डायबिटीज दुनिया भर में सबसे तेजी से बढ़ती बीमारियों में से एक है। एक बार इसकी दवा शुरू हो जाए तो जिंदगी भर उन पर निर्भर रहना पड़ता है। पर आयुर्वेद में कुछ ऐसी खास हर्ब्स हैं, जो डायबिटीज को कंट्रोल कर सकती हैं।
पिछले दिनों लॉकडाउन में हम में से बहुत लोग अपने घरों की चारदीवारी में ही बंद रहे। अगर आप वर्कआउट एट होम का रूटीन फॉलो नहीं कर पाई हैं तो निश्चित ही यह जीवनशैली आपके लिए कई तरह की समस्याएं खड़ी कर सकती है। इसलिए आयुर्वेद में सबसे ज्यादा जोर सक्रिय रहने पर दिया गया है। इसके अलावा आयुर्वेद में कुछ ऐसी हर्ब्स यानी जड़ी बूटियां भी दी गईं हैं जो आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकती हैं।
इसके नाम से ही जाहिर है कि यह शरीर में बढ़े हुए शुगर लेवल को कंट्रोल करती है। गुड़मार का वानस्पतिक नाम जिमनेमा सिल्वेस्टर (Gymnema sylvestre) है। यह साल भर होने वाली एक और बेल है। आप चाहें तो गुड़मार की पत्तियों को भी चबा सकती हैं। इसका स्वा द कुछ अलग होता है, इसलिए हो सकता है कि आपको यह पसंद न आए। पर यह मीठे की क्रेविंग को कंट्रोल करती है।
इस तरह करें गुड़मार का सेवन
डायबिटीज में गुड़मार का लाभ लेने के लिए आपको इसे लंच या डिनर के एक घंटे बाद इसका सेवन करना है। आजकल बाजार में इसका पाउडर भी मिलता है। आपको एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच गुड़मार का पाउडर डालकर पीना है। जल्दी ही आपको डायबिटीज में फर्क नजर आने लग जाएगा। आयुर्वेद के अनुसार यह खास जड़ी-बूटी कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को भी कंट्रोल करती है।
यह आयुर्वेद की बहुत ही खास और सुलभ जड़ी बूटी है। पान जैसे पत्तों वाली इस बेल को आप कहीं भी आम तौर पर देख सकते हैं। इसकी बेल में खास एंटी-डायबिटिक तत्व होते हैं। जो शरीर में इंसुलिन के स्तर को कंट्रोल करते हैं। इसक हर रोज उचित मात्रा में सेवन करने से मीठे की क्रेविंग पर भी नियंत्रण लगता है। यह पैंक्रियाज में बीटा कोशिकाओं को बढ़ाती है, जिससे ब्ल्ड में इंसुलिन का प्रभाव संतुलित रहता है।
इस तरह करें गिलोय का सेवन
असल में गिलोय की पत्तियों की बजाए उसकी लता का सेवन किया जा सकता है। यह नर्म लकड़ी की तरह होती है। इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर एक गिलास पानी में उबाल लें। और फिर इस पानी को छानकर पिएं। इसे पीने से आपकी डायबिटीज तो कंट्रोल होगी है, आपकी इम्यूनिटी (Immunity Boost) भी बूस्ट होगी।
जी हां सुनकर शायद आप मुंह बनाएं। पर इसका कड़वा स्वाद आपके लिए दवा का काम कर सकता है। आयुर्वेद में हर स्वाद को खास अहमियत दी गई है। हम अपने डेली रूटीन में खट्टा, मीठा, तीखा और नमकीन स्वाद तो ले लेते हैं, लेकिन कड़वा और कसैला छूट जाता है।
उस कमी को पूरा करने के लिए प्रकृति ने हमें कुछ ऐसे फल और सब्जियां दिए हैं, जो हमारे शरीर की कड़वे स्वाद की आवश्कता को पूरा करते हैं। इन्हीं में से एक है करेला, जिसे अंग्रेजी में बिटर मेलन (Bitter Melon) कहा जाता है।
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आप करेले को सब्जी, जूस आदि में भी इस्तेमाल कर सकती हैं। करेले का सेवन करने से इंसुलिन सक्रिय होता है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल रहती है। यह वेटलॉस में भी काफी मददगार होता है। इसमें सोडियम, पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन भी उपलब्ध होता है।
यह एक और खुशबूदार हर्ब है, जो स्वाद और महक दोनों बढ़ा देती है। वास्तव में यह दालचीनी के पौधे की छाल होती है, जिसे अलग-अलग व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एक अलग तरह की मिठास होती है। इसलिए अगर आप शुगर फ्री डाइट ले रहीं हैं] तो इसे अपनी ग्रीन टी में एड करके एक अलग तरह की मिठास का आनंद ले सकती हैं।
दालचीनी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर दोनों को ही कंट्रोल करती हैं। इसके लिए आयुर्वेद विशेषज्ञ हर रोज एक ग्राम दालचीनी पाउडर का सेवन करने की सलाह देते हैं।
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