ट्यूबरकुलोसिस (Tuberculosis) भारत में फैली प्रमुख बीमारियों में से एक है। भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा टीबी के मरीज हैं। 2020 में भारत से दुनिया भर के टीबी के 26 प्रतिशत केसेस सामने आए। ट्यूबरकुलोसिस बीमारी एक संक्रामक रोग है जो आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर टीबी बीमारी फैलाने वाला बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इस बीमारी का इलाज लंबे समय तक जारी रह सकता है।
शरीर को टीबी के संक्रमण से बेहतर तरीके से लड़ने में मदद करने के लिए बेहतर खानपान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कमजोर इम्युनिटी (Weak Immunity) वाले लोगों में टीबी से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है। स्वस्थ खानपान इम्युनिटी को बढ़ाने और शरीर को मजबूत करने तथा वायरस और बैक्टीरिया से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
स्वस्थ खानपान टीबी के खिलाफ निवारक उपाय के रूप में काम करता है। योग, मेडिटेशन और प्राणायाम जैसे अभ्यासों से स्वस्थ खानपान श्वसन मार्ग को साफ करता है, श्वसन तंत्र में संक्रमण और एलर्जी के खतरे को कम करता है। इससे फेफड़ों के कार्य में सुधार होता है। इस वजह से कोई सांस से सम्बंधित बीमारी नहीं होती है।
टीबी के लक्षणों (TB symptoms) में आमतौर पर कमजोरी, न चाहते हुए भी वजन कम होना, थकान, खांसी और बुखार होना शामिल होता हैं। हालांकि खाद्य पदार्थों के सही सेवन से टीबी से पीड़ित मरीज को काफी हद तक फायदा हो सकता है। आइये टीबी मरीजों के लिए सुझाए गए कुछ खाद्य पदार्थों पर एक नज़र डालते हैं:
अधिकांश टीबी मरीजों को भूख नहीं लगती है। इसलिए ऐसे मरीजों के लिए पनीर, सोया चंक्स और टोफू जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना महत्वपूर्ण हो जाता है। इस तरह के खाद्य पदार्थों को शरीर आसानी से अवशोषित कर सकता है और व्यक्ति को आवश्यक ऊर्जा दे सकता है।
वजन घटने से रोकने के लिए टीबी मरीजों को कैलोरी और पोषक तत्वों में भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने की जरुरत होती है। कैलोरी से भरपूर खाद्य पदार्थों में अनाज दलिया, केला, मूंगफली की चिक्की, रवा के लड्डू, गेहूं, रागी, खिचड़ी आदि शामिल हैं।
विटामिन A, C, E, और D एक स्वस्थ इम्युनिटी सिस्टम बनाने के लिए महत्वपूर्ण होता हैं। विटामिन A, C और विटामिन E एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो फ्री-रेडिकल्स को नष्ट कर सकते हैं और शरीर को क्रोनिक बीमारियों से बचा सकते हैं। इसके अलावा विटामिन D इम्युनिटी सिस्टम को रेगुलेट करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
टीबी के मरीज जो स्वस्थ खानपान से पर्याप्त विटामिन प्राप्त करने में असमर्थ हैं, उन्हें मल्टीविटामिन सप्लीमेंट (Multivitamin Supplements) लेने से काफी लाभ हो सकता है। विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थों में गाजर, संतरा, पपीता, अमरूद, आंवला, सोया, मीठा चूना, मेवा और मशरूम शामिल हैं।
स्पिरुलिना और मशरूम जैसे सुपरफूड टीबी के इलाज को बेहतर करने और एक मजबूत इम्युनिटी सिस्टम बनाने में मदद कर सकते हैं। एक चम्मच सूखे स्पिरुलिना पाउडर में 4 ग्राम प्रोटीन, 11 प्रतिशत विटामिन बी1, 15 प्रतिशत विटामिन बी2, 4 प्रतिशत विटामिन बी3, 21 प्रतिशत कॉपर और 11 प्रतिशत आयरन होता है। स्पिरुलिना एक सुपरफूड है, इसको थोड़ा सा भी रोज सेवन करने से रोज की पोषण संबंधी जरूरतें पूरी हो जाती है।
ताजा ऑयस्टर मशरूम विटामिन डी से रहित होता हैं लेकिन सूर्य के संपर्क में आने पर ये मशरूम विटामिन D को भरपूर मात्रा में प्रदान करते हैं। विटामिन D टीबी मरीजों को एंटी-टीबी दवाओं के खिलाफ प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने के लिए एक मजबूत इम्युनिटी सिस्टम बनाने में मदद करता है।
मेडिटेशन और योग की प्रैक्टिस करने से शरीर का इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बनता है। इस संबंध में कई वैज्ञानिक रिसर्च की गयी है। 5 वर्षों में ट्रांससेंडेंटल मेडिटेशन (पारलौकिक ध्यान) का करने वाले 2000 लोगों से जुड़े एक अध्ययन में यह पाया गया कि मेडिटेशन न करने वालों की तुलना में मेडिटेशन करने वाले केवल आधे लोग ही हॉस्पिटल में भर्ती हुए। एक अन्य अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग मेडिटेशन करते हैं, उनमें संक्रामक बीमारी होने की संभावना बहुत कम होती है। भले ही ऐसे लोग मलेरिया, बैक्टीरिया और वायरल संदूषकों के संपर्क में आने वाले स्थानों में रहते हों।
योग और मेडिटेशन का अभ्यास संक्रामक बीमारी के लक्षणों से निपटने का एक प्रभावी तरीका माना जाता है। योग रीढ़ को ताकत और लचीलापन प्रदान करता है, ऊपरी धड़ के आसपास की मांसपेशियों को फैलाता है और मजबूत करता है, और श्वसन की मांसपेशियों को मजबूत और लचीला रखकर श्वसन प्रणाली को बेहतर बनाता है। प्राणायाम नियमित काने से छाती की सतह का विस्तार होता है और फेफड़ों के गहरे हिस्सों में ताजा ऑक्सीजन जाकर फेफड़ों के काम को ज्यादा बेहतर तथा आसान बनाने में मदद मिलती है।
योग और मेडिटेशन के साथ एक स्वस्थ और संतुलित खानपान टीबी की बीमारी के इलाज में मददगार साबित हो सकता है। उचित संतुलित पोषण और एक्सरसाइज के बिना केवल एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज के परिणाम अच्छे नहीं आ सकते हैं।
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