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आलू, कढ़ी या दाल मखनी खाने से हो जाती है अपच या गैस, तो हम बताते हैं इन्हें पकाने का सही तरीका

क्या आपको आलू, कढ़ी और दाल मखनी खाना बहुत पसंद है? मगर इससे होने वाली गैस और पाचन संबंधी समस्याओं से डर लगता है, तो हम बता रहे हैं इन्हें खाने का सबसे सही तरीका।
कढ़ी खाने का स्वस्थ और स्वादिष्ट तरीका है मेथी का चौंक। चित्र: शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Published: 19 Sep 2021, 14:00 pm IST
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उड़द की दाल और उससे बनने वाली अमृतसरी बड़ियों की सब्जी, दाल मखनी, मसालेदार आलू और पकौड़ों वाली कढ़ी, भला किसे पसंद नहीं होगी। ये सभी रेसिपीज न केवल बनने में आसान हैं, बल्कि खाने में भी काफी टेस्टी होती हैं। इसके बावजूद कुछ लोगों को इससे पाचन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। मगर परेशान न हों क्योंकि आयुर्वेद में कुछ खास खाद्य पदार्थों को बनाने का खास तरीका है। और यही तरीका आज हम आपके लिए लेकर आए हैं। जिससे न केवल आप पाचन संबंधी समस्याओं से बचेंगे, बल्कि यह आपको वेट लॉस में भी मदद करेंगे। 

सबसे पहले जानते हैं आलू, उड़द डाल और कढ़ी से क्यों खराब हो जाता है कुछ लोगों का पाचन 

1. आलू: 

इसकी सबसे खास बात यह है कि यह हर सब्जी में फिट हो जाता है। सही मात्रा में आलू खाने के फायदे तो हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं। ज्यादा आलू का सेवन ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर का स्तर बढ़ा सकता है। इतना ही नहीं यह मोटापे और एसिडिटी जैसी समस्या भी पैदा कर सकता है। इसे रोजाना अधिक मात्रा में खाने से सूजन और जोड़ों में दर्द की परेशानी भी हो सकती है। 

ज्यादा आलू का सेवन ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर का स्तर बढ़ा सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

2. उड़द दाल: 

इसके कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं है। लेकिन इसे पचने में वक्त लगता है। इसलिए सलाह दी जाती है कि गैस के रोगियों को रात में उड़द दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। यह खून में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ा देता है जिसके कारण गुर्दे में पथरी (kidney stone) भी हो सकती है। गर्भवती महिलाओं को उड़द दाल का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह एसिडिटी की तकलीफ पैदा कर सकती है। 

3. कढ़ी: 

इसको  स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन कई लोगों को इससे अपच हो जाती है। इसे पचाना मुश्किल होता है। जिसके कारण इसका सेवन रात में नहीं करना चाहिए। अगर आपको ब्लॉटिंग या गैस की समस्या है तो थोड़ी मात्रा में भी कढ़ी खाना आपकी परेशानी बढ़ा सकता है। 

इन समस्याओं को हल कर सकता है मेथी दाना 

आयुर्वेद में कुछ खास तरह के आहार के लिए खास मसाले निश्चित किए गए हैं। जिन्हें आहार का स्वस्थ संयोजन कहा जा सकता है। इसलिए वे आहार जिनसे ब्लॉटिंग की समस्या होती है, उनमें अकसर मेथी के छौंक की सलाह दी जाती है। 

मेथी के छोटे पीले दानों में भारी मात्रा में फ़ाइबर होता है। चित्र: शटरस्टॉक

मेथी के छोटे पीले दानों में भारी मात्रा में फ़ाइबर होता है, जो आपके पाचन को स्वस्थ रखता है। इससे आपके शरीर में ज्यादा फैट नहीं जमा होता और आपका वज़न कम रहता है। आयुर्वेद में किए गए शोध के अनुसार आलू, कढ़ी और उड़द दाल गैस की समस्या उत्पन्न करती है। लेकिन वही मेथी इनके इस प्रवृत्ति को काटने एन सक्षम है। मेथी के नियमित सेवन से आपको सकारात्मक परिणाम मिलेगा। 

मेथी दाना (Fenugreek seeds) के कई औषधीय उपयोग हैं। भूख न लगना, पेट खराब होना, कब्ज, गैस्ट्राइटिस (gastritis) जैसी पाचन समस्याओं में मेथी के सेवन की सलाह दी जाती है। 

मेथी का उपयोग मधुमेह, दर्दनाक माहवारी (period cramps), पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (polycystic ovary syndrome) और मोटापे के लिए भी किया जाता है।हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए मेथी का उपयोग होता है। यह कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) और ट्राइग्लिसराइड्स (triglyceride) सहित कुछ अन्य फैट का स्तर शरीर में कम करता है। स्तनपान कराने वाली महिलाएं कभी-कभी दूध के प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए मेथी का उपयोग करती हैं। 

तो अगर आप आलू, कढ़ी या उड़द की दाल खाने की शौकीन हैं, जो पचने में मुश्किल हैं और ब्लॉटिंग की समस्या देते हैं, तो आपको इन्हें हमेशा मेथी के छौंक के साथ पकाना चाहिए। 

मेथी दाना पोषक तत्वों से भरपूर होता है और वज़न घटाने में मदद करता है।

और भी हैं मेथी के फायदे 

मेथी दाना पोषक तत्वों से भरपूर होता है और वज़न घटाने में मदद करता है। फिट रहने और वज़न घटाने के लिए आप कई उपचार करते होंगे। लेकिन आपके घर के किचन में कुछ ऐसा जरूर होता है जो आपके इस लक्ष्य को पूरा करने में सहयोग करता है। उनमें से एक है मेथी। 

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क्या है इन्हें खाने का सही समय? 

आलू, कढ़ी और उड़द दाल के इस सब्जी को खाने क सबसे उपयुक्त समय है दोपहर का लंच। दोपहर में जब आप कामों से घिरे रहते ही तो सवादिष्ट कढ़ी और चावल आपको काम करने के लिए ऊर्जा प्रदान करेगी। आलू कार्बोहाईड्रेट से भरपूर होता है, जो दिन भर आपको एनर्जी देता है। वहीं उड़द दाल प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है और कढ़ी आपके मेटाबॉलिज्म को स्वस्थ रखने में कारगर है।  

तो लेडीज, अगली बार जब भी आलू, कढ़ी या उड़द दाल की सब्जी बनाएं तो उसमें मेथी का छौंक जरूर लगाएं। 

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अदिति तिवारी

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