्या को कम करने में मदद करता है। इसे पानी में उबालकर कुल्ला करें या इसे चबाने से भी फायदा मिलता है।
ठंडी सिकाई की मदद से दांत को राहत मिलती है। इसकी मदद से ब्लड वेसल्स को संकुचित करके दर्द कम होने लगता है। साथ ही इससे सूजन और जलन को भी कम करने में मदद मिलती है। इसके लिए आइस पैक या फिर बर्फ को तौलिए में लपेटकर 20 मिनट तक प्रभावित स्थान पर रखें। इससे फायदा मिलता है।
चाहे सांसों की दुर्गंध हो, पीले दांत की समस्या हो या दर्द सभी चीजों में नींबू का इस्तेमाल कारगर साबित होता है। आधा चम्मच नींबू के रस में चुटकी भर हींग मिलाकर लगाने से दांतों की जड़ों को मज़बूती मिलती है।
जब दांतों की सड़न दांत की अंदरूनी परत यानि डेंटिन के नज़दीक आने लगती है। ऐसी स्थिति में संवेदनशीलता बढ़ जाती है, जो दर्द और कैविटी का कारण बनने लगते हैं ।
रोजमर्रा के जीवन में एसिडिक पेय पदार्थों और फूड्स का अत्यधिक सेवन दांतों को नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा माउथवॉश का नियमित प्रयोग करना दांत की बाहरी परत इनेमल को नुकसान पहुंचाता है। इससे दांत घिसने लगते है और सेंसिटीविटी का सामना करना पड़़ता है।
डिसेन्सिटाइज़ टूथपेस्ट से दर्द को दूर करने में राहत मिलती है। इसमें मौजूद पोटेशियम नाइट्रेट या स्ट्रोंटियम क्लोराइड की मात्रा दांतों की नसों में होने वाले दर्द को रोकने में मदद करती है।