क्या होता है सेहत पर असर जब आप अंकुरित आलू या लहसुन का सेवन करते हैं

अंकुरित दालें और अनाज एक सेहतमंद नाश्ता माना जाता है। पर कभी-कभी आपकी सब्जी की टोकरी में पड़ी कुछ और चीजों पर भी अंकुर निकलने लगते हैं। ये सेहत के लिए अच्छे होते हैं खराब?
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आलू एक ऐसी आम सब्जी है जिसे 12 महीने लगभग हर भारतीय सब्जी में इस्तेमाल किया जाता है। चित्र : शटरस्टॉक
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यह बात सबने सुनी होगी कि सेहत के लिए अंकुरित दालें (Sprout) और अनाज बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन क्या अंकुरित होने वाली कुछ अन्य सब्जियां जैसे लहसुन और आलू पर आने वाले अंकुर भी क्या इन्हें और फायदेमंद बना देते हैं या नहीं? अगर आपके मन में भी कभी यह सवाल आया है, तो हम आपके लिए इसका जवाब ढूंढ के लाए हैं। तो अंकुरित आलू और लहसुन का इस्तेमाल करने से पहले इसे पढ़ लें।  

दरअसल सर्दियों के मौसम में अक्सर आलू, प्याज, लहसुन जैसी सब्जियां भी अंकुरित हो जाती हैं। अकसर हम अंकुरित हिस्से को काट कर अलग कर देते हैं। उसके बाद शेष सामग्री को पकाने में इस्तेमाल किया जाता है, खासकर आलू में।  

आलू एक ऐसी आम सब्जी है जिसे 12 महीने लगभग हर भारतीय सब्जी में इस्तेमाल किया जाता है। इस मौसम में जब आलू जग जाते हैं यानी अंकुरित हो जाते हैं, तो खाने के लिए फायदेमंद नहीं होता है। वहीं लहसुन के मामले में यह बात पूरी तरह उलट है। 

सबसे पहले जान लीजिए अंकुरित अनाज के फायदे? 

आयुर्वेद के अनुसार सुबह नाश्ते में स्प्राउट (Sprout) एनर्जी बूस्टर के रूप में काम करता है। हालांकि इसका नियमित मात्रा में सेवन करने की सलाह दी गई है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन ए, बी, सी व ई से भरपूर होता है। अंकुरित अनाज में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट की वजह से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है।

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यह एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन ए, बी, सी व ई से भरपूर होता है चित्र-शटरस्टॉक

वहीं इसमें मौजूद लवण शरीर की दूसरी आवश्यकतों को भी पूरा करते हैं। इसमें फॉस्फोरस, आयरन, कैल्शियम, जिंक और मैग्नीशियम जैसे प्रमुख लवण पाए जाते हैं।

क्यों नुकसानदायक है अंकुरित आलू का सेवन?

आलू सोलनिन का एक प्राकृतिक स्रोत है। इसमें मौजूद ग्लाइकोकलॉइड कम्पाउंड कई सब्जियों में पाया जाता है। कम मात्रा में, ग्लाइकोकलॉइड्स कई स्वास्थ्य लाभ देता है, लेकिन अधिक मात्रा में खाने पर ये जहरीला हो सकते हैं। जब ज्यादा दिन रखे रहने की वजह से आलू अंकुरित हो जाता है, तो  इसमें मौजूद ग्लाइकोकलॉइड सामग्री भी बढ़ने लगती है।

जब हम अंकुरित आलू का सेवन करते हैं तो इसका बढ़ा हुआ ग्लाइकोकलॉइड कम्पाउंड अधिक मात्रा में हमारे शरीर में जाता है। जिससे फूड प्वाइजनिंग की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह मतली, दस्त, पेट में दर्द जैसी समस्याओं का कारण भी बन सकता है। इसके अलावा स्टडी के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान अंकुरित आलू का सेवन करने से जन्म दोष का खतरा बढ़ सकता है।

अंकुरित होना प्राकृतिक है इसे रोकना मुश्किल है, लेकिन आप आलू को स्टोर करने से बच सकते हैं जितनी जरूरत हो उतना ही खरीदें।

सेहत के लिए फायदेमंद है अंकुरित लहसुन 

जर्नल ऑफ एग्रीकल्‍चर एंड फूड कैमिस्ट्री में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार कई महिलाएं अंकुरित लहसुन को खराब समझकर उसे फेंक देती हैं। ऐसा करना बहुत गलत होता है, क्योंकि अंकुरित लहसुन के अनेक लाभ हैं। 

खाली पेट लहसुन खाना लाभदायक होता है, जबकि अंकुरित लहसुन खाना उससे भी ज्यादा फायदेमंद होता है। ताजे लहसुन की अपेक्षा में अंकुरित लहसुन में एंटी ऑक्सीडेंट ज्यादा होते हैं जो हमारे दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का काम करते हैं।

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लहसुन के मामले में लहसुन का अंकुरित होना खराब होना नहीं, बल्कि लहसुन की उम्र बढ़ना है।

कैंसर के बचाव की आयुर्वेदिक दवा है अंकुरित लहसुन

आयुर्वेद में अंकुरित लहसुन को दवा का दर्जा दिया गया है। दरअसल अंकुरित लहसुन में फाइटोकेमिकल्‍स पाये जाते हैं। जो कुछ प्रकार के कैंसर को फैलने से रोकने में  मददगारहोते हैं। 

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खाली पेट लहसुन खाना लाभदायक होता है। चित्र-शटरस्टॉक

एंटी एजिंग फूड है लहसुन 

जर्नल ऑफ एग्रीकल्‍चर एंड फूड केमिस्ट्री में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, ‘अंकुरित लहसुन का सेवन आपको न केवल रिंकल्स को दूर रखने में सहायता करता है, बल्कि इसमें अंगों की गिरावट को रोकने की भी क्षमता होती है।”

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सेहत, तंदुरुस्ती और सौंदर्य के लिए कुछ नई जानकारियों की खोज में ...और पढ़ें

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