यह बहस अभी कुछ ही साल पुरानी हुई है लेकिन अब भी जारी है कि किसी के डाइट का प्रकार क्या हो? किसी को वीगन होना चाहिए या वेज या फिर ओम्नीवोर्स। अलग- अलग तरह की डाइट पसंद करने वाले लोगों के पास अपने कुछ तर्क हैं जो अपनी डाइट को सबसे अच्छा बताने के लिए है। उसमें से कुछ तर्क नैतिक हैं और कुछ हेल्थ के नजरिए से। हम आज इस डिबेट का हिस्सा बनेंगे लेकिन केवल हेल्थ के पर्सपेक्टिव से और एक्सपर्ट की मदद से समझेंगे कि कौन सी डाइट बेहतर (Vegan vs Vegetarian vs Omnivores) हो सकती है और साथ ही इनके फायदे और नुकसान क्या हैं?
क्या है वीगन डाइट?
वीगन डाइट का मतलब एक ऐसे डाइट से है जिसमें सभी जानवरों के प्रोडक्ट्स से परहेज किया जाए। यानी इस परहेज में न सिर्फ मांस, मुर्गा, मछली शामिल है बल्कि वीगन लोग दूध, अंडे, शहद और किसी भी ऐसे प्रोडक्ट को अपनी डाइट का हिस्सा नहीं बनाते जिसका ओरिजिन कोई जानवर हो।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम में हेड न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर नीति शर्मा के अनुसार, वीगन खाना हार्ट हेल्थ के लिए, हाई ब्लडप्रेशर जैसी समस्याओं में या फिर डायबिटीज और मोटापे से जूझ रहे लोगों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसका कारण ये होता है कि नेचुरल तरीके से मिलने वाली ये चीजें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और हेल्दी फैट से भरपूर होती हैं। डॉक्टर नीति कहती हैं कि खास तौर पर फ्रूट्स, साबुत अनाज, हरी सब्जियां अगर पर्याप्त मात्रा में खाने में शामिल हों तो ये किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
स्वास्थ्य के अलावा वीगन आहार पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। दरअसल, पशुपालन उद्योग में जमीन, जल और एनर्जी का ज्यादा इस्तेमाल किसी से छिपा नहीं। इस कारण से इस इंडस्ट्री में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन भी बहुत अधिक होता है। वीगन आहार से इन सब असरों से हम बच सकते हैं और प्रदूषण से दूर रहना, अपने आप में एक बड़ा फायदा है।
डॉक्टर नीति के अनुसार, कई बार वीगन होने की सूरत में ऑप्शन्स लिमिटेड हो सकते हैं और शरीर में प्रोटीन, विटामिन B12, आयरन और कैल्शियम की कमी हो सकती है। और इसकी कमी से एनीमिया या हड्डियों का कमजोर होना, जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। हालांकि ये समस्याएं ऐसी नहीं हैं जो दूर न की जा सकें। आप जो भी खाएं, उसमें इसका ध्यान जरूर दें कि जरूरी पोषक तत्व आपके खाने में शामिल हों।
वेजिटेरियन डाइट यानी वो डाइट (Vegan vs Vegetarian vs Omnivores) जिसमें मांस, मछली और मुर्गा शामिल नहीं लेकिन अंडे और दूध जैसे एनिमल प्रोडक्ट को शामिल किया जा सकता है। हालांकि इसमें भी दो कैटेगरी है। लैक्टो वेजिटेरियन जो केवल दूध को अपने डाइट में शामिल करते हैं और अंडे से दूर रहते हैं और दूसरे वे लोग जो दूध और अंडे या केवल अंडे को अपनी डाइट का हिस्सा बनाते हैं जिन्हें ओवो वेजिटेरियन कहा जाता है।
डॉक्टर नीति के अनुसार, वेजिटेरियन डाइट (Vegan vs Vegetarian vs Omnivores) में प्रोटीन, फाइबर और विटामिंस जैसे मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं क्योंकि इसमें दूध और अंडे जैसी चीजें भी शामिल हो जाती हैं।
वेजिटेरियन डाइट की एक खास बात और है कि इसमें एनिमल प्रोडक्ट्स का यूज मांस के टूर पर नहीं होता इस वजह से इसमें अनहेल्दी फैट मिलने की संभावना भी कम होती है जिस वजह से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के चांस कम होते हैं और हमारा हार्ट दुरुस्त रहता है।चूंकि वेज लोग अपनी डाइट में दूध और अंडा शामिल कर सकते हैं। इस वजह से उन्हें प्रोटीन और कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में मिलता है जो उन्हें हड्डियों में कमजोरी जैसी समस्याओं से दूर रखता है।
वेजिटेरियन डाइट (Vegan vs Vegetarian vs Omnivores) के नुकसान वैसे तो कम हैं लेकिन कई बार क्रीम या कोई डेयरी प्रोडक्ट ज्यादा मात्रा में लेने से आपके शरीर में शुगर और फैट लेवल बढ़ सकता है। इसलिए अगर आप वेज हैं तो इस बात का ध्यान रखिए और बाजार से खरीदे हुए डेयरी प्रोडक्ट्स से परहेज करिए।
ओमनीवर्स डाइट यानी वो डाइट जिसमें दोनों प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं— जानवरों और पौधों से मिले प्रोडक्ट्स। ऐसे लोग सब्जियों से लेकर दूध और मीट या मछली सब खाते हैं।
ओमनीवर्स आहार में प्रोटीन, विटामिन और आवश्यक फैटी एसिड्स की पर्याप्त मात्रा मिलती है। ये सब एकसाथ मिलना किसी भी डाइट को संतुलित बनाता है। मांस और मछली में प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में मिलता है जो मांसपेशियों के हेल्थ के लिए फायदेमंद हैं।
ऐसे लोग जो ओमनीवर्स (Vegan vs Vegetarian vs Omnivores) हैं,वे कैल्शियम, आयरन और विटामिन B12 जैसे जरूरी तत्वों की कमी से अमूमन नहीं जूझते जिसकी संभावना वेजिटेरियन या वीगन लोगों में ज्यादा हो सकती है।
डॉक्टर नीति कहती हैं कि इस तरह की डाइट बेशक हर तरह के मिनरल्स को आपके शरीर तक पहुँचती है लेकिन इसमें मिलने वाले फैट हार्ट हेल्थ के लिए बहुत अच्छे नहीं होते। एक ऐसा खाना जिसमें सब कुछ हो लेकिन फाइबर ही कम हो, वो आपके शरीर के पाचन क्षमता पर बुरी तरह असर डालता है। संतुलित मात्रा में इन मीट जैसी चीजों को अगर अपने खाने में शामिल किया जाए तो नुकसान कम से कम होंगे।
डॉक्टर नीति ने इस सवाल के जवाब में हमसे बताया कि बजाय इस सवाल का जवाब देने के कि कौन सी डाइट (Vegan vs Vegetarian vs Omnivores) बेहतर है, हमें सिर्फ अपनी डाइट पर ध्यान देना चाहिए। हम चाहे वीगन हों, वेज हों या नॉन वेज, हमें ध्यान ये रखना है कि हमारे खाने में हर तरह की चीजें शामिल हों जो हमारे शरीर के लिए जरूरी है और ये भी कि कौन सी चीज हमें ज्यादा मात्रा में नहीं खानी। हर डाइट के अपने नुकसान और फायदे हैं, यह हम पर निर्भर करता है कि हम उसे किस तरह से लें कि उसके नुकसान हमें कम से कम हों।
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