2021 में हम सभी को कोविड-19 की दूसरी लहर का सामना करना पड़ा। जिसने हमें न केवल शारीरिक क्षति पहुंचाई, बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी बहुत गहरे से प्रभावित किया। शुक्र है कि इस दौरान हमारे पास कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स थीं, जिन्होंने समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में हमारी मदद की। किचन गार्डन में मौजूद गिलोय हो या मम्मी की मसालेदानी में मौजूद दालचीनी, आइए जानते हैं उन हर्ब्स के बारे में, जो इस साल हमारी जीवन रक्षक बनीं।
वर्ष 2021 में लोगों नें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ाने के लिए कई आयुर्वेदिक हर्ब्स का सहारा लिया, जो बेहद फायदेमंद हैं। लोगों नें इन हर्ब्स को अपने आहार में शामिल किया और इससे उन्हें कई फायदे भी देखने को मिले हैं।
आने वाले साल में कोविड – 19 के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ (Omicron) ने एक बार फिर सब को डरा दिया है। इसलिए अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए इन आयुर्वेदिक हर्ब्स का इस्तेमाल करना न भूलें।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद से यदि कोई चीज़ लोगों के बीच सबसे ज़्यादा पोपुलर हुई है, तो वह है गिलोय का काढ़ा। आयुष मंत्रालय ने गिलोय (Giloy) को इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर लेने की सलाह दी। यहां तक कि नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार गिलाेय इम्युनिटी बूस्ट करने में मदद कर सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार यह जड़ी बूटी औषधीय गुणों (Medicinal properties) से भरपूर है। यह न केवल प्रतिरक्षा को बढ़ावा देती है, बल्कि इसमें एंटी-टॉक्सिक, एंटीपीयरेटिक और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव भी होते हैं। अपनी इम्युनिटी मजबूत करने के लिए आप इसका सेवन काढ़े के रूप में कर सकते हैं।
आयुर्वेद में तुलसी को जड़ी-बूटियों की रानी कहा जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करती है। इसमें फाइटोकेमिकल्स, बायोफ्लेवोनोइड्स और एंटी-ऑक्सीडेंट यौगिक होते हैं, जैसे कि रोस्मरिनिक एसिड, जो श्वसन पथ में संक्रमण के इलाज के लिए एक बहुत अच्छा एंटी-माइक्रोबियल एजेंट है। इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का सबसे आसान तरीका है कि रोजाना 1 – 2 कप तुलसी की चाय पिएं, खासकर सर्दी के मौसम में।
एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली आपको प्राकृतिक रूप से कई बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकती है। आयुर्वेद कई औषधीय जड़ी-बूटियां प्रदान करता है जिसमें से एक शक्तिशाली जड़ी बूटी अश्वगंधा है। अश्वगंधा प्रतिरक्षा प्रणाली के कामकाज को बढ़ावा देने में भी आपकी मदद कर सकता है। आप अश्वगंधा का सेवन करने के लिए इसके पाउडर को दूध के साथ मिलाकर पी सकते हैं।
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पीएलओएस वन (पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस) जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, हल्दी में पाए जाने वाले एक यौगिक करक्यूमिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
हल्दी, जो एंटीवायरल, एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल है, प्रीबायोटिक भी है जो हमारे गट में हेल्दी बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देती है। अपनी इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए आप रोज़ रात को हल्दी वाला दूध पी सकते हैं।
कोरोना काल में कई लोगों नें शहद और दालचीनी का सेवन करना शुरू किया है। आयुर्वेद के अनुसार दोनों ही एंटी-इंफ्लेमेटरी हैं, एलर्जी से भी लड़ते हैं और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाते हैं। वे कब्ज को ठीक करने के लिए भी फायदेमंद है। इस प्रकार, दालचीनी की चाय शरीर को संक्रमण से बचाने और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक शानदार तरीका है।
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