हमारे देश में कोई भी पर्व त्योहार स्वादिष्ट व्यंजनों के बिना पूरा हो ही नहीं सकता। और गोवर्धन पूजा भी बाकी त्योहारों से अलग नहीं है। दिवाली के अगले दिन होने वाली गोवर्धन पूजा श्री कृष्ण के गोवर्धन पर्वत उठाने और उसके पूजन का प्रतीक है। इस दिन हम प्रकृति का पूजन करते हैं। अन्नकूट की सब्जी प्रसाद रूप में ही बनाई जाती है।
माइथोलॉजी से अलग अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बात करें तो अन्नकूट की सब्जी का बहुत महत्व है। यह समय सर्दियों की शुरुआत और मानसून का अंत दर्शाता है। बारिश के मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियां नहीं खाई जाती हैं क्योंकि कीड़े इत्यादि का डर होता है। सर्दियां आते ही पत्तेदार सब्जियों का सेवन सुरक्षित हो जाता है। यही नहीं, अधिकांश मौसमी सब्जियां जैसे गाजर, मटर, गोभी, मेथी, बथुआ, सिंघाड़ा, आदि सर्दियों में ही आते हैं। अन्नकूट की सब्जी यह चिन्हित करती है कि अब सभी सब्जियां खाई जा सकती हैं।
इतना ही नहीं, अश्विन मास की नवरात्रि से त्योहारों की शुरुआत होती है जिस दौरान भारी भोजन किया जाता है। दिवाली पर भी पूरी, कचौड़ी जैसे तले और मसालेदार भोजन खाया जाता है। ऐसे मे अन्नकूट की सब्जी सादी और सुपाच्य होती है जो पेट कप राहत देती है।
अन्नकूट की सब्जी में आपको जितनी सब्जियां मिल जाएं डाल लें। बैंगन, सिंघाड़ा और मेथी अनिवार्य रूप से डाली जाती हैं। इसके अतिरिक्त आलू, टमाटर, मटर, गाजर, शिमला मिर्च, लौकी, गोभी, सोया, पालक, अदरक, हरी मिर्च, कद्दू, कमल ककड़ी, जैसी जो भी सब्जियां आपको मिल जाएं आप इस्तेमाल कर सकती हैं। इसमें 7, 11, 21 आदि सब्जियां होनी चाहिए।
1. एक कढ़ाई में देशी घी गर्म करें।
2. घी गर्म होने के बाद इसमें आधा चम्मच जीरा और चुटकी भर हींग डालें।
3. महीन कटी अदरक और हरी मिर्च डालें। हल्का भूनने के बाद इसमें हल्दी और धनिया पाउडर डालें।
4. अब इसमें बारीक कटा टमाटर मिलाएं और तेल छोड़ने तक पकाएं। कई संस्कृतियों में टमाटर का भी प्रयोग नहीं किया जाता है।
5. अब सभी सब्जियों को इसमें मिलाएं, स्वादनुसार नमक डालें और ढक कर पकने दें।
6. 15 से 20 मिनट धीमी आंच पर ढक के पकाएं और पूरी के साथ परोसें। आप चाहें तो गर्म मसाला भी मिला सकती हैं।
अन्नकूट की सब्जी में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। विभिन्न सब्जियों के मिश्रण वाली यह सब्जी पेट लम्बे समय तक भरने, ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित करने और वजन कम करने में सहायक है। 1979 की एक आयरिश हाइपोथिसिस में पाया गया है कि फाइबर युक्त डाइट कई गम्भीर बीमारियों को दूर रखती है।
अन्नकूट की सब्जी में कोई मसाले नहीं होते, यह भाप में ही पकती है और यही कारण है कि यह हल्की होती है। यह पेट और आंतों को इर्रिटेट नहीं करती। यह आसानी से पच जाती है और पेट साफ करती है। त्योहारों के कारण हमारे आहार में मसालेदार भोजन बढ़ जाता है। अन्नकूट की सब्जी पेट को आराम देती है।
अन्नकूट की सब्जी में ढेरों सब्जियां होती हैं जिनके अपने पोषक तत्व होते हैं। हरी सब्जियां जैसे पालक, मेथी, गोभी इत्यादि आयरन, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं। कद्दू में फ्लेवनॉयड्स, पोटैशियम और विटामिन ई होता है। बैंगन में आयोडीन भरपूर मात्रा में होता है। गाजर विटामिन ए का प्रचुर स्रोत है। तो देखा जाए तो अन्नकूट की सब्जी शरीर के लिए आवश्यक हर पोषक तत्व का स्रोत है।