रोजमर्रा की जिंदगी में कई तरह की सब्जियों, फलों और बीजों का सेवन करते हैं। मगर एक बात जो हमारे जहन में हर वक्त घूमती रहती है, वो ये है कि कौन सी सब्जियां या अन्य खाद्य पदार्थ अधिक पौष्टिक होगे या अपना पोषण खो देगें। सब्जियां में भरपूर मात्रा में नुट्रिशन पाया जाता है, जो हमारे दिल, दिमाग और स्किन से लेकर डाइजेस्टिव सिस्टम और इम्यून सिस्टम का पूरा ख्याल रखती हैं। आइए जानते हैं, उन सुपरफूड्स के बारे में जिन्हें कच्चा खाना आपकी सेहत के लिए जाेखिमकारक हो सकता है।
इस बारे में गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल की सीनियर डाईटीशियन अंबिका शर्मा का कहना है कि कुछ कच्ची सब्जियों को खाना शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। मगर ऐसा अधिकतर उन केसिस में देखा गया है, जिसमें कुछ लोगों की गट हेल्थ बहुत अच्छी कंडीशन में नहीं होती है या पहले से ही काम्प्रमाईजड होती है।
दूसरे शब्दों में कहें, तो जिनकी पाचन शक्ति पहले से ही कमज़ोर हो। इसके अलावा जिन्हें पेट से संबधी कोई रोग हो जैसे पेट में अल्सर और गेस्ट्राइटिस की समस्या हो तो ऐसे लोगों को कच्ची सब्जियों को खाकर एसिडिटी और भारीपन की शिकायत रहने लगती है। दरअसल, उन्हें डाइजेशन में दिक्कत आती है।
खासतौर से ऐसे लोग इन खाद्य पदार्थों को कच्चा खाने से परहेज करें। वहीं अगर कोई हेल्दी पर्सन थोड़ी बहुत इन चीजों को कच्चा खा लेता है, तो उसके शरीर को ये खाद्य पदार्थ बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं करते हैं और एकदम से कोई डेथ बेड पर नहीं पहुंचता है। मगर फिर भी इन खाद्य पदार्थों को अधिकतर खाने से बचें।
डाईटीशियन अंबिका शर्मा के अनुसार, “आलू को कच्चा खाने से सूजन जैसी समस्या पैदा हो सकती है। साथ ही इसमें एंटी न्युट्रिएंट गुण और सोलनिन पाया जाता है, जो फूड पाइज़निंग का भी कारण बन सकता है। इसके अलावा आलू में प्रचुर मात्रा में स्टार्च पाई जाती है, जो गैस और ब्लोॅटिंग का कारण बन सकती है। इसके अलावा अगर आपको आलू पर हरे दाग नज़र आ रहे हैं, तो उसे कच्चा खाने से बचें।”
कच्चा बैंगन खाना आपकी सहत के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है। अंबिका कहती हैं कि “आलू की तरह ही कच्चे बैंगन में भी सोलनिन नामक टॉक्सिक तत्व पाया जाता है। जो फूड पाइजनिंग का कारण बन सकता है। इसके अलावा बैंगन एलर्जी का का भी कारण बन सकता है। दरअसल, कच्चे बैंगन में पाया जाने वाला गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल शरीर में एसिडिटी की समस्या पैदा करता है और अन्य पेट संबधी रोगों को भी जन्म देता है।”
यूं तो कच्चा दूध हमारे स्किन टेक्सचर को सुधारने में सहायक होता है। मगर पीने के लिए हमें कच्चे दूध से परहेज करना चाहिए। दरअसल, इसमें साल्मोनेला और ईकोली नाम के जीवाणु पाए जाते है, जो दूध के उबलने के बाद नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में अच्छे स्वास्थ्य के लिए दूध को उबालकर पीना बेहद ज़रूरी है।
राजमा या किडनी बीन्स में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं। इन्हीं पोषक तत्वों के कारण अगर राजमा को ठीक से कुक न किया जाए, वे पेट के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। राजमा में फाइटोमेगलगुटिन टॉक्सिन पाया जाता है, जो शरीर में विषाक्त पदाथों को जन्म देता है। ऐसे में जरूरी है कि राजमा को खाने से पहले ज़रूर उबालें।
अक्सर बच्चे चलते फिरते कच्चे चावल खाने की ज़िद करते है, जो शरीर के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं। कच्चे चावलों या भीगे हुए चावलों को खाने से पेट में दर्द होने की संभावना रहती है। कई बार पूरी तरह से चावलों के न पकने से भी वो पेट को नुकसान पहुंचाते है। आसानी से डाइजेसट न हो पाने के कारण पेट संबधी कई रोगों के उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है।
डाईटीशियन अंबिका शर्मा के अनुसार, “मशरूम में एंटीऑक्सिडेंटस, विटामिन बी और पोटेशियम समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। कई लोग सेलेड के तौर पर कच्चे मशरूम का सेवन करते है, जो उचित नहीं है। दरअसल, मशरूम से मिलने वाले पोटेशियम की मात्रा उसके पकने के बाद बढ़ जाती है। आप चाहे, तो मशरूम को पकाकर, उबालकर या फिर ग्रिल करके भी खा सकते है।”
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कस्टमाइज़ करेंपालक, मेथी और अन्य पत्तेदार सब्जियों में आयरन और मैग्निशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो शरीर को मज़बूती प्रदान करते हैं। लेकिन अगर आप इन्हें कच्चा खाएंगे, तो आप इनके पोषण से वंचित रह जाएंगे। इनमेंं निहित पोषण तत्वों को पूरी तरह से पाने के लिए इन्हें पकाकर खाने की ही सलाह दी जाती है।
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