जब बात की जाती है शरीर में मौजूद थायराइड ग्लैंड की, तो आपके शरीर के इस भाग में गड़बड़ी के चांस काफी एक्सट्रीम हो जाते हैं। शरीर में थायराइड हार्मोन की अधिकता तेजी से वजन घटने का कारण बन जाती है और इसकी कमी वजन बढ़ने का।
यदि काफी प्रयास करने के बाद भी आप अपना वजन कम नहीं कर पा रहीं हैं, तो संभव है कि आपको हाइपोथाइरॉएडिज्म हो, जिसकी वजह से आपका वजन बढ़ रहा है।
हाइपोथाइरॉएडिज्म का मतलब है मेटाबॉलिज्म का धीमे काम करना। यह सामान्य व्यक्ति के मेटाबॉलिज्म से काफी धीमे काम करने लगता है।
करिश्मा चावला जो कि एक न्यूट्रीशनिस्ट और लाइफस्टाइल एजुकेटर भी हैं, कहती हैं “यदि किसी व्यक्ति को हाइपोथाइरॉएडिज्म है तो उसे एक्सरसाइज के मामले में ज्यादा एफर्ट डालना पड़ता है। जब वजन कम करना हो, तो उसे स्ट्रेस मैनेजमेंट करना होता है और न्यूट्रीशन का भी अधिक ध्यान रखना पड़ता है। कहा जा सकता है कि आपको वजन कम करते वक़्त अपने धीमे मेटाबोलिज्म पर नहीं, बल्कि इन दो महत्वपूर्ण फैक्टर्स का ध्यान रखना चाहिए कंसिस्टेंसी और कमिटमेंट”।
करिश्मा एक सिंपल सा लेकिन काफी असरदार डाइट प्लान ऑफर करती हैं उन लोगों के लिए जो हाइपोथाइरॉएडिज्म से जूझ रहे हैं।
हमें ध्यान रखना चाहिए कि यह ग्लैंड हमारे शरीर को सही बैलेंस मेंटेन करने में मदद करती है। इसलिए सबसे जरूरी है संयमित कार्बोहाइड्रेट का सेवन। बहुत अधिक और बहुत कम कार्बोहाइड्रेट्स समस्या पैदा कर सकता है।
आहार में हमेशा ऐसे साबुत अनाज फल सब्जियां और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ जिनमें कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में हो, शामिल करना चाहिए। प्रोसेस मैदा, चीनी, ग्लूटेन से पूरी तरह दूर रहें।
थायराइड ग्लैंड हमेशा आयोडीन और सेलेनियम पर सही फंक्शन करने के लिए डिपेंड रहती है। इन दोनों में से किसी भी एक मिनरल की कमी थायराइड समस्या का कारण बन सकती है। आयोडीन समुद्री सब्जियों में पाया जाता है जैसे लोरी, डलस, कोम्बु और सी-वीड। इन्हें आप अपने सूप में, सलाद में, या stews में डाल कर खा सकते हैं। सेलेनियम ब्राज़ील नट्स, मशरूम और चिया सीड्स में पाया जाता है जिनका सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।
फर्मेन्टेड भोजन आपके आंतों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। यह थायराइड हेल्थ को भी बेहतर बनाता है। इसलिए आप अपने भोजन में एक या दो टेबलस्पून सॉरक्राट (sauerkraut) या किमची शामिल कर सकती हैं। कोंबूचा और केफिर ऐसे फर्मेन्टेड पेय पदार्थ है जो हैल्दी बैक्टीरिया से भरे होते हैं। यह आपके गट को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं और इस तरह थायराइड ग्लैंड को भी सपोर्ट करते हैं।
पत्ताट गोभी परिवार की (Cruciferous) सब्जियां जैसे ब्रोकली, बोक चाय, फूलगोभी, पत्ता गोभी, कोलार्ड साग और केल ऐसी सब्जियों को जब उनके कच्चे स्वरूप में खाया जाता है, तब वास्तव में यह आपके थायराइड फंक्शन को बेहतर बना देती हैं।
अच्छी और संतुलित मात्रा में हैल्दी फैट्स जैसे ओमेगा-3 फैट का सेवन आपको जरूर करना चाहिए। यह ऑटोइम्यून कंडीशन जिसमें थायराइट असंतुलित हो जाता है, उसमें मदगार होता है।
इसके लिए अखरोट, चिया सीड्स, फ्लैक्स सीड्स और फैटी फिश जैसे सैल्मन, सार्डिन और मैकेरल को अपने आहार में शामिल करें।
सही मात्रा में प्रोटीन को जरूर कंज्यूम करना चाहिए। जैसे अंडे, लीन चिकन, फिश, फलियां, नट्स और सीड्स। शायद आप डेयरी प्रोडक्ट्स से दूर रहना चाहें, क्योंकि ग्लूेटन और डेयरी प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले प्रोटीन का मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर थायराइड हार्मोन से मिलता है।
सब्जियों, सलाद और वेज स्मूदीज और प्रोटीन के कुछ सोर्स से मिलने वाला फाइबर थर्मोजेनिक (Thermogenic) भोजन कहलाता है। खासकर थायराइट के मामलों में यह मेटाबॉलिज्मज को बढ़ाता और वज़न भी कम करता है।
विटामिन D ऑटोइम्यून डिजीज से शरीर की रक्षा करता है। ये कुछ फैटी फिश में पाया जाता है जैसे: मैकेरल, सैल्मन और टूना मछली। विटामिन D3 के सप्लीमेंट भी काफी फायदेमंद होते हैं।
शरीर में थायराइड हार्मोन के पर्याप्त स्तर को बनाए रखने के लिए जिंक की आवश्यकता होती है। यह बीफ, झींगा, किडनी बीन्स, पालक और फ्लैक्सआ सीड्स में पाया जा सकता है।
तो देखिए किस तरह खाने में केवल छोटे-छोटे बदलाव कर के आप अपना वज़न घटा सकती हैं। यदि आप थायरॉइड असंतुलन से गुजर रही हैं, तो आपको ज़रूरत है केवल कंसिस्टेंसी और कमिटमेंट की…. बस उसके बाद रिजल्ट आपके फेवर में ही होगा।
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