दिनभर स्पाइसी और अनहेल्दी खाने के बाद रात में कुछ हल्का खाने से स्वास्थ्य को कई फायदे मिलते हैं। अधिकतर लोग इन दिनों अपने आहार में सॉफ्ट डाइट को शामिल करते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर इस आहार को चबाने के अलावा निगलना भी बेहद आसान है। अक्सर मौसम में आने वाले बदलाव के कारण लोग कई प्रकार की गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओ (gastrointestinal problems) का शिकार हो जाते हैं। उन समस्याओं समेत शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाने वाली सॉफ्ट डाइट (Benefits of soft diet) एक हेल्दी विकल्प है। जानते हैं सॉफ्ट डाइट क्या है और ये स्वास्थ्य के लिए किस तरह है फायदेमंद।
इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि बारिश के दिनों में पाचनतंत्र को मज़बूत बनाने और शरीर को एंप्टी कैलोरीज़ (empty calories) से बचाने के लिए सॉफ्ट डाइट (soft diet) आहार में शामिल की जाती है। इसे खाना और पचाना आसान है। इससे शरीर में किसी प्रकार के इंफे्क्शन का खतरा कम हो जाता है और हृदय संबधी समस्या से भी मुक्ति मिल जाती है। इससे शरीर को फाइबर की प्राप्ति होती है, जिससे बार बार भूख लगने की समस्या हल हो जाती है।
आमतौर पर गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं या सर्जरी के बाद सॉफ्ट डाइट की सलाह दी जाती है। मगर इन दिनों वेटलॉस (weight loss) के लिए सॉफ्ट डाइट की डिमांड दिनों दिन बढ़ रही है। सॉफ्ट डाइट को अपनाने के लिए आहार में पोहा, खिचड़ी, उपमा, ओवरकुक्ड राइज़ और पतली दाल को शामिल करें। इसके अलावा दही को भी सॉफ्ट डाइट कहा जाता है। इस तरह की डाइट को तैयार करते हुए ज्यादा मिर्च मसालों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसके अलावा गार्निशिंग और स्वाद को बढ़ाने के लिए मूंगफली के इस्तेमाल को भी रोका जाता है।
सॉफ्ट डाइट में फैट्स और कैलोरी कंटेट कम पाया जाता है, जिससे शरीर में बड़ी मात्रा में कैलोरी स्टोर नहीं होती है। फाइबर से भरपूर इस डाइट से शरीर को विटामिन और मिनरल की प्राप्ति होती है, जिससे शरीर को निर्जलीकरण का सामना नहीं करना पड़ता है।
इसके लिए आहार में नरम और ओवरकुक्ड आहार को शामिल किया जाता है, जिसे पचाना आसान हो जाता है। इससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है। साथ ही पेट दर्द, ब्लोटिंग, कब्ज, डायरिया और अपच का सामना नहीं करना पड़ता है।
अनहेल्दी और फ्राइड फूड खाने से आर्टरीज़ में प्लाक जमने लगता है, जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ जाता है। नरम आहार से शरीर में रक्त का प्रवाह नियमित बना रहता है और पोषक तत्वों की एब्जॉर्बशन बढ़ जाती है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रैशर (blood pressure) से मुक्ति मिल जाती है।
हेल्दी और लाइट डाइट लेने से शरीर में बैक्टीरिया के पनपने की संभावना कम हो जाती है और शरीर हेल्दी रहता है। नियमित रूप से सॉफ्ट डाइट लेने से बॉवल मूवमेंट नियमित बना रहा है और विषैले पदार्थों से शरीर को मुक्ति मिल जाती है। बरसात के मौसम में पर्यावरण में बबढ़ने वाले संक्रमण को रोकने के लिए हल्का और सॉफ्ट आहार कारगर है।
सूप की फॉर्म में या उबालकर उनका स्टू बनाकर लें। इससे शरीर को पोषक ततवों की प्राप्ति होती है और खाना आसान है। इसके लिए आहार में गाजर, घीया, पालक और बीन्स को शामिल करें।
फलों की प्यूरी बनाकर लेने से शरीर को फायदा मिलता है। इसके अलावा उन्हें बारीक काटकर खाना भी आसान है। आहार में केला, पीच, बॉइल सेब और एवोकाडो को शामिल कर सकते हैं। इन्हें खाने से शरीर को मज़बूती मिलती है।
दलिया, क्विनोआ और सूजी को आहार में शामिल करें। इन वन बाउल रेसिपी को खाने से शरीर को फाइबर और प्रोटीन की प्राप्ति होती है। इससे ओवरहेल्थ को मदद मिलती है। इसके अलावा ओवरकुक्ट चावल, पोहा और उपमा का भी सेवन करें।
ये भी पढ़ें- पनीर-क्विनोआ सलाद है वेट लॉस फ्रेंडली मील, जानिए इसके फायदे और बनाने का तरीका
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।