आप अपने आहार को लेकर काफी अनुशासित हैं, निश्चित ही वर्कआउट सेशन के मामले में भी ऐसा ही होगा। इसके बावजूद आपके लिए ह्रदय संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। जी हां मैडम, क्योंकि हेल्दी डाइट का मतलब सिर्फ हरी सब्जियां और फल ही नहीं हैं। हेल्दी डाइट का मतलब होता है एक संतुलित आहार। संतुलित आहार में आपके खाने में हर तरह के पोषक तत्व शामिल होना ज़रूरी हैं। फिर चाहे वे प्रोटीन हो, फैट्स हो या फ़िर कार्ब्स।
जब फैट्स की बात आती है, तब हमारे आसपास कई सारे संदेह या फिर गलतफमियां आ जाती हैं कि हेल्दी फैट्स आखिर हैं कौन से। तो चलिए आज हम आपकी यही समस्या सुलझाते हैं।
मोनोसैचुरेटेड फैट्स, पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स आपके हृदय के लिए अच्छे हैं और यह आपके संतुलित आहार का हिस्सा होना चाहिए। अब यह हमें एक सवाल पर लाकर खड़ा कर देता है जिसके बारे में हम में से अधिकांश लोग चिंतित है : हमारे हृदय के लिए सबसे बढ़िया तेल कौन सा है?
आज हमारे साथ हैं डॉ. अरुण चोपड़ा, जो कि अमृतसर के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी के निदेशक और पारंपरिक हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। वे आज आपके सभी सवालों का जवाब देंगे और आपके सारे संदेह मिटा देंगे।
भारतीय राष्ट्रीय पोषण संस्थान के अध्ययन के मुताबिक, आपके आहार का लगभग 20% हिस्सा फैट्स से भरपूर होना चाहिए ऐसी स्थिति में यह और भी जरूरी हो जाता है, कि आप किस प्रकार के फैट्स का सेवन करते हैं।
“हालांकि हर कुकिंग ऑयल के एक टेबलस्पून में सामान्य मात्रा में ही कैलोरीज़ होती हैं, परन्तु स्वस्थ फैट्स जिन्हें अनसैच्यूरेटेड फैट्स कहते हैं उनकी मात्रा में अंतर होता है। वो ऑयल्स जिनमें MUFA (मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड्स) और PUFA (पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स) होते हैं (खास करके ओमेगा – 3 PUFA) हृदय के लिए अच्छे होते हैं।”, ऐसा डॉ. चोपड़ा समझाते हैं।
जब आप ज़्यादा तापमान पर खाना बनाती हैं, तो गर्मी के कारण तेल में से पेरोक्साइड और एल्डिहाइड जैसे हानिकारक रसायनों का उत्पादन होता है। ठीक इसी कारण ऐसे तेल जिनमें पॉलीअनसेचुरेटेड फैट्स उच्च स्तर में होता है जैसे अलसी या सूरजमुखी के तेल को ज़्यादा गर्म करने के बाद सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है। ऑलिव, ग्राउंडनट, राइस ब्रान और कनोला ऑयल जैसे कुकिंग ऑयल का सेवन करना अच्छी बात है।
सभी तेलों में से ऑलिव ऑयल को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। खास करके इसलिए क्योंकि इसमें MUFA उच्च मात्रा में मौजूद होता है। यह ह्रदय रोगों के खतरे को कम कर देता है और आपके कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी संतुलन में रखता है। एक राइस ब्रान ऑयल भी होता है जिसमें MUFA और PUFA का अच्छा संतुलन होता है। इसमें बादाम जैसा स्वाद होता है। अगर आप अपने खाने को ग्रिल या सौट करना चाहते हैं, तब भी यह उपयोगी साबित होगा!
जब आप तेल को सलाद को सजाने में या फिर सॉस में इस्तेमाल करते हैं, तब चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि आप तेल को गर्म नहीं कर रही हैं।
सही तेल को चुनने के अलावा डॉक्टर चोपड़ा सुझाते हैं कि लोगों को एक स्वस्थ हृदय संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए जैसे कि मेडिटरेनियन आहार। इस आहार में सब्जियों, फलों, नट्स, बीन्स, अनाज, मछलियों और अनसैचुरेटेड ऑयल जैसे कि ऑलिव ऑयल का सेवन ज्यादा मात्रा में करना होता है। इसमें मीट और दूध से बने पदार्थों का कम सेवन करना होता है।
“हेल्दी हार्ट डाइट” प्लान में जैसे मेडिटरेनियन आहार, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (सीवीडी) को रोकने के महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यह सीवीडी और मृत्यु के जोखिम में कमी लाता है। हालांकि, कैलोरी की गणना न करना और जटिल आहार पर चलना अनिवार्य है। एक दिन में दो से तीन प्रमुख भोजन शामिल करना और जंक फूड से बचना प्रमुख है।
डॉक्टर चोपड़ा यह भी सुझाते हैं कि हमें अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट्स, ट्रांस फैटी एसिड्स और अधिक नमक को न्यूनतम स्तर पर रखना चाहिए। जिससे कि हमारे ह्रदय पर कोई भी जोर या नकारात्मक प्रभाव न पड़े। वे एक स्वस्थ हृदय के लिए एक संतुलित आहार और व्यायाम की आवश्यकता को भी महत्वपूर्ण मानते हैं।
वे निष्कर्ष देते हैं, “प्रोसेस्ड और रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैट्स और चीनी की मात्रा ज्यादा होती है और इससे बचा जाना चाहिए। इसके अलावा, आपके समग्र शरीर के वजन का सिर्फ पांच से 10% खोने से प्लाक निर्माण को रोकने में मदद मिल सकती है। अतिरिक्त वजन कम करने के लिए आपको दिन में लगभग 30 मिनट के लिए पर्याप्त शारीरिक गतिविधि/व्यायाम करना चाहिए और स्वस्थ और फिट रहना चाहिए।”
तो लेडीज़ बिना कुछ सोचे इन टिप्स को अपनाएं। अखिरकार एक स्वस्थ हृदय अर्थात एक स्वस्थ मनुष्य।
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