भारत में आयुर्वेद सबसे पुराना है। इसमें सबसे पहले ये सलाह दी जाती है कि आपको खाना समय पर खाना है और समय खत्म होने के बाद या उससे पहले कुछ नहीं खाना है। लेकिन आजकल की व्यस्त जीवनशैली में हम में से किसी के पास भी समय पर खाना खाने का भी समय नहीं है। अगर आपने कभी अपने दादा- दादी को देखा होगा तो वो लोग खाने को हमेशा एक ही समय पर खाते है और बहुत स्वस्थ रहते है। भारत में समय पर खाना खाने को बहुत पहले से ही महत्व दिया जाता रहा है। लेकिन आज के समय में शायद हम उस महत्व को भूलते जा रहें है।
फिटनेस और हेल्थ कोच नेहा रंगलानी ने इस विषय पर एक वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकांउट पर पोस्ट किया है। नेहा रंगलानी बताती है कि संतुलित पोषण, स्थिर ऊर्जा स्तर और पाचन स्वास्थ्य के लिए समय पर भोजन करना बहुत जरूरी है।
नियमित भोजन का समय ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है, ऊर्जा से किसी भी तरह के नुकसान से बचाता है। मानसिक स्वास्थ्य को भी अच्छा रखता है। अगर आप अपने भोजन को एक ही समय पर करने के लिए प्रतिबद्ध है तो ये आपके पाचन में सहायता करती है, जिससे पाचन संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
समय पर खाना खाने से आपको भूख को नियंत्रित करके और अधिक खाने से बचने में मदद होती है। इससे वजन को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है। यदि आप समय पर भोजन नहीं करते है तो आपमें मोटापा, मधुमेह, ब्लड प्रेशर और इसी तरह की जीवनशैली से जुड़ी हुई डिसऑर्डर का सामना करना पड़ सकता है।
रात का खाना जल्दी खाने से आपके शरीर को सोने से पहले भोजन को पचाने के लिए अधिक समय मिलता है, जिससे बेहतर पाचन को बढ़ाने में मदद मिलती है और अपच या एसिड रिफ्लक्स जैसी पाचन संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
सोने से कम से कम कुछ घंटे पहले डिनर करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। देर रात खाना खाने से नींद के खलल पड़ता है और परेशानी होती है और यह शरीर के प्राकृतिक नींद से जागने के चक्र में भी बाधा डाल सकता है।
अगर आप अपने वजन को कम करना चाहते है या अपने वजन को बनाए रखना चाहते है तो भी आपको रात का खाना जल्दी खाना चाहिए। इससे वजन प्रबंधन में मदद मिल सकती है। रात में देर से खाना खाने से अतिरिक्त कैलोरी की मात्रा बढ़ सकती है, क्योंकि शरीर के पास सोने से पहले ऊर्जा को बर्न करने के लिए पर्याप्त समय नहीं होता है।
रात का खाना जल्दी खाने से शरीर में भारीपन या सुस्ती की भावना को रोका जा सकता है जो अक्सर रात में देर से भारी भोजन करने के बाद महसूस होती है। इससे ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ाया जा सकता है और शाम के समय आपकी उत्पादकता में भी सुधार हो सकता है।
शाम को जल्दी खाना खाने से ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। यह ब्लड शुगर को बहुत तेजी से बढ़ने और गिरने से रोकने मदद करता है, जो मूड में बदलाव, क्रेविंग और ऊर्जा में उतार-चढ़ाव का कारण बन सकता है।
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