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स्पिरिचुअल के साथ लेना है सेहत का भी लाभ, तो हम बता रहे हैं व्रत रखने का सही तरीका

रक्षाबंधन के साथ ही फेस्टिवल और फास्टिंग की शुरूआत होने लगती है। इनमें सबसे पहला अवसर है जन्‍माष्‍टमी। तो अगर आप जन्‍माष्‍टमी के व्रत के आध्‍यात्मिक के साथ स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी लेना चाहती हैं, तो फास्टिंग में कुछ खास चीजों का ध्‍यान रखें।
Updated On: 10 Dec 2020, 12:50 pm IST
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व्रत रखती हैं?,पहले जान लें यह ज़रूरी बातें। चित्र- शटर स्टॉक।

उपवास किसी न किसी रूप में हर धर्म का हिस्सा हैं, चाहे हिन्दू हों, मुस्लिम या यहूदी। हर संस्कृति में व्रत को खास मान्यता दी गयी है। इसका कारण है उपवास का वैज्ञानिक महत्व। हम जानें या न जानें मगर हमारे रीति रिवाज असल में साइंस पर आधारित हैं।

तो हम आपको बताते हैं व्रत करने से आपके स्वास्थ्य को क्या लाभ होता है।

शरीर को ऊर्जा हमारे भोजन से मिलती है, मुख्यतः कार्बोहाइड्रेट से। कार्बोहाइड्रेट को शरीर ग्लूकोज़ में बदल देता है, जो ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। हमारा लीवर कुछ ऊर्जा बचाकर रखता है, आपातकालीन स्थिति के लिए।

जब हम व्रत रखते हैं, तो उस बचाई हुई ऊर्जा का इस्तेमाल होता है। इसे ग्लूकोजेनेसिस कहते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ हेल्थ के अनुसार ग्लूकोजेनेसिस स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और फैट बर्न होना शुरु होता है।

स्वास्थ्य के लिए अच्छा है व्रत,जानें जन्माष्टमी पर व्रत रखने का सही तरीका। चित्र- शटर स्टॉक।

उपवास के वैज्ञानिक फायदे-

1. वजन कम करने में सहायक है

अगर आप 24 घण्टे या उससे कम उपवास करते हैं, तो यह आपके शरीर के लिये बहुत लाभदायक है। ग्लूकोजेनेसिस से शरीर में संग्रहित फैट बर्न होने लगता है। महीने में 2 से 3 बार उपवास रखना वजन कम करने में सहायक होता है।

वज़न घटाने के लिए व्रत फायदेमंद है। चित्र- शटर स्टॉक।

2. आप ज्यादा ऊर्जावान महसूस करते हैं

हम अक्सर सोचते हैं कि दिन भर कुछ न खाने पर तो हमें थकान होगी, लेकिन असल में उल्टा होता है। जब शरीर ग्लूकोजेनेसिस करने लगता है, तो मेटाबॉलिक रेट बढ़ जाता है। तेज मेटाबॉलिज्म यानी ज्यादा ऊर्जा बनना। उपवास के दौरान आपको फैट से ऊर्जा मिलती है। मगर उपवास तोड़ने के बाद भी आपका मेटाबॉलिक रेट तेज ही होता है, जिससे खाना जल्दी पच जाता है और ज्यादा ऊर्जा मिलती है।

3. हृदय रोग की सम्भावना कम होती हैं

जर्नल साइंस एंड सोसाइटी में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार उपवास रखने से बैड कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड्स 25% तक कम होते हैं। मोटापे से ग्रस्‍त 110 वयस्कों पर किये गए इस शोध में आठ हफ्ते तक हर तीसरे दिन व्रत रखा गया।

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एक थकान भरे दिन में एनर्जी के लिए आप किस पर भरोसा करती हैं?
उपवास आपके दिल की सेहत के लिए भी लाभदायक है। चित्र: शटरस्‍टॉक

आठ हफ्ते बाद सभी व्यक्तियों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या कम हुई, कोलेस्ट्रॉल 32% तक कम हुआ और हार्ट डिजीज की सम्भावना भी कम हुई।

व्रत तोड़ने का सही तरीका-

अगर आप पिछले 12 घण्टे या उससे अधिक समय से उपवास में थीं, तो व्रत तोड़ने का सही तरीका फॉलो करना बहुत ज़रूरी है।

1. अगर आपने निर्जला व्रत रखा था, तो सबसे पहले एक गिलास पानी सिप करके पियें।
2. व्रत के बाद पहला आहार एकदम हल्का लें। तले भुने भोजन से परहेज करें। क्योंकि एकदम से भारी खाने से आपके पाचनतंत्र पर जोर पड़ेगा।
3. कच्चे फलों के बजाय पका भोजन करें। कच्चे फल सब्जी पचाने में मुश्किल होती है। लौकी, तोरी, टिंडा या परवल की सब्जी बनाकर खाएं। यह सब्जियां सुपाच्य होती हैं।
4. खाने को देर तक चबाएं, हर निवाले को कम से कम 30 बार चबाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
विदुषी शुक्‍ला
विदुषी शुक्‍ला

पहला प्‍यार प्रकृति और दूसरा मिठास। संबंधों में मिठास हो तो वे और सुंदर होते हैं। डायबिटीज और तनाव दोनों पास नहीं आते।

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