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मानसून में पूरी तरह से दूध छोड़ देना भी कर सकता है आपकी सेहत खराब, जानिए इसके जोखिम

बरसात के दिनों में अधिकतर लोग दूध के सेवन को बंद कर देते हैं। मगर कुछ सामान्य बदलाव लाकर दूध को हेल्दी बनाकर इसके पोषक तत्वों को ग्रहण किया जा सकता है। जानते हैं एक्सपर्ट से मानसून में दूध पीने का सही तरीका
Updated On: 15 Jul 2024, 11:36 am IST
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दूध को एक संपूण आहार माना जाता है। इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है और ऊर्जा के स्तर में सुधार आता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

मानसून के दौरान बार बार होने वाली बारिश की फुहारों से उमस की समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल, वातावरण में मौजूद नमी का स्तर बक्टीरियल इंफेक्शन के बढ़ने का कारण साबित होने लगता है। इससे खान पान की वस्तुओं में संक्रमण के जोखिम का खतरा बढ़ जाता है। खासतौर से डेयरी प्रोडक्टस में दूध के सेवन से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना आवश्यक है। हांलाकि बरसात के दिनों में अधिकतर लोग दूध के सेवन को बंद कर देते हैं (Side effect of giving up milk)। मगर कुछ सामान्य बदलाव लाकर दूध को हेल्दी बनाकर इसके पोषक तत्वों को ग्रहण किया जा सकता है। जानते हैं एक्सपर्ट से मानसून में दूध पीने का सही तरीका (right way to drink milk)।

इस बारे में न्यूट्रिशनिस्ट शिखा द्विवेदी बताती हैं कि दूध को एक संपूण आहार माना जाता है। इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immune system) बढ़ने लगती है और ऊर्जा के स्तर में सुधार आता है। इसके सेवन से शरीर दिनभर एक्टिव रहता है और हड्डियों से संबधित समस्याएं भी कम होने लगती हैं। मगर मानसून के मौसम में संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। वे लोग, जिनता पाचनतंत्र कमज़ोर है, उन्हें दूध को मॉडरेट ढ़ग से पीना चाहिए।

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दूध में मौजूद लैक्टोज़ स्मॉल इंटेसटाइन डाइजेस्ट नहीं कर पाती है, जिससे अपच या दस्त का सामना करना पड़ता है। चित्र- शटर स्टॉक

दूध का सेवन न करने से शरीर को होने वाले नुकसान (Side effect of giving up milk)

1. इम्यून सिस्टम कमज़ोर होना 

दूध में इम्युनोग्लोबुलिन की मात्रा पाई जाती है, जो प्रोटीन के रूप में शरीर के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं। इससे शरीर बैक्टीरियल इंफेक्शन से लड़ने में सक्षम हो पाता है। साथ ही मौसमी बीमारियों के प्रहार से भी मुक्ति मिल जाती है।

2. थकान और कमजोरी

दूध ऊर्जा का एक मुख्य स्रोत है। दूध का सेवन न करने से शरीर में थकान और कमजोरी का सामना करना पड़ता है। वे लोग जो मानसून में इनडाइजेशन का सामना करते हैं, वे दूध को पीने के तरीके में सामान्य बदलाव ला सकते हैं। इसके अलावा दूध को दही और लस्सी से स्वैब कर सकते हैं।

3. पाचन संबंधी समस्याएं

दूध में प्रोबायोटिक प्रॉपर्टीज़ पाई जाती है। इससे डाइजेशन को बूस्ट करने में मदद मिलती है और आंतों के स्वास्थ्य को मज़बूती मिलती है। ऐसे में दूध को लगातार स्किप करने से ब्लोटिंग, कब्ज या दस्त का सामना करना पड़ता है।

4. विटामिन डी की कमी

नियमित रूप से दूध का सेवन करने से शरीर को विटामिन डी की प्राप्ति होती है। इससे दांतों और हड्डियों को मज़बूती मिलने लगती है। मानूसन में सन एक्सपोज़र खुद ब खुद घट जाता है। ऐसे में दूध स्किप करने से विटामिन डी की कमी (vitamin D deficiency) बढ़ जाती है।

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नियमित रूप से दूध का सेवन करने से शरीर को विटामिन डी की प्राप्ति होती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

5. शरीर में पोषण की कमी

रोज़ाना दूध स्किप करने से शरीर में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन बी की कमी बढ़ जाती है। इससे आस्टियोपिरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। दूध को मॉडरेट ढ़ग से पीने से शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है।

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दूध को करे सकते हैं दही से रिप्लेस (replace milk with curd)

इस बारे में डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि बरसात के दिनो में इम्यून सिस्टम (immune system) कमज़ोर होने लगता है, जिससे बैक्टीरिया फैलने का खतरा बढ़ जाता है। कुछ लोगों को ऐसे में दूध पीने से लैक्टोज़ इनटॉलरेंस का सामना करना पड़ता है। दूध में मौजूद लैक्टोज़ स्मॉल इंटेसटाइन डाइजेस्ट नहीं कर पाती है, जिससे अपच या दस्त का सामना करना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर दही में मौजूद लैक्टेज़ एंजाइम गट हेल्थ को बूस्ट करने लगते हैं। वे लोग जिन्हें मानसून में इनडाइजेशन (indigestion) का सामना करना पड़ता है वे दूध को दही से रिप्लेस कर सकते हैं।

जानते हैं एक्सपर्ट से मानसून के दिनों में दूध को पीने का सही तरीका (right way to drink milk during monsoon)

1. दूध का उबालकर पीएं

इस बारे में एमडी आयुर्वेदा डॉ नितिका कोहली बताती है कि मानसून के दिनों में कच्चे और ठंडे दूध की जगह उबले हुए गर्म दूध का सेवन करना चाहिए। इससे माइक्रोऑरगेनिज्म के बढ़ने का खतरा कम हो जाता है। साथ ही डाइजेशन बूस्ट होता है और पोषक तत्वों का एक्जॉर्बशन बढ़ जाता है।

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मानसून के दिनों में कच्चे और ठंडे दूध की जगह उबले हुए गर्म दूध का सेवन करना चाहिए। चित्र : अडोबी स्टॉक

2. डाइजेस्टिव प्रॉपर्टीज़ को करें एड

दूध को हेल्दी और इज़ी टू डाइजेस्ट बनाने के लिए दूध में हल्दी, अदरक, इलायची या फिर दालचीनी को उबालकर पीने से शरीर को लाभ मिलता है। इससे दूध को पचाना आसान हो जाता है और दूध में फ्लेवर भी घुल जाता है।

3. दूध को मील के साथ कंबाइन न करें

शरीर को पोषण प्रदान करने के लिए दूध को मील के साथ लेने से बचें। इसे सुबह के नाश्ते या फिर शाम में अलग मील के तौर पर लें। इससे दूध का पाचन आसान होने लगता है। इसके अलावा दूध में फलों को मिलाकर खाने से भी डाइजेशन संबधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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