प्रोटीन से भरा जबरदस्त फूड है सोया साग, इन 5 कारणों से हम कर रहे हैं सर्दियों में इसे खाने की सिफारिश
धनिया के पत्तों की तरह दिखने वाला सोया पत्ता (Soya saag) जड़ी- बूटी (Herbs) के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके पोषक तत्व सर्दियों में आपको बेहतर इम्युनिटी देकर बीमार पड़ने से बचाते हैं। अगर आप फिटनेस फ्रीक हैं और गिन-गिन कर कैलोरी लेती हैं, तो भी सोया साग आपके लिए परफेक्ट डाइट है, क्योंकि इसमें न्यूनतम कैलाेरी होती है। साथ ही यह खाने में एक अलग खुशबू भी जोड़ देता है। चलिए आज हम आपको सोया के पत्तों की खूबियों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
जानिए ताजा सोया साग में मौजूद पौष्टिक तत्व
ताजा सोया की टहनी में विटामिन ए, सी, डी, राइबोफ्लेविन, मैंगनीज, फोलेट, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, मैग्नीशियम, जिंक और फाइबर सहित कई पोषक तत्व होते हैं। इस प्रकार, ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। ये न केवल कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं, बल्कि स्वस्थ दृष्टि को भी बढ़ावा देते हैं।
यह आपकी त्वचा को सुंदर बनाते हैं, प्रतिरक्षा कार्यों को बढ़ावा देते हैं, पाचन संबंधी परेशानियों का इलाज करते हैं, नींद की समस्याओं को दूर करते हैं, हड्डियों के स्वास्थ्य को मजबूत करते हैं, श्वसन संक्रमण से राहत देते हैं।
यहां हैं सोया साग को अपनी विंटर डाइट में शामिल करने के लाभ
1. मधुमेह को नियंत्रित करता है
सोया के पत्तों में बायोएक्टिव घटक यूजेनॉल की उपस्थिति शक्तिशाली एंटी डायबिटिक गुणों को दर्शाती है। जो शरीर के भीतर रक्त शर्करा (Blood sugar) के स्तर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सोया की ताजा टहनी लेने पर β-पैंक्रिया की कोशिकाओं से इंसुलिन का उत्पादन सक्रिय हो जाता है। यह स्टार्च के ग्लूकोज में टूटने को कम करने में भी व्यापक रूप से मदद करता है। जो बदले में अचानक शुगर स्पाइक्स को रोकता है और संतुलित मधुमेह रीडिंग प्रदान करता है।
2. पाचन को बढ़ावा देता है
एक शक्तिशाली एपीटाइजर होने के अलावा, सोया के पत्ते उत्कृष्ट पाचन गुणों की विशेषता रखते हैं। ताज़ी सोया की टहनी में एंटी ब्लोटिंग (Anti bloating) गुण होते हैं। ये फूड पाइप में गैस के निर्माण को कम करता है। इस प्रकार सूजन, पेट फूलना और पेट दर्द की समस्या को कम करता है। इसमें फाइबर की प्रचुरता शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर पाचन गति को उत्तेजित करने में मदद करती है।
इस प्रकार यह कब्ज के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। इसके अतिरिक्त, इसके एंटासिड गुण पेट में अत्यधिक एसिड के गठन को रोकते हैं। जिससे अपचन, अल्सर, गैस्ट्र्रिटिस का इलाज होता है और शरीर में पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण को बढ़ावा मिलता है।
3. हड्डी के स्वास्थ्य को मजबूत करता है
हड्डियां मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, क्योंकि यह मांसपेशियों और अंगों को आकार, संरचना और सहारा देती हैं। कैल्शियम, आयरन, विटामिन डी, थायमिन, राइबोफ्लेविन और फाइबर की अच्छाई के लिए सोया पत्तियों को धन्यवाद।
सोया पत्तियां हड्डी सेल में वृद्धि सुनिश्चित करती हैं, जो बदले में शरीर के सकारात्मक संरचनात्मक विकास को प्रदान करने में मदद करती हैं। इसे दैनिक आहार में शामिल करने से कैल्शियम का अवशोषण बढ़ता है, हड्डियों का नुकसान कम होता है जिससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियों को रोका जा सकता है।
4. संक्रमण को रोकता है
इस पत्ते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी की खदान का उपयोग प्राचीन काल से कीटाणुओं से लड़ने और शरीर को विभिन्न संक्रमणों से बचाने के लिए किया जाता रहा है। अपने मजबूत एंटी-माइक्रोबियल गुणों के कारण सोया के पत्तों का उपयोग न केवल शरीर से बैक्टीरिया या कीटाणुओं को हटाने के लिए किया जाता है, बल्कि घावों के उपचार के लिए भी किया जाता है।
सोया का साग खांसी और सर्दी के इलाज, सामान्य दुर्बलता, कमजोरी, थकान को कम करने और शरीर की समग्र जीवन शक्ति में सुधार करने में भी बेहद फायदेमंद है।
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कस्टमाइज़ करें5. अनिद्रा को करे दूर
कामकाज की समय सीमा हो या किसी प्रकार का तनाव या चिंता, आज की गतिहीन जीवन शैली में बहुत से व्यक्तियों में अनिद्रा आम है। नींद की कमी बेहद दुर्बल करने वाली हो सकती है और इससे थकावट, सुस्ती हो सकती है। यह आपके शारीरिक और भावनात्मक अस्तित्व को भी परेशान कर सकता है।
सोया के पत्तों में फ्लेवोनोइड्स और बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन की प्रचुरता इसे अनिद्रा के लिए वन-स्टॉप प्राकृतिक उपचार बनाती है। इस जड़ी बूटी को अपने दैनिक आहार में शामिल करने से न केवल विभिन्न हार्मोन और एंजाइम के स्राव सक्रिय होंगे, बल्कि इसका मस्तिष्क और शरीर पर शांत प्रभाव पड़ता है। यह कोर्टिसोल के स्तर को भी कम करता है। अतः यह गुणवत्ता भरी नींद और स्लीपिंग पैटर्न में सुधार करते हुए तनाव को कम करने में मदद करता है।
जब जानिए सोया साग को कैसे करें अपने आहार में शामिल
सोया एक स्वादिष्ट सामग्री है जिसे आपके भोजन में जोड़ना आसान है। अपने भोजन में ताजा सोया पत्ती जोड़ने के कुछ तरीके हम बता रहें हैं:
- सूप या सूखी सब्जियों में इसे गार्निशिंग के रूप में इस्तेमाल करें।
- इसे ठंडे खीरे के सलाद के ऊपर छिड़कें।
- आलू के साथ इसकी सब्जी भी बनाई जा सकती है।
- इसे दही से बने डिप्स में मिलाएं।
- मछली या अंडे के व्यंजनों में स्वाद जोड़ने के लिए इसका इस्तेमाल करें।
- आप इसे सैंडविच में भी डाल सकती हैं।
- इसे सॉस, मैरिनेशन या सलाद ड्रेसिंग में शामिल करें।
इस तरह बिन मौसम भी ले सकते सोया पत्तों का मजा
ताजा सोया पत्ते को स्टोर करने के लिए:
- आप पहले ताजे पानी के साथ पत्तियों को हल्के से धो लें।
- टहनियों को एक कागज़ के तौलिये में लपेटें।
- फिर उन्हें ज़िप लॉक प्लास्टिक बैग में रख दें।
- इस तरह सोया पत्ती को अपने फ्रिज में 1 सप्ताह तक स्टोर करें।
लंबे समय तक स्टोर करने के लिए:
- आप ताजा पत्तों को धोकर फ्रीज कर सकते हैं और फिर डीप फ्रीज़र में इसे कागज में लपेटकर जमा सकते हैं।
- एक बार जमने के बाद, टहनियों को एक बैग में स्टोर करें और सर्वोत्तम स्वाद के लिए 6 महीने तक फ्रीजर में रखें।
- सूखे सोआ को एक एयरटाइट कंटेनर में 6 महीने से 1 साल तक ठंडी, अंधेरी जगह में संग्रहित किया जा सकता है।
ध्यान रहे, अधिक सोया पत्ते का सेवन है हानिकारक
सोया के पत्तों के असंख्य स्वास्थ्य लाभ हैं। लेकिन कभी-कभी इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त, उल्टी, मुंह में खुजली, पित्त, जीभ और गले में सूजन जैसी कुछ एलर्जी हो सकती है। यहां तक कि सोया के पत्तों के रस को त्वचा पर लगाने से भी थोड़ी जलन हो सकती है और त्वचा धूप के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती है।
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